पापा के दोस्तों के साथ गलत गई (Papa Ke Doston Ke Sath Galat Gayi)

आप सब ने मेरी पिछली चुदाई कहानी में पढ़ा कैसे रमन और सुरेश अंकल ने मेरी और मेरी मम्मी की चुदाई की, जो आप सब ने बहुत पसंद की। उसके लिए आप सब का बहुत धन्यवाद। अब आगे की सेक्स कहानी पर आती हूं।

उस रात हम सब सो गए। सुबह में दोनों अंकल के बीच नंगी सोई हुई थी। मेरी जैसे ही आंख खुली, मैंने अपने कपड़े पहने, और अपने कमरे की तरफ जाने लगी। तब पापा मम्मी के कमरे से उन दोनों की लड़ाई की आवाज आने लगी। मैं कमरे के दरवाजे के पास रुक गई, और मम्मी पापा की बात सुनने लगी।

मम्मी को लग रहा था जैसे पापा ने उनकी गांड में लंड डाल दिया था। शायद मम्मी से उठा नहीं जा रहा था, तो वो पापा को बहुत सुना रही थी। मैं फिर अपने कमरे में आकर सो गई। कुछ देर बाद मम्मी ने मुझे आवाज देकर उठाया। मैं उठ गई और बाहर आ गई। मैंने देखा मम्मी लंगड़ा कर चल रही थी, तो मैंने मम्मी से पूछा, “आप लंगड़ा क्यूं रही हो?” तो मम्मी बोली, “बाथरूम में गिर गई।” पर मुझे तो सब पता था।

अब सब उठ गए थे। हम सब ने नाश्ता किया। तभी सुरेश अंकल मुझे बोलने लगे, “पुजा बेटी मैंने सुना है तुम गाड़ी अच्छी चला लेती हो?” मैं मन मैं बोली गाड़ी भी और लंड भी। मैं अंकल को बोली, “हां चला लेती हूं।” तो सुरेश अंकल ने पापा को बोला, “क्या हम पुजा के साथ गाड़ी में जाकर अपना काम जल्दी करके आ जाऐं? शाम को हम दोनों ने जाना भी है।”

पापा ने हां कर दी। मैं कुछ काम से बाहर आई तो रमन अंकल भी बाहर आ गए और मुझे बोले, “पुजा सेक्सी सी बन कर चलना।” तो मैं बोली, “घर में सेक्सी सी बन कर निकलना मुश्किल है।” तो अंकल बोले, “एक सेक्सी ड्रेस अपने पर्स में रख लेना।” फिर मैं अपने कमरे मैं आई और एक लाल रंग का गाउन पर्स में रख ली, और बाहर आ गई। फिर मैं, रमन अंकल, और सुरेश अंकल घर से बाहर गाड़ी के पास आ गए।

हम सब ने मम्मी पापा को बाय की और मैं कार चला कर अपने घर के काफी दूर आ गई। तभी रमन अंकल ने मेरा पर्स खोला और मेरा लाल गाउन बाहर निकाल लिया। सुरेश अंकल मुझे बोले, “पुजा गाड़ी साईड में खड़ी कर दे।” फिर रमन अंकल ने मुझे पिछली सीट पर आने को बोला। मैं चली गई। रमन अंकल मुझे कार के अंदर ही नंगी करने लगे।

मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े खोले, और गाउन पहन लिया। रमन अंकल ने मुझे ब्रा-पेंटी नहीं पहनने दी। मैं गाउन पहन कर अपना मेक-अप करने लगी। मैं अब एक नम्बर की रांड लग रही थी। फिर मैंने पूछा, “कहां जाना है? अब चलते हैं।” रमन अंकल तो मुझे वहीं पर चोदने की नज़र से देख रहे थे। फिर अंकल बोले, “बस चल रहे हैं।”

सुरेश अंकल अब गाड़ी चलाने लगे। रमन अंकल ने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल दिया। मैं उनका लंड हाथ से हिलाने लगी। कुछ देर बाद हम एक होटल में आ गए। होटल काफी बड़ा था। सुरेश अंकल ने कार पार्क की। सुरेश अंकल आगे चल रहे थे। मैं बीच में, और रमन अंकल पीछे चल रहे थे। होटल के वेटर तो मुझे खा जाने वाली नज़र से देख रहे थे।

हम एक कमरे में चले गए मैंने देखा वहां एक लड़का बैठा हुआ था। देखने में 20 साल का लग रहा था। रमन अंकल और सुरेश अंकल उससे मिले। फिर मुझे पता चला उस लड़के के पापा का फाइनेंस का बहुत बड़ा काम था। रमन और सुरेश अंकल उस लड़के (हामिद) से ही अपना फाइनेंस का काम करवाते थे। हामिद मेरी तरफ नहीं देख कर काम की बात कर रहा था।

