पिछला भाग पढ़े:- संस्कारी विधवा मां का रंडीपना-1
घर जाते समय रास्ते में मैंने मम्मी के लिए एक फोन ले लिया। घर आकर मैंने पहले मम्मी को अपने पास बुलाया। मम्मी भागती हुई मेरे पास आई-
मम्मी (हांफते हुऐ): क्या हुआ बेटा, आज बहुत खुश नज़र आ रहा है?
मैं बोला: हां मम्मी, पहले आप मेरे पास बैठो (फिर मैं उनके हाथों में गिफ्ट बॉक्स दिया)।
मम्मी बोली: बेटा ये क्या है?
मैं बोला: आप पहले खोल कर तो देखो। आपके लिए गिफ्ट लाया हूं।
मम्मी गिफ्ट बॉक्स खोल कर मोबाइल देखती हैं और बोली: बेटा इसकी क्या ज़रूरत थी?
मैं: मम्मी आप घर में बोर हो जाती हो। इसलिए आपके लिए मोबाइल लिया हैं।
मम्मी खुश होकर बोली: थैंक्स बेटा, तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो।
मम्मी ने मुझे कस कर गले लगाया। मुझे उनके बूब्स मेरी छाती पर महसूस होने लगे। मैं भी अपने हाथ उनकी पीठ पर रख कर सहलाने लगा। मम्मी थोड़ा भावुक हो गई, और मेरे माथे पर किस्स किया। मैंने भी उनके गाल पर किस्स कर लिया। आज मम्मी कुछ बोली नहीं और शर्मा गई।
फार मैंने अपने हाथ में मम्मी का हाथ पकड़ा और उनको कहा: मम्मी मुझे पता हैं आप पापा को बहुत मिस कर रही हो। मैं पापा की कमी तो कभी पूरा नहीं कर सकता, पर आपका दोस्त बन कर आपकी ज़िंदगी में खुशियों के रंग भरना चाहता हूं।
मैं मम्मी का फेस अपने दोनों हाथों से पकड़ा, और उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये। जैसे ही मैं उनका निचला लिप्स चूसने लगा, मम्मी ने अपना फेस दूसरी तरफ कर लिया।
मैं बोला: क्या हुआ मम्मी?
मम्मी: हम दोनों का रिश्ता मां बेटे का हैं। हम दोनों ऐसे किस्स नहीं कर सकते।
मैंने कहा: मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। मेरे जीवन में सबसे सुंदर और अच्छी कोई हैं, तो वो आप ही हो। मैं पापा के बिना आपको ऐसे मायूस नहीं देख सकता।
मम्मी: बेटा लेकिन हमारा रिश्ता मां बेटे का हैं। अगर किसी को पता चला कि तेरे पापा के जाने के बाद मैं अपने बेटे से ऐसी सब चीज़े कर रही हूं। तो समाज में मेरी क्या इज्जत रहेगी?
मैंने कहा: मम्मी आप इस झूठे समाज की बात मेरे सामने ना करो तो ही अच्छा हैं। जब हमारे परिवार का बटवारा हुआ, तब कहा था ये समाज? तब किसी ने सोचा था कि हमारी आगे की ज़िंदगी कैसे गुजरेगी?
