पिछला भाग पढ़े:- गज़ब का संजोग-2
हिंदी सेक्स कहानी का अगला पार्ट-
रात में फ्री होने के बाद रश्मी नीलेश को मैसेज करती है।
रश्मी: हाय।
नीलेश: हेल्लो डार्लिंग।
रश्मी: डार्लिंग के बच्चे, आज तूने तो मुझे मरवा ही दिया था। पता है वो लड़कियां मुझे किस अजीब नज़र से देख रही थी।
नीलेश: इस तरह तो मैं आपका बच्चा हो जाऊंगा।
रश्मी: क्या, किस तरह की बात कर रहे हो?
नीलेश: अरे अपने अभी कहा ना कि ‘डार्लिंग के बच्चे’; और मैं आपको अभी डार्लिंग बोला, इस तरह मैं आपका बेटा हो जाऊंगा।
रश्मी उसकी बातों से हसने लगती है: बाते बनाने में तो तुमसे कोई जीत ही नहीं सकता है।
नीलेश: अच्छा वो सब छोड़ो आज मजा आया कि नहीं?
रश्मी शर्म से डूब गयी और बोली: हम्म्म।
नीलेश: क्या यार आप खुल के लिखो ना। वैसे भी एक दिन तो खुलना ही है।
रश्मी: हां, बहुत अच्छा लगा। लेकिन तुम ये सब कैसे कर लेते हो? तुम्हें डर नहीं लगता क्या?
नीलेश: अरे आप डरो मत। मैं सब फील्डिंग सेट करके रखता हूं। इसमें मेरी मदद करता है मेरा दोस्त।
रश्मी: कौन, वो बदमाश नासिर?
(नासिर, नीलेश की ही उम्र और डीलडोल वाला लड़का था। नासिर से लड़किया दूर रहती थी, क्यूंकि वो काला और थोड़ा गन्दा दिखता था। लेकिन नीलेश के कारण उसे भी लड़कियों के साथ मस्ती और चुदाई करने का मौका मिल जाता था।)
नीलेश: ऐसा मत बोलो यार, बदमाश वो नहीं मैं था, जिसे आपने सुधारा।
रश्मी फिर से हसने लगती है: तुम फिर से बातें बनाने लगे।
नीलेश: नहीं यार, मैं सच कह रहा हूं। मैं उसके घर में ही रहता हूं यहां, तुम चाहो तो हम यहां मिल सकते है। हमारे यहां और कोई नहीं रहता है।
रश्मी: क्यूं इसके मा-बाप कहां रहते है?
नीलेश: वो भी गांव में रहते है, आप चिंता मत करो बिल्कुल सेफ है यहां।
रश्मी: सोचूंगी इसके बारे में। तुम जानते हो ना मेरी भी एक फैमिली है।
नीलेश: अरे मेरी जान, उसका चिंता तुम क्यूं करती हो? सब इंतजाम अपना नासिर कर देगा।
रश्मी उसके उतावलेपन पर मुस्कुराने लगी।फिर दोनों एक दूसरे को बाय बोल के सो गये। दूसरे दिन नासिर ने जाके वरुण से सीधा परमिशन मांगा-
नासिर: हमारे कॉलेज की जो रश्मी मैम है, उन्हें आप कहो कि वो हमे घर ट्यूशन देदे। बस एक महीने की बात है। जल्द ही एग्जाम होने वाले है।
वरुण बेचारा सीधे दिल की आदमी है। वो पढ़ाई के बीच कभी नहीं आना चाहते। उन्होंने कहा: अब बेटा अगर आपकी मैम आपको पढ़ाना चाहती है, तो ले जाना और फिर घर ड्राप कर देना।
वहीं पर रिया भी बैठी हुई थी। नासिर उसकी गोरी टांगें देख कर लार टपका रहा था। रिया ने भी उसे देखा और अपने कॉलेज के लड़का जान के उसे स्माइल देदी। बेचारे नासिर का बुरा हाल हो गया। फिर वो वहां से चला गया।
रात में फिर से रश्मी ने नीलेश से बात की और बोली: वाह, तुमने तो बड़ी जल्दी सब कुछ सेट कर दिया।
नीलेश: अरे आप बस रेडी रहना। आपको कॉलेज के बाद नासिर ही यहां लाएगा और वो ही ड्राप करेगा, ताकि किसी को शक ना हो।
नीलेश की समझदारी से रश्मी बहुत खुश हुई और कल का इंतजार करने लगी। दूसरे दिन कॉलेज ख़त्म हुई और रश्मी रिया को ऑटो से घर भेज दी। तभी नासिर बाइक लेके आया और रश्मी अपने चेहरे पर मास्क लगा कर उसके साथ चली गयी।
नीलेश, कमरे में बैठा बड़ी बेसबरी से रश्मी का इंतजार कर रहा था।
नासिर रश्मी को लेकर अपने मोहल्ले में पहुँचता है। उसके मोहल्ले के लोग आँखें फाड़ के रश्मी की कमर और उसके उठे हुए चूचे देख रहे थे। रश्मी में चेहरे पर मास्क लगा रखा था, वरना उसके हुस्न के दीदार से ये सब पागल ही हो जाते।
