बड़ी साली की चुदाई-1 (Badi saali ki chudai-1)

हेलो दोस्तों गुप्तता के लिए नाम और कुछ चीजे बदलनी पड़ी है। बाकी कहानी सच है। तो पूरा आनंद लीजिए।

मेरा नाम अंश पटेल है। मैं राजकोट गुजरात का रहने वाला हूं, और मेरा ससुराल भी यही है। मेरी लव मैरेज हुई है, और मैंने कभी अपनी पत्नी को धोका देने का सोचा भी नहीं था। परंतु सेक्स की चाहत आपको कुछ भी करवा सकती है, ये मैंने अनुभव कर लिया है। मुझे सेक्स करने में पूरा एक घंटा लगता है और मेरे लंड का साइज भी 7 इंच है तो मेरी पत्नी को सेक्स में दिक्कत होती थी, और में उसे फोर्स भी नहीं करता था।

मेरे ससुर की सिर्फ दो बेटियां ही है। एक मेरी पत्नी और उसकी बड़ी बहन जो कि हमारी कहानी की हीरोइन है। उसका नाम सोनाली है। उसकी उम्र 35 साल है। मतलब अब भी जवानी में ही है। रंग गोरा, हाइट तकरीबन मेरे जितनी 6 फीट, और शरीर पूरा भरा हुआ एक-दम कातिल बदन की मालकिन थी वो। बूब्स का साइज लगभग 38 और गांड का साइज 40 तो होगा ही।

ये बात उन दिनों की है, जब मेरी शादी को अभी सिर्फ एक साल ही हुआ था। मैं और मेरी पत्नी ने शादी से पहले बहुत सेक्स का आनंद लिया था। लेकिन शादी के बाद सेक्स मुश्किल से 15 दिन में एक बार ही हो पाता था। मतलब अब मुझे सेक्स की तलब लगने लगी थी।

मेरी पत्नी हर बात उसकी बड़ी बहन से शेयर करती थी, और मेरा स्वभाव शांत था तो सब के साथ मेरी अच्छी बनती थी।सोनाली की एक लड़की है जो 9 साल की है, उसे मेरा सब बहुत अच्छा लगता और मेरी भी उससे अच्छी बनती थी। मैंने कभी भी सोनाली के लिए बुरे विचार मन में नहीं लाए थे। सब अच्छा चल रहा था। मैं सोनाली को भी दीदी बोलता और मानता भी था।

एक दिन मेरी पत्नी ने सोनाली के घर से सामान लाने को कहा। उनके पति का दूसरे शहर में बिजनेस है। तो वो सुबह से रात शहर के बाहर ही रहते थे।

जब मैं उनके घर पहुंचा तो वो कपड़े धो रही थी। उसने व्हाइट सलीवलेस टॉप और प्लाजो डाला हुआ था। प्लाजो घुटनों के पूरा ऊपर चढ़ा कर रखा हुआ था। पानी से भीगा हुए टॉप के अंदर उनके पपीते जैसे बूब्स साफ दिख रहे थे। ऊपर से उनके काले निप्पल।

दीदी ने मुझे देखा और अंदर आने को बोला। अंदर जाकर मैं सोफे पर बैठ गया। दीदी ने मुझे सामान दिया और मैं निकल रहा था।

सोनाली: चाय पी कर जाइए कुमार।

मैंने कहा: नहीं दीदी, देर हो रही हैं। बाद में कभी।

जबकि मुझे चाय पसंद थी बहुत, जो कि उन्हें पता था। पर उन्हें इस हालत में देख कर मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था। मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था। लंड टाइट हो रहा था, पर फीलिंग समझ नहीं आ रही थी।

सोनाली: अरे कुमार देर नहीं लगेगी, सिर्फ चाय, 2 मिनट बैठिए आप।

उनके जोर देने पर मैंने हा कर दी। वो चाय बना रही थी, और मैं पीछे से बैठे-बैठे उनको ही देख रहा था। उन्होंने अभी तक प्लाजो ऊपर ही रखा हुआ था, जो ठीक उनकी गांड की नीचे ही था। उनकी बाहर निकली गांड जैसे प्यासे को पानी का काम कर रही थी।

सोनाली: और क्या चल रहा है, सब ठीक है ना?