मम्मी: लेकिन बेटा फिर भी मैं ये सब नहीं कर सकती।
मैं (थोड़ा नाराज़ होकर): ठीक ही मम्मी, मुझे लगता हैं आपको हमारी ख़ुशी से ज़्यादा ज़माने की पड़ी हैं।
फिर मैं उठ कर जाने लगा, तब मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।
मम्मी: बेटा मेरे लिए अब तू ही एक सहारा हैं। तुम भी मुझे छोड़ कर चले जाओगे तो मैं तो अकेली हो जाऊंगी।
मैं: मम्मी में आपको अकेले नहीं छोड़ रहा। लेकिन आपको अब जमाने की फिकर किए बिना अपनी मर्जी से जीना होगा। मेरे लिए आपकी ख़ुशी से बढ़ कर कुछ नहीं है।
मम्मी: ओहो, अच्छा ठीक है बाबा। अब तेरे लिए मुझे भी अपने आप को बदलना पड़ेगा।
मम्मी ने मुझे मुस्कुराते हुए देखा, और उनके होंठ मेरे होंठों पर रखे दिए। कुछ पल के लिए मुझे समझ नहीं आया कि ये सपना था या हकीकत। मैं भी मम्मी का साथ देने लगा। ये मेरी ज़िंदगी की पहली किस्स थी, जो मैं अपनी मां के साथ कर रहा था। मम्मी ने अपने दोनों हाथ मेरे कंधों पर रख दिए। अब मुझे उनके होंठ चूसने में और मजा आ रहा था। मम्मी के होंठ चूसने में बड़े मीठे लग रहे थे।
अचानक मुझे मम्मी का वो नंगा बदन याद आ गया, जब मैंने उनको बाथरूम में नंगा नहाते हुआ देख लिया था। मैं और जोश में मम्मी के होंठ चूसने लगा। मैं उनकी जीभ को अपने मुंह में डाल कर चूसने लगा। कुछ पल के बाद मम्मी भी मेरा साथ देने लगी। मम्मी भी मेरे लिप्स के साथ मेरी जीभ चूसने लगी। हम मां-बेटे एक-दूसरे को किस्स करते समय किसी दूसरी दुनिया में खो से गए थे। कुछ 5 मिनट तक हमारे लिप्स लॉक रहे। उसके बाद मम्मी मेरे से अलग हुई और शर्माने लगी।
मैं बोला: आई लव यू मम्मी, आप ऐसे ही खुश रहा करो। मैं चाहता हूं आप भी दूसरी औरतों की तरह अपनी लाइफ खुल कर एन्जॉय करो और मॉर्डन बन कर रहो।
मम्मी बोली: तुम एक अच्छे बेटे की तरह मेरी फिकर करते हो। और तुम अपने पापा से भी अच्छा किस्स करते हो। ऐसा किस्स तो उन्होंने भी नहीं किया। माफ करना बेटा, मैं भूल गई थी कि तुम मेरे बेटे हो, और मैं किसी और दुनिया में खो गई (उनकी आंखो में नमी आ गई)। अब तो वो भी नहीं रहे तो मेरी कोई इच्छा का अब कोई मतलब नहीं रहा। और अब मेरी उम्र हो चुकी है।
मैं बोला: मम्मी आप को मेरी कसम, आप अपनी हर इच्छा पूरी करोगी। आप तो आज भी जवान लगती हो, किसी लौंडिया के जैसी।
मैं मम्मी के सामने उनकी बहुत तारीफ करता हूं। जिससे वो और खुश हो जाती हैं।
मम्मी: बेटा पर अब मैं एक विधवा औरत हूं, लोग समाज मुझे क्या बोलेंगे?
मम्मी की बात से मैं समझ गया उनकी इच्छा आज कल की मॉर्डन औरतों की तरह ज़िन्दगी जीने की थी। पर समाज से डर रही थी। फिर मैं मम्मी को समझाया कि-
मैं: आप समाज की चिंता आप मत करो। हम एक अनजान जगह पर रहते हैं। यहां हमें कोई नहीं जानता। आप जैसे चाहे वैसे एन्जॉय कर सकती हैं।
मम्मी मेरी बात से खुश हुई। फिर मैंने मम्मी को शॉपिंग के लिया राजी कर लिया। मैंने अगले रविवार को शॉपिंग जाने के लिए मनाया। जल्द वो दिन भी आ गया जब मैं मम्मी को शॉपिंग के लिए मॉल लेकर गया। मम्मी सिंपल साड़ी में भी तैयार होकर कयामत ढा रही थी। फिर मॉल के अंदर हमे एक अटेंडर मिला जो जवान और हट्टा-कट्टा स्मार्ट था।
वो मम्मी को अपनी ओर से इंप्रेस करने में लगा हुआ था। वो मम्मी को काफी शॉर्ट ड्रेस दिखाता, और उनकी तारीफ करता। फिर मम्मी को वो एक अंडरगारमेंट्स शॉप पर ले गया, जहां मम्मी मेरे सामने ब्रा-पैंटी लेने में शर्मा रही थी। फिर मैं बहाना बना के पार्किंग में आ जाता हूं। कुछ थोड़ी देर बाद मम्मी मुझे उस अटेंडर के साथ आती हुई दिखाई देती है। दोनों बातें करते हुए आ रहे थे। मैं उनकी बात सुनने के लिए छुप जाता हूं।
अटेंडर बोला: मैम सच में आप बहुत ब्यूटीफुल और स्मार्ट लगती हो। इतनी उम्र में आप कयामत ढा रही हो। तो आपकी जवानी कैसी रही होगी। मैं आपकी ख़ूबसूरती देख कर आपसे इम्प्रेस हो गया हूं।
मम्मी बोली: आप यह क्या बोल रहे हो? मैं एक बेटे की मां हूं।
अटेंडर बोला: सॉरी मैम, आप इतने यंग लग रहे हो, तो मेरा दिल मान ही नहीं रहा। वैसे आप पर मेरा दिल आ गया। क्या हम दोस्त बन सकते है?