नासिर अपनी बाइक को घर में लगाया और रश्मी को नीलेश के कमरे में ले गया।
रश्मी फूलों से सजा हुआ कमरा देख कर हैरान हुई।
रश्मी: हे भगवान, नीलेश ने तो पूरी सुहागरात की तैयारी कर ली है।
तभी नीलेश उसका हाथ पकड़ के अपनी बाहों में खींच लेता है। नासिर के वहां होने से रश्मी थोड़ा अजीब महसूस की। तभी नीलेश ने दरवाजा बंद किया और रश्मी के गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठों को अपने होंठ में भर के चूसने लगा। रश्मी भी खुल के साथ दे रही थी। नीलेश उसके होंठों को चूसते हुए बेड पर ले गया और वैसे है उसे बेड पर लेटा कर उसके गद्देदार जिस्म पर चढ़ गया और मस्त होंठों को चूसता रहा।
नीलेश के हाथ रश्मी के बदन के हर हिस्से पर चलने लगे। रश्मी भी नीलेश के बदन के साथ खेल रही थी। नीलेश अब अपना टी-शर्ट निकाल के फेंक दिया, और रश्मी बदन को कपड़े के ऊपर से ही चूमने लगा। रश्मी तो अब जलने लगी थी। रश्मी को इतना प्यार कभी नहीं मिला था। नीलेश बड़ी बारीकी से अपने होंठ रश्मी के कोमल पेट पर चलाते हुए चूमता, और रश्मी बेचारी बेड पर तड़पने लगती। नीलेश लगातार अपने होंठों से रश्मी के कभी पेट तो कभी गर्दन के कोमल हिस्सों को चूम कर उसे उन्माद से भर रहा था।
रश्मी अपने कोमल हाथो को नीलेश के नंगी पीठ पर चलाते हुए उसे भी स्वर्गीय अनुभव दे रही थी। नीलेश ने रश्मी की रेशमी साड़ी को खोलना शुरु किया, बेचारी रश्मी अपनी आँखे बंद कर उसे अपनी साड़ी खुलवाने में मदद करने लगी। थोड़े ही देर में रश्मी पेटीकोट और ब्लाउज़ में हो गयी।
नीलेश ब्लाउज़ के ऊपर से ही दोनों बूब्स को मसलते हुए रश्मी को चूमने लगा। रश्मी अपनी आँखे बंद की हुई मस्ती में डूबी हुई थी। नीलेश अब नीचे गया और रश्मी के पैर को चूमने लगा। “उफ्फ्फ्फ़ आअह्ह्ह” रश्मी के मुख से कामुक आवाज निकलने लगी।
बगल के कमरे में लेटा नासिर को भी जोश आ गया। उसने अपने लंड हाथ में निकाल लिया और अपनी रश्मी मैम की ख्यालों में हिलाने लगा। रश्मी की कामुक आवाज और खनकती चूड़ियों और पायलों की आवाज ने और ज्यादा कामुकता पैदा कर रही थी।
नीलेश अब रश्मी के गोरे नंगे पैरों को चूमते हुए उसके पेटीकोट को कमर तक सरका दिया और उसकी नंगी जांघों को चूमने लगा। रश्मी की लाल रंग की पैंटी दिखने लगी थी, जो चूत के पास पूरी गीली हो चुकी थी। नीलेश रश्मी की दोनो नंगी जांघो को चूमने लगा।
रश्मी बेचारी इस तरह के कामुक गतिविधि से तड़पने लगी। उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआह्ह्ह नीलेश.. हहइये….आअह्ह्ह्ह। जैसे-जैसे नासिर के पास कामुक आवाज पहुंचती, बेचारे के हाथ की स्पीड तेज़ होने लगती।
नीलेश रश्मी की जांघो को चूमते हुए उसकी गीली पैंटी को जीभ से चाटने लगा। रश्मी बेचारी इस हरकत से पूरी तरह सिहर गयी। नीलेश ने पेटीकोट को निकाला और फिर पेट को चूमते हुए ऊपर बढ़ा और रश्मी के ब्लाउज़ खोल के उसे सिर्फ ब्रा और पैंटी में कर दिया। खुद भी वो अपनी पैंट उतार कर केवल चड्ढी में हो गया। लाल रंग की मैचिंग ब्रा-पैंटी में गजब लग रही थी रश्मी।
नीलेश से कंट्रोल ही नहीं हुआ और ब्रा भी निकल फैंका। रश्मी के मस्त मुलायम 36″ के बूब्स नीलेश के सामने आ गये। नीलेश उसके मुलायम बूब्स को मसलना शुरु किया और अपना जीभ से उसके निप्पल्स के साथ खेलने लगा। रश्मी कभी उसके बालों को सहलाती तो कभी बेड पर इधर-उधर सर पटकती।
