Meri gaand ke chun chuno ka ilaaj-3

This story is part of the Meri gaand ke chun chuno ka ilaaj series

    यह वही था मेरे होने वाले हस्बैंड का छोटा भाई जो मुझे बाहर घूर रहा था और मेरा पाद सुन लिया था। मैंने कहा तुम भीतर चले आए तुम्हारी इतनी हिम्मत यहां से चले जाओ वर्ना मै शोर मचाऊंगी।

    वो बोला मै यहां मूतने आया हूं। हल्ला मचाएगी तेरी ही बदनामी होगी। मेरा लेडा अभी कैमोड में टूटकर गिरा नहीं था। उसने अपना मोटा लंड़ निकाल लिया और हिलाने लगा।

    मै उसका लंड बड़े गौर से देखने लगी। वो कड़ा और सख्त था और लम्बा भी था। मेरी गान्ड में चनचुने कुलबुलाने लगे। थोड़ी देर के लिए मैं ये सोचने लगी कि अगर ये मेरी गान्ड में घुसकर प्रहार करे तो सारे चुनचनो की चटनी बन जायेगी।

    यह बात सोच कर मेरी योनि से पानी आने लगा। मेरी हालत को भांपकर वह मेरे पीछे आ खड़ा हुआ। मुझे जैसे ही इस बात का अंदाजा हुआ। मैंने उठने की कोशिश की लेकिन मै अभी पूरा उठ भी नहीं पाई थी कि उसने मुझे पकड़ लिया और अपने लन्ड से मेरे गू के लेडे को तोड दिया और मेरे बूब्स मसलने लगा।

    उसका लन्ड मेरे चूतड़ों से टकरा रहा था। मै गर्म होती जा रही थी। तभी उसने मुझे सिट सन की तरफ झुका दिया और पेपर रोल से लंबा सा पेपर का टुकड़ा निकाला। और मेरी गान्ड के छेद में घुसाने लगा।

    मैंने कहा ये क्या कर रहे हो मुझे शौंचने तो दो। वो बोला साली ये पेपर क्या मां चुदाने के लिए यहां रखा गया है। तभी उसने उस पेपर को उसने मेरे गांड छेद पर रगड़कर टट्टी अच्छी तरह से साफ की और पेपर को डस्टबिन में फेंक दिया।

    फिर उसने मेरे चूतड़ खींचकर छेद को बाहर की तरफ निकाला और उसमे थूंक दिया। और दूसरा टिशू पेपर लेकर गांड के छेद में रगड़ दिया और टिशू पेपर फेंक दिया।

    अब वह अपने लन्ड को हांथ से पकड़कर कहीं चूतड़ों में थाप मारता तो कभी चूतड़ों कि दरार में फिराता था। मैंने कहा क्या कर रहे हो मुझे जाने दो ये गलत है।

    चुप साली मादरचोद बाहर तो बहुत गांड मटका कर चल रही थी। जैसे गांड में कुछ ले रखा हो।

    मैं एकदम चुप रह गई मुझे लगा कि एनल प्लग वाली बात उसको कहां से पता चल गई।

    और साली चूतड़ निकाल के बहुत पादती है। चल अब पाद मेरे लंड के ऊपर वैसा ही जोर वाला पाद।

    मैंने कहा नहीं आ रहा है कैसे पादू।

    साली मूंड खराब मत कर कमोड का ढक्कन गिरा और उसके ऊपर बैठ जा और अपना सर सिस्टन के ऊपर और दोनों कंधे सिस्टम के ऊपर रख ले और अपनी गांड को थोड़ा पीछे को निकाल जिससे तेरी गांड का छेद बाहर आ जाए।

    मैंने वैसा ही किया और वह मेरे पीछे आकर बैठ गया और जीभ से मेरी गांड के छेद को चाटने लगा। मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी अब मुझे लग रहा था कि वह जीभ फिरआने की वजह गांड के छेद में जीभ से धक्का मारे और जीभ को गांड के छेद में घुसाने का प्रयास करें।

    मेरे मन में जो बात थी अब वह वैसा ही करने लगा मुझे और मजा आने लगा। मुझे लगा कि ये अब जीभ से ही रगड़ रगड़ कर ही 4,5 चुनचुनो को निकाल डालें। उसकी जीभ अब बड़ी तेजी से काम कर रही थी।

    मेरा मजा बढ़ता ही चला जा रहा था। आंखें मदहोश होते जा रही थी। तभी पेट में हल्का सा मरोड़ सी हुई और मुझे लगा कि मैं पादने वाली हूं। तभी मैंने ताकत लगाकर जोर से पादा पाद साला उसके मुंह में जा टकराया।