मैं: सब ठीक दीदी, चलता रहता है।

सोनाली: चलता रहता है? मतलब मेरी बहन के साथ खुश नहीं हो तुम? क्या वो तुम्हे खुश नहीं रखती क्या?

मैं: अरे नहीं दीदी, मेरा मतलब सब कुछ बिल्कुल ठीक है।

सोनाली: तब ठीक है। अगर वो कुछ करे तो मुझे बोल देना। अगर कोई भी दिक्कत हो तो खुल के मुझे बता देना।

एक पल के लिए मुझे ऐसा लगा कि मैं उन्हें बोल दूं कि तुम्हारी बहन मेरा लंड नहीं ले पाती और मैं ठीक से सेक्स नहीं कर पाता। पर रिश्तों की मर्यादा को सोच कर मुंह से सिर्फ इतना निकला-

मैं: हां जी जरूर दीदी।

उन्होंने मुझे चाय दी, और वो सामने बैठ गई, और अपना फोन चला रही थी। मैं चाय पीते-पीते उनके बड़े-बड़े जैसे बूब्स को ही देख रहा था। मेरी नजर उनके निप्पल और बूब्स से हट ही नहीं रही थी, और मेरा लंड फटा जा रहा था।

मैं चाय पीके सीधा वाशरूम गया, और जोर-जोर से मुठ मरने लगा। मैंने इतनी जोर से कभी मुठ नहीं मारी थी। मेरे मुंह से आवाज़ निकल रही थी “आह आह आह सोनाली आह आह”

वहां मेरी नजर उसकी पैंटी पर गई। मैंने वो झट से हाथ में ले ली, और उसे मेरे लंड पर लगा कर जोर से मूठ मरने लगा। सिर्फ 10 मिनट में मेरा पानी निकल गया, और मैंने पैंटी गीली कर दी। फिर मैं बाहर निकला। वो वही बैठी थी। उसने मेरी तरफ देखा, और हल्की सी मुस्कराई और कुछ बोली नहीं। मुझे कुछ समझ नहीं आया, और मैं वहा से घर आ गया।

रात को मैंने अपनी पत्नी को बुरी तरह चोदा। चोदते वक्त मुझे मेरी बीवी में सोनाली ही नजर आ रही थी। मुझे पता नहीं चल रहा था मुझे हो क्या रहा था। थोड़े दिन बाद मैं सोनाली घर फिर से गया। इस बार वो टीवी देख रही थी। घर पर कोई नहीं था। उसकी बेटी स्कूल गई हुई थी।

मैं: दीदी कुछ दिनों से मुझे कुछ अजीब सा हो रहा है। उसके बारे में आपसे बात करनी थी। पर शर्म आ रही है। पता नहीं कैसे कहूं।

मेरी बात सुन के सोनाली ने टीवी बंद कर दिया।

सोनाली: जो भी हो कुमार, खुल के बताओ। आपका चेहरा देख कर तो लग रहा है बहुत जरूरी बात है। पर आप बोल नहीं पा रहे। जो भी हो, आप बस बोल दीजिए। मैं आपके बारे में कुछ नहीं सोचूंगी। एक मित्र समझ कर बोल दीजिए आपको आसानी होगी बोलने में। मैं आपको बिल्कुल थी जज नहीं करूंगी।

मैं: दीदी प्लीज़ मुझे माफ कर देना, और प्लीज़ ये बात हमारे सिवा किसी को मत बताना‌ ये बहुत शर्मनाक बात है। पिछली बार मैं जब आपके घर आया, उसके बाद से मेरे दिमाग में आपके लिए गंदे विचार आ रहे है। मैं इन्हे निकालने का प्रयास कर रहा हू़ं पर नहीं हो रहा। मुझे माफ कर दीजिए दीदी, पर मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूं।

सोनाली: क्या तुम्हारे मन में मेरे साथ सेक्स करने के विचार आ रहे है?