मम्मी (मुस्कराते हुए): मैं आपकी भावनाओ की कदर करती हूं, पर मैं दोस्ती नहीं कर सकती। सॉरी, और आप अब आपका काम कर सकते हैं।
मम्मी का ये संस्कारी-पन मुझे बहुत अच्छा लगता है। फिर हम अपने घर आ जाते हैं। मम्मी कुछ ड्रेस पहन कर मुझे दिखाती है, जिसमें वो काफी सेक्सी हॉट लग रही थी। फिर मम्मी ने एक टाइट लेगिंग्स और ऊपर एक टॉप पहना। लेगिंग्स में उनकी बड़ी गांड एक-दम टाइट उभरी हुई थी। उनकी गांड का हर कट नज़र आ रहा था। उनकी पाव रोटी जैसी फूली हुई चूत बाहर को निकल रही थी, और चूत के बीच वाली दरार में कपड़ा घुसा हुआ था।
मम्मी का यह सेक्सी रूप देख कर मेरे से रहा नहीं गया, मैंने तुरंत मम्मी को अपनी बाहों में लिया, और उनके होठों पर अपने होंठ रख कर एक किस्स कर लिया।
मैं बोला: ओहो, मम्मी आप इस ड्रेस में काफी सुंदर और जवान लग रही हो। कही लोग आपको मेरी मम्मी की जगह आपको मेरी गर्लफ्रेंड ना समझ ले।
मम्मी (मुस्कुराती हुई): थैंक्स बेटा, मैं तेरी वजह से आज अपने आप को बदल पाई हूं।
फिर मम्मी खुद मुझे लिप्स टू लिप्स किस्स करती है। कुछ 2 मिनट मम्मी मेरे होंठों को बड़े ही कामुक तरीके से चूसती है। फिर अपने होठों को मेरे से अलग करके शर्माने लगती है।
मैं बोला: ओहो, मम्मी अब मेरे से क्या शर्माना? मैं तो चाहता हूं कि हम दोनों गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बन के रहे।
मम्मी बोली: हां बेटा, तेरे पापा के जाने के बाद तेरे बिना है भी कौन मेरा?
फिर उसके बाद हम रात का खाना खा कर सो जाते हैं। अगले दिन सुबह मैं देर तक सोता रहा। मम्मी मुझे जगाने मेरे कमरे में आती है। उस समय मैं एक लूज़ अंडरवीयर में सो रहा था।
मम्मी बोली: राहुल बेटा उठ जाओ, सुबह हो गई।
में बोला: सोने दो मम्मी।
मम्मी: लगता है मेरा बेटा ऐसे नहीं उठेगा।
मम्मी मेरे माथे पर, गालों पर, फिर होठों पर चूम लेती हैं। मम्मी ने जब अपने कोमल होठों से मेरे होठों को चूमा, मैंने महसूस करा मम्मी के बदन से एक बड़ी ही मादक खुशबू आ रही थी, जो मेरे लंड को खड़ा कर देती हैं। फिर मैं सोने का झूठा नाटक कर लेता हूं।
मम्मी: राहुल बेटा अपनी आंखे तो खोलो, तेरे लिया कुछ सरप्राइज है।
मैं: ओहो, मम्मी सोने दो ना, और आप भी सो जाओ।
मैं मम्मी का हाथ पकड़ के अपने ऊपर खींच लेता हूं। मैं नींद के बहाने से मम्मी की कमर और उनकी टांगों पर हाथ फेरा देता हूं। मैं हैरान रह गया जब उनकी नंगी टांगों पर अपने हाथ फेरे, और अपनी हल्की खुली आंखों से देख कर और भी चौंक गया।
दोस्तों मैंने अपनी खुली आंखों से क्या देखा। वो मैं आपको अगले पार्ट में बताऊंगा। उम्मीद करता हूं आप लोगों को मेरा अगले पार्ट का इंतजार रहेगा। आपको कहानी कैसी लग रही है वो मुझे deppsingh471@gmail.com पर मेल करके बताए।