    अब वह और जोश में आ गया बोला पाद साली पाद मेरा लंड लोहालाट तेरे पादने से ही होता है। फिर मैंने और थोड़ा सा और पादा जिसमें आई पुर पुर पुर की आवाज के साथ पाद बंद हो गया।

    उसका लन्ड पूरी तरह से सख्त हो चुका था। अब वो पीछे से मेरे सामने आया बोला इसको ठीक से अपने थूंक से इसे गीला कर दे। मैंने हथेली में थूंक लेकर उसके लन्ड के सुपाड़े में पोत दिया।

    वह बोला सिर्फ टोपा ही गिला किया बाकी तो तुझे बहुत तकलीफ देगा। अब उसे क्या पता था कि मेरी गांड में पहले से ही तेल मौजूद है। मुझे क्या पता था कि चाची का  तेल इस तरह इस्तेमाल होगा।

    अब वो बोला चूतड़ थोड़ा और पीछे निकाल। मैंने सिस्टन पर अपना सिर झुकाते हुए गांड को कमोड सीट से बाहर की तरफ और निकाला। अब उसने पीछे आकर लंड का सुपाड़ा मेरी गान्ड के छेद में रख दिया।

    अब मेरे चुंचनों कुलबुलाना और चालू कर दिया। तभी उसने हल्का सा धक्का मारा और लंड का सुपाड़ा मेरी गांड के छेद के भीतर चला गया।

    मैं दर्द से चिल्लाई उई मां उई मां वह रुक गया मेरी गांड के छेद की झिल्ली फट चुकी थी उसमें से थोड़ा खून आ गया। चिकनाई ज्यादा होने की वजह से उसका लंड भीतर को रपट रहा था।

    लेकिन लंड अभी पूरी तरह भीतर नहीं गया था। मुझे लग रहा था कि जल्द से जल्द पूरा लंड भीतर ले लूं। वह इस मामले में काफी होशियार था अब उसने धीमे धीमे उसी जगह लंड को भीतर बाहर करना स्टार्ट कर दिया।

    ऐसा करने से लंड धीमे-धीमे भीतर जाने लगा क्योंकि मुझे नहीं पता था कि रास्ता बनाने की भी कुछ टेक्निक होती है। अब मैंने कमोड की सीट से चूतड़ और ऊपर उठाना स्टार्ट कर दिया और अपना सर सिट्सन के ढक्कन के ऊपर रख लिया।

    अब उसका लन्ड काफी भीतर जाने लगा। चुनचुन हल्के -हल्के कुलबुला रहे थे। मैंने कहा जोर से करो और मुझे लग रहा था कि यह जितना जोर से करेगा इतनी जल्दी ही सारे चुनचुने मर जाएंगे।

    फिर उसने धक्का लगाना तेज कर दिया। चाची का भरा हुआ तेल अब उसका पूरा सहयोग कर रहा था। वह बोला साली पहले से गांड में तेल भरवा कर आई थी क्या। मैंने कहा कैसी बातें करते हो ऐसा कुछ नहीं है।

    वो बहुत बहुत तेजी से करता जा रहा था और चुनचुनो की चटनी बनती जा रही थी। अब मेरे चुनचुने बिल्कुल शांत हो गए थे मुझे काफी राहत महसूस हो रही थी।

    अब वह धक्के धीमे करने लगा मुझे लगा इसने धीमा क्यों कर दिया। फिर उसके चिल्लाने की आवाज आई और मुझे अपनी गांड के भीतर गीला गीला महसूस हुआ जैसे कोई पिचकारी सी किसी ने मारी हो।

    उसका लन्ड सिकुड़ता चला जा रहा था। वह काफी हांफ रहा था। अब मुझे चाची की बात याद आई की तेल बाहर आ जाता है वैसे ही उसका वीर्य बाहर आ जाएगा। मैंने तुरंत एनल प्लग ढूंढा क्योंकि मुझे जाने कैसी तलब थी मैं यह चाहती थी कि उसका वीर्य मेरी गान्ड के अंदर ही सूख जाए।

    मैंने तुरंत एनल प्लग ढूंढा मैंने एनल प्लग उसको दिया और कहा इसको मेरे पीछे डाल दो। वह बोला डाल दूंगा पहले मेरा लंड चूस कर साफ करो।

    मैंने कहा पहले मेरी गांड का छेद भी के चाट के साफ कर। उसने मेरी गान्ड चाटना स्टार्ट कर दिया और गांड को चाट के साफ करने के बाद में एनल प्लग उसमें ठूंस दिया। मैंने भी उसका लन्ड अच्छे से चूस कर साफ कर दिया और उसका बचा हुआ वीर्य पी गई।

    आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल कर जरूर बताएं सदा सदैव आपका आभारी रहूंगा।

    आपका, प्रिंस पांडे।

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