मैं: हां दीदी।

वो उठी और सीधा अपने कमरे में चली गई। मेरी गांड फट गई। मैंने सोचा, बेटा तू तो गया। पर 2 मिनट बाद जो हुआ हो बिल्कुल उल्टा था। रूम के अंदर से आवाज़ आई-

सोनाली: कुमार जरा अंदर आना।

मैंने दरवाजा खोला, और सोनाली को देख कर मेरा दिमाग-दिल हाथ-पैर सब सुन्न पड़ गए। समय जैसे थम सा गया। पूरा शरीर  जैसे शरीर से सारा खून मेरे लंड की तरफ भेज रहा था।

सोनाली ट्रांसपेरेंट ब्लैक बिकिनी पहन कर खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था ये क्या हुआ। आंखो जो देख रही ये सच था? जिसकी मैंने कल्पना की थी, वो उसी हालत में मेरे सामने खड़ी थी।

सोनाली: अब अंदर भी आओगे या वहीं खड़े देखते रहोगे?

मैं अंदर गया। उसने मुझे बेड पर बिठाया, और मेरी पैंट की जिप खोल कर मेरा लंड सीधा मुंह में लेने लगी, और जोर-जोर से चूसने लगी। मैंने उसके चेहरे पर हवस का सैलाब देखा। वो इतनी अच्छी चूस रही थी कि क्या बताऊं। याद करके आज भी लौड़ा टाइट हो जाता है।

मैं: आह आह ओह सोनाली चूस चूस इसे, ले अंदर आ आ मजा आ रहा हैं, आह ओह।

उसने मेरी तरफ देखा और बोली-

सोनाली: सोनाली नहीं आज से मैं सिर्फ सोनू सिर्फ तुम्हारे लिए। ये नाम सिर्फ तुम्हारे लिए। और इस लोड़े को मैंं कच्चा चबा जाऊंगी आज। बहुत चर्चे सुने थे इसके। इंतजार करवाया आज इसे पूरा निचोड़ लूंगी।

मैं: हां सोनू है तु मेरी। इंतजार से तुम्हारा क्या मतलब?

सोनू: वो सब बाद में बताऊंगी। अभी बस मुझे ये चाहिए।

जिस तरह से वो मेरा लंड चूस रही थी, लग रहा था उसे ब्लोजॉब का अच्छा अनुभव था। इतने जोर से वो चूस रही थी, जैसे लग रहा था झड़ने से पहने ये अंडो से वीर्य चूस लेगी। ऐसा ब्लोजॉब मैंने लाइफ में कभी नहीं क्रिया था।

रूम में उसके चूसने की आवाज जोर से आ रही थी। पुछ पुछ पुछ पुछ और साथ में मेरी आवाजे “आह आह आह सोनू आह, हां ऐसे ही आह, आह गॉड क्या चूसती है तू, ओह आह चूस और अंदर ले”। वो लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थी, पर आधा ही ले पा रही थी।

मैं उठा और उसके मुंह को घपा-घप चोदने लगा तेज़ी से। मैंने उसका सिर पकड़ा और लंड डाल दिया। उसकी सास रुक गई ,वो पीछे सर करने की कोशिश कर रही थी, और मैं जोर से उसका सिर दबाए जा रहा था। जब तक कि उसके होठ मेरे लंड के किनारे तक नहीं आए, तब तक मैंने सिर को दबाए रखा।

मैंने जब लंड बाहर निकाला, तो वो उसकी लार से पूरा लथ-पथ था। उसकी आंख से आंसू निकल रहे थे। वो जोर-जोर से सांस ले रही थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स हर सास के साथ ऊपर-नीचे हो रहे थे।

सोनू: बहनचोद थोड़ा तो रहम कर ले, कही भागी नहीं जा रही हूं। आराम से चोद जितना चोदना हैं। मार डालेगा गया चुति?