कुछ देर बाद रमन अंकल बोले, “पुजा गाउन खोल दे।” मैं उनको देख कर बोली, “हामिद के सामने कैसे खोल सकती हूं?” तो अंकल ने कुछ नहीं बोला, और अपने हाथों से मेरा गाऊन उपर कर दिया। मैं पूरी नंगी हो गई। तब हामिद रमन और सुरेश अंकल को बोला, “मेरे लिए तो ठीक है, पर मेरे वालिद के लिए?” सुरेश अंकल हंसते हुए बोले, “हामिद आपके वालिद और हमारी पसंद पुजा की मां ही है। हमें पता है बो बहुत जल्दी आपके वालिद के कमरे में होगी।”

मैं यह सब सुन कर हैरान सी हो गई। फिर तभी सुरेश रमन अंकल मुझे हामिद के पास छोड़ कर दूसरे कमरे में जाते हुए बोल गए, “अच्छे से खुश करना।” अब मैंने भी सोच लिया जो होगा देखा जाऐगा। वैसे भी बच्चा ही लग रहा था देखने से तो।

हामिद मुझे बोला, “जा बाथरूम में नहा कर आ।” मैं बाथरूम मैं नहाने चली गई। फिर नहा कर तौलिया लपेट कर बाहर आ गई। हामिद ने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और बोला, चुदक्कड़ लग रही है देखने से।” मैं कुछ नहीं बोली। हामिद ने मेरा एक-दम से तौलिया खींच दिया, जिससे मैं घूमते हुए बैड पर जा गिरी।

हामिद भी नंगा होने लगा। मेरी नज़र तो उसके अंडरवियर के उपर टिकी हुई थी। मुझ लग रहा था उसका लंड अभी बच्चे के लंड के जैसा होगा। पर जब अंडरवियर नीचे हुआ तो मैंने देखा उसका लंड 6″ लम्बा और 4″ मोटा था। अब मेरा दिल जोर शोर से धड़कने लगा। इतना मोटा लंड तो मैंने कभी नहीं लिया था।

हामिद बैड पर आया, और मुझे धक्का मारा। मैं बैड पर लेट गई। मैंने सोचा शायद हामिद मेरी चूत को देख कर तारीफ करेगा, चाटेगा, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। उसने मेरी टांगो को पूरा खोला और अपना लंड मेरी चूत मैं लगा दिया। हामिद के लंड का सुपाड़ा चूत में लगने से ही मुझे दर्द होने लग पड़ा।

हामिद ने मेरे दोनों चूचों को अपने हाथों से पकड़ लिया। फिर एक-दम से हामिद ने एक झटका मारा। हामिद ने चूत के साथ मेरे चूचे भी बहुत जोर से दबा दिये, और चूत में उसके लंड का सुपाड़ा घुस गया। मेरी बहुत जोर की चीख निकल गई, पर हामिद को मेरी चीख से कोई मतलब नहीं था। हामिद थोड़ा रुका और फिर से एक झटका दिया।

मेरी चीखें निकलती रही और हामिद का लंड मेरी चूत के अन्दर समा गया। मेरे चूचे पूरे लाल हो गए थे। मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे। पर हामिद को मेरे उपर कोई दया नहीं आई। हामिद ने अब एक हाथ से मेरा गला दबा दिया, और मेरी चुदाई करने लगा। मेरी सांस तेज हो रही थी। जब मेरी आंखें बंद होने लगती, तो वो मेरे गालों पर थप्पड़ मारने लगता।

मेरी हालत खराब हो चूकी थी। मैं बेहोश सी हो गई, पर हामिद मुझे चोदता रहा। हामिद रुकने का नाम नहीं ले रहा था। मेरी चूत जब भी पानी छोड़ती तो हामिद मुझे मारता, और जोर से मुझे चोदता। हामिद का पानी काफी टाइम बाद निकला, जबकि मेरी चूत 6 बार पानी छोड़ चूकी थी। हामिद ने अपना पूरा पानी मेरे पेट के उपर निकाला।

फिर हामिद ने मुझे एक थप्पड़ मार कर उठाया और बोला, “रंडी मेरे लोड़े के पानी को अपने पेट से साफ करके पी जा।” मैं उसकी बात सुन कर अपने हाथों से लंड के पानी को साफ कर के पीने लगी। हामिद किसी से फोन पर बात कर रहा था। मुझे उसके पानी से गंदी से बदबू आ रही थी। पीते हुए दिल कर रहा था उल्टी कर दूं, पर कुछ नहीं कर सकी।

सारा पानी मैंने अच्छे से साफ कर के पी लिया। फिर हामिद बोला, “फिर से नहा कर आ।” मैं नहाने चली गई। आगे की कहानी मैं बताऊंगी कैसे हामिद ने फिर से मेरी चुदाई की एक महिला के सामने। आपको अब तक की चुदाई कहानी कैसी लगी जरूर बताना। आपकी पुजा [email protected]