आज नीलेश ने जो रश्मी को खुशी दे रहा था वह रश्मी ने कभी नहीं पायी थी। नीलेश उसके दोनों बूब्स को चूसते हुए नीचे की ओर गया और रश्मी की पैंटी भी उतार दिया। अब रश्मी की कोमल गुलाबी और मखमली चूत नीलेश के सामने थी। नीलेश रश्मी की मालपुए जैसी चूत देख कर कंट्रोल नहीं कर पाया और उसकी चूत को दोनों हाथों से फैला कर उसमे जीभ डाल दिया। उफ्फ्फफ्फ्फ़ आआह्ह्ह्ह नीललेशह्ह्ह…..आअह्ह्ह्ह हाआआई… रश्मी चीख पड़ी और ये चीख नासिर के लंड का पानी निकाल दी।
नीलेश अपनी गर्म जीभ से लगातार रश्मी की चूत को कुरेदने लगा। रश्मी बेचारी झटपटाने लगी। लेकिन नीलेश बड़े अच्छे से रश्मी की गुलाबी चूत को चाट रहा था।रश्मी की चूत से कामरस निकलने लगी थी। नीलेश बड़े अच्छे से कामरस के एक-एक कतरे को पी रहा था।
फिर नीलेश ने रश्मी को सीधा लिटाया और उसके सामने अपने चड्ढी को उतार दिया। रश्मी ने उसके झूलते हुए 8″ के लंड देख कर शर्म से अपने मुंह ढक लिया। नीलेश का बड़ा लंड रश्मी के गोरे बदन को देख कर फुफ्कारने लगा। नीलेश धीरे से रश्मी के पास लेट गया और उसका हाथ पकड़ के लंड पर रख दिया और हलका-हलका सहलाने लगा।
रश्मी की कोमल हथेलियों में लंड पड़ते ही नीलेश की आँखें बंद हो गयी और दोनों मजे में मस्त हो गये। नीलेश अब रश्मी से अपने लंड को मुह में लेने को कहा। बड़ी मिन्नत के बाद रश्मी मान गयी, और किसी बच्चे की तरह लंड को लॉलीपॉप समझ कर उसके लाल टोपे को जीभ से चूसने लगी। “उउउउफ्फ्फ्फ़ आअह्ह्ह्ह मैम ह्ह्ह पूरा चूसो डियर”, रश्मी के गरम जीभ लंड पर लगते ही नीलेश चीख पड़ा।
रश्मी बड़े आराम से लंड को अपनी थूक से गिला कर दी। नीलेश का आधा लंड भी उसके मुंह में नहीं आ रहा था। फिर भी रश्मी ने काफी अच्छे से उसके लंड को चूसा। जब नीलेश अपने लंड को उसके मुंह से खींचा, तब रश्मी काफी हांफ रही थी।
नीलेश ने रश्मी के बदन को चूमते हुए उसे बिस्तर पर लेटा दिया और पैरों को फैला कर उसके बीच में आ गया। नीलेश का लंड रश्मी की थूक से पूरा गीला था। वहीं रश्मी की चूत भी पानी छोड़ कर पूरी गीली हो चुकी थी। नीलेश ने अपने टारगेट पर ध्यान दिया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगा कर हलका धक्का मारा। लंड फिसल गया, लेकिन तेज प्रहार की वजह से रश्मी की चीख निकल गयी थी। रश्मी की कभी बड़े लंड से चुदाई नहीं हुई थी, इसलिये उसकी चूत अभी भी कुंवारी कन्या की तरह ही थी।
नीलेश ने इस बार अपने लंड को पकड़ के उसकी चूत के द्वार पर लगाया और एक तेज धक्के से आधे से अधिक लंड रश्मी की चूत में घुस गया। रश्मी किसी कुंवारी कन्या की तरह चीख पड़ी, क्यूंकि वाकई में उसकी चूत इतने बड़े लंड के लिए कुंवारी ही थी।
लंड के तेज प्रहार से रश्मी चीख पड़ी और उसके सामने आज से 20 साल पहले वाली हैवानियत घूम गयी। रश्मी की आँखों में आंसू आ गये। उसने बड़े तेजी से नीलेश को अपने ऊपर से हटा दिया। रश्मी रोते हुए हांफ रही थी। जब उसे होश आया कि वो वर्तमान में इतने बड़े लंड के नीचे थी, तब उसने नीलेश के सॉरी बोला और फिर से उसे अपने ऊपर ले लिया।
नीलेश ने फिर से लंड रश्मी के कोमल चूत में घुसा दिया। नीलेश समझ नहीं पाया कि आखिर रश्मी ने अचानक ऐसा क्यूं किया। नीलेश धीरे-धीरे चोदते हुए अपना पूरा लंड रश्मी की चूत में घुसा दिया और फिर उसके बूब्स को हलका-हलका मसलते हुए बड़े प्यार से उसके आँखों के आंसू को पी गया।
रश्मी जब थोड़ी नॉर्मल हो गयी, तब वह धीरे-धीरे अपने लंड को उसकी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। उसने बड़े प्यार से रश्मी से पूछा कि कोई तकलीफ तो नहीं है। रश्मी अब लंड की आनंद में अपनी आँखें बंद करके उसे संकेत दी कि वह बड़े मजे में थी।
कहानी जारी रहेगी…