मैं: हां सही बोला तूने सोनू, आज सच में तुझे चोद कर बहनचोद बन ही जाऊंगा। लेकिन आज तुझे ऐसे चोदूंगा जिंदगी भर नहीं भूलेगी। साली मादरचोद रंडी।

ये कह कर मैं फिर से उसके बाल पकड़ के उसका मुंह चोदने लगा। में धना-धन उसका मुंह चोद जा रहा जा। अब मैंने उसे खड़ा किया, और उसकी बिकिनी को साइड किया जो कि सिर्फ उसके निप्पल को ही ढक रही थी। मैं दोनो बूब्स को दोनों हाथों में लेकर दबा रहा था, और निप्पल से खेल रहा था।

उसके बड़े पपीते जैसे बूब्स एक हाथ में आ भी नहीं रहा था। उसके निप्पल काले थे, पर सफेद बड़े-बड़े बूब्स पर वो निप्पल मुझे पागल कर रहे थे। मैं लेफ्ट साइड के निप्पल को मुंह में भर कर चूसने लगा, और राइट हैंड से जोर-जोर से स्तन को दबाने लगा। वो चिल्ला रही थी।

सोनू: आह आह चूस जोर से आह उफ़ ओह।

मैं और तेज़ी से चूस रहा था, और दूसरे स्तन पर चांटे मार रहा था। वो चिल्ला रही थी।

सोनू: बहनचोद आह आह ले और ले आह खा जा इन्हे आ चूस जोर से आह।

अब मैं दूसरा निप्पल चूस रहा था, और दूसरे हाथ से स्तन की कुटाई कर रहा था। सोनू के स्तन इतने सॉफ्ट और सेक्सी थे कि कोई भी पूरा दिन अगर उसके सिर्फ स्तनों के साथ खेलता रहे, तब भी उसका जी ना भरे। अब मैं दोनों हाथों से दोनों स्तनों को जोर-जोर से निचोड़ रहा था।

उसके स्तनों में निप्पल तक आने वाली सारी नसे मुझे उन्हें चूसने पर और मजबूर कर रही थी।

मैं जीभ से पूरे के पूरे स्तन को चाटने लगा। नसों से होते हुए निप्पल तक पहुंचता तब वो सिहर उठती। दोनो बूब्स चूस-चूस कर और दबाते-दबाते एक दम लाल हो गए थे। 10 मिनट और उसके बूब्स से खेलता रहा।

सोनू: अब रहा नहीं जाता, लंड दे भी मुझे प्लीज़।

मैं: अभी रुक जा जरा, अभी तो तेरी चूत की बारी है।

मैंने नीचे हाथ लगाया, तो उसकी पैंटी एक-दम गीली हो गई थी। मैंने पैंटी निकाली, और देखा उसकी चूत एक-दम साफ़ थी। चूत का बाहर का रंग हल्का कला और द्वार के अंदर का रंग एक-दम गुलाबी। ऊपर से उसकी चूत के रस से भीगे हुए चूत के होंठ और चूत के बाहर टपकता उसकी चूत का प्रेम रस मुझे और उत्तेजित कर रहा था। उसकी चूत से निकलती मलाई देख कर समझ गया कि ये साली तो झड़ गई हैं।

मैं: साली बहन की लोड़ी इतनी देर में छोड़ दिया।

सोनू: अभी और पानी छोड़ना है मुझे, और चोद मुझे। आज से मेरा सब तेरा है, जो चाहे वो कर। पहली बार इतना मजा आया है। कर रुक मत।

मैंने उसकी चूत की मलाई को चाट लिया, और पूरी चूत का पानी चाट-चाट के साफ कर दिया। अब मैंने उसके पैरों को फैला कर चूत दो हाथ से खोल दिया। जैसे ही जीभ से मैंने उसकी क्लिट को टच किया, उसकी पूरी बॉडी में करंट दौड़ गया।

सोनू: आह चूसो मेरी चूत को। अभी तक किसी ने मेरी चूत को नहीं चाटी आह, बहुत मजा आ रहा है आह, चूसो जोर से आह।

मैं जोर-जोर से उसकी चूत को चाटने लगा। वो भी अपनी गांड से चूत ऊपर-नीचे करके चटवा रही थी। उसके दोनों पैर शेक कर रहे थे। पूरे रूम में उसकी आवाज गूंज रही थी “आह चूसो, और जोर से आह आह ओह गॉड आह खा जा मेरी चूत को आह आह”। मैं और जोर से उसकी पूरी चूत को मुंह में भर के चूसने लगा। वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी।

सिर्फ 5 मिनट चूसने के बाद वो जोर-जोर से चिल्लाने लगी “आह आह आह ओह गॉड आह” मेरे बाल पकड़ कर जोर से चूत को पर मारने लगी। उसकी सांसे तेज चल रही थी। उसने मेरे मुंह में अपनी मलाई निकल दी, और उसका पूरा शरीर कांप रहा था। वो तेज़ी से झटके ले रही थी।

सोनू: अब बस अब और मत तड़पाओ, डाल दो अपना लंड मेरी चूत में। फाड़ दो इसे।

मैंने तुरंत अपना लंड चूत के मुंह पर सेट किया, एक जोरदार झटका मारा। उसकी चूत हद से ज्यादा गीली हो चुकी थी, तो पूरा लंड उसकी चूत चीरता हुआ बच्चेदानी को टकराया। मेरी इस हरकत से वो बोली।

सोनू: आह मार दिया आह। धीरे कुमार कही भागी नहीं जा रही हूं आह। दर्द हो रहा है आह। अब एहसास हुआ मेरी बहन तुम्हारा लिंग क्यों नहीं ले पाती आह।

मैं: साली कुतिया तुझे कैसे पता ये?

सोनू: मुझे आपके बारे में बहुत कुछ पता है कुमार। अभी आप सिर्फ चुदाई पर ध्यान दे।

मैंने 2 मिनट बाद धक्के देना स्टार्ट कर दिया। साली की चूत की गर्मी इतनी थी कि मुझे महसूस हो रही थी। आज तक मैंने ऐसी गर्म चूत महसूस नहीं की थी।

मैं: साली बहन की लोड़ी, तेरी चूत में तो बहुत ज्यादा गर्मी भरी है। आज तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा मादरचोद आह।

मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी, और जोर से लंड अन्दर-बाहर करने लगा। हर झटके साथ उसके बड़े बूब्स हिल रहे थे। मैंने दोनों हाथो से दोनो बूब्स पकड़ लिया, और जोर से चोदने लगा। दोनों के शरीर टकराने की आवाज जोर से रूम में बज रही थी “थाप थाप थाप”।

अब मैंने उसे डॉगी में आने को बोला। वो झट से आ गई। पीछे से जब मैंने उसकी गोल-मटोल गांड देखी, मुझसे रहा नहीं गया और जोर से दोनों तरफ जोर से चांटे मरने लगा। उसकी गांड मुझे पागल बना रही थी। मैंने झट से एक ही झटके में पूरा लंड अंदर डाल दिया और दना-दन पीछे से शॉट मरने लगा। मैंने सोनू के दोनों हाथ पीछे पकड़े ऊपर चोदने लगा।

मैं: आह साली रंडी, मजा आ रहा है ना? आह बहुत बोल रही थी डाल अंदर, ले डाला। कुतिया आह ले आह।

सोनू: हां कुमार, दे मुझे, और अंदर चाहिए मुझे तेरा लंड, डाल आह, फाड़ दे मेरी चूत को।

मैं: साली मादरचोद तेरी चूत तो पहले से ही फटी है।

सोनू: और फाड़ दे इसे भोसड़ा बना दे कुमार, चोद जोर से।

ये सुन कर मैंने धक्के की स्पीड और बढ़ा दी, और पूरा लंड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने उसके लंबे घुंघराले बाल पकड़े, और जोर से चोदने लगा। एक हाथ से उसके बाल खींच के चुदाई कर रहा था, और दूसरे हाथ से दोनों गांड पर चांटे मार रहा था। उसकी बड़ी गांड लाल हो गई थी।

मैं: साली छिनाल तेरी गांड बहुत बड़ी और बढ़िया है। मुझे तेरी गांड मारनी है।

सोनू: नहीं कुमार, वहां नहीं। मैंने अभी तक वहा किसी को छूने भी नहीं दिया। अगर तुम्हारे लंड से मैंने मरवाई, तो मैं तो मर ही जाऊंगी। नहीं प्लीज़।

मैं: ठीक है, आज नहीं मारूंगा, लेकिन तेरी गांड का सील तो मैं ही तोडूंगा।

अब मैंने उसे शीशे के सामने खड़ा कर दिया और झुकने को बोला। वो गांड बाहर निकाल कर शीशे से तन के खड़ी हो गई। मैंने पीछे से लंड अंदर डाल दिया, और चोदने लगा। मैंने उसका मुंह शीशे पर दबाया, और जोर से झटके मरने लगा। अब मैंने उसके बाल खींचे और बोला-

मैं: देख साली ये नजारा, मजा आ रहा है ना? देख साली आज तू मेरी रंडी है। रंडी की तरह चोदूंगा तुझे बहनचोद।

अब चुदाई करते हुए 1 घंटे से ऊपर हो गया था। दोनो पसीने से भीग चुके थे।

सोनू: और कितनी देर है कुमार? ये तुम्हारा लौड़ा है या लोहे का सरिया? अब निकाल भी दो प्लीज आह।

अब मैंने उसे बेड पर सीधा लिटाया, और ऊपर चढ़ के पूरे जोर से चुदाई करने लगा। उसकी चूत से निकलती रस धार से बेडशीट पर लगने लगी। सच में उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी। चूत में जाते लंड की चुदाई की आवाज भी पुछ पुछ आ रही थी। और मोटे चूतड़ से टकराने की आवाज फट फट। ऊपर से सोनू की आहों की आवाजें। ये सब मिल कर मुझे और जोर से शॉट मरने पर मजबूर कर रहे थे। मैं उसके ऊपर कूद-कूद कर शॉट मारने लगा।

मैं: साली रंडी मदरचोद आह साली बहन की लोड़ी आह‌ कहां चाहिए बोल, कहां निकालू?

सोनू: ये हमारा पहली बार है तो अंदर ही निकालो। मैं तुम्हारे वीर्य को महसूस करना चाहती हूं। अंदर ही डाल दो सारा अंदर। निकाल दो अपने अंदर की सारी गर्मी मेरी चूत की गहराई में।

मैं पूरी ताक़त से उसके ऊपर कूदने लगा, और पूरा लंड अन्दर-बाहर करके चुदाई करने लगा। मेरे धक्कों से बेड भी हिलने लगा था।

मैं: आह सोनू आह साली बहनचोद आह ले सारा माल़ तेरी चूत में ही दूंगा। मादरचोद आह आह।

और फिर 2 मिनट बाद मेने अपना पूरा माल उसकी चूत की गहराई में डाल दिया। उसने अपने पैरों से मुझे जकड़े रखा।उसकी चूत जैसे सीधे मेरे आंडो में से वीर्य निचोड़ रहे थे।

मैं: आह आह ले ये ले मादरचोद आह ले आह आह आह ओह आह रंडी की औलाद आह आह ले आह

सोनू: डाल दे अंदर एक एक बूंद अंदर डाल सब कुछ दे मुझे आह।

मैंने इतना वीर्य अपनी जिंदगी में कभी नहीं निकाला था। फारिख होने के बाद में 2 मिनट उसके ऊपर पड़ा रहा। जब मैंने लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से वीर्य बाहर निकलता हुआ बेडशीट पर लग रहा था। मेरा लंड दुख रहा था, जो कि पहली बार हुआ था।

सोनू: मजा आया आपको?

मैं: हां जी साली साहिबा, बेइंतेहा मजा दिया अपने।

सोनू: तो जो मैंने सुना था वो सब सच था। आज देख लिया, आपके साथ चुदाई करना हर किसके बस की बात नहीं है।

मैं: मतलब? अब तो बताओ आपके कहने का मतलब क्या है?

कहानी जारी रहेगी। आपके विचार और फीडबैक मुझे मेल जरूर कीजिए

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