Meri gaand ke chun chuno ka ilaaj-2

This story is part of the Meri gaand ke chun chuno ka ilaaj series

    फिर उन्होंने अपने बेटे को बुलाया। जोकि एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत था। लेकिन स्वभाव से काफी सीधे और सरल जान पढ़ रहे थे। बुआ जी मेरी तारीफ उनसे करने लगी।

    उन लोगों ने मुझसे हाय हेलो किया और थोड़ी बात करने की कोशिश की पर मैंने ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाया। फिर उनका छोटा बेटा वहां आ गया और मुझे बड़े गौर से घूर कर देखने लगा। लेकिन उसे पता नहीं था कि वह लोग मुझे शादी वाली नजर से देख रही हैं। शायद उनकी मम्मी पापा और मेरे हस्बैंड को ही थोड़ा मालूम था।

    फिर मैं वहां से खिसक ली। मुझे लगा कि चुनचुनो ने ज्यादा ताकत लगाना शुरू कर दिया है। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। पेट में हल्की हल्की गैस भी बन रही थी। मैंने सोचा कि अगर पादने से शायद कुछ आराम मिल जाए।

    अब मै सोच रही थी कि जल्द से जल्द पाद आ जाए। फिर लगभग 15-20 मिनट बाद मुझे लगा कि पाद आ रहा है। मैं पादने के लिए जगह तलाशने लगी। फिर मैं एक पेड़ के नीचे गई यहां पर कोई नहीं था कम लोग थे थोड़ी दूरी पर थे।

    मैंने वहां पहुंचकर हल्का सा चूतड़ पीछे की तरफ निकाले और ताकत लगाकर पादने की कोशिश की। तभी चूतड़ों से पों पो पुर्र पूर्र पर्र की आवाज निकली हवा का दाब काफी अच्छा था।

    तभी मैंने राहत कि सांस ली। और पीछे मुड के देखा तो जो जिस लड़के से मेरी शादी की बात चल रही थी उसका छोटा भाई मेरे पीछे खड़ा था। और बड़ी कामुक नजर से मुझे देख रहा था। और हांथ से अपने लन्ड के ऊपर हांथ फिरा रहा था। मै उसे देख कर सन्न रह गई।

    मुझे लगा ये मेरा पिछ्वाड़ा देख रहा है। या फिर इसने मुझे पादते हुए सुन लिया है। पर उसने मुझे पादते हुए सुन लिया था। और मैं भी यह जान गई थी कि इसने मुझे सुन लिया उसकी आंखें लाल हो गई थी वह बहुत ज्यादा कामुक हो गया था। और मुझसे कुछ बात करना चाहता था पर मैं वहां से भाग गई।

    तकरीबन 15-20 मिनट तक मुझे आराम रहा फिर उसके बाद लगा की समस्या से भी निजात मिली नहीं है। मैं फौरन अपने चाची के पास गई चाची से कहा चाची मुझे बहुत चुनचुने काट रहे हैं। प्लीज कुछ करो।

    चाची बोली टैबलेट ली है ना मैंने कहा हां चाची मैंने टेबलेट खा चुकी हूं पर उससे कोई आराम नहीं मिल रहा। चाची बोली बुआ के छोटे बेटे को लेकर घर चली जा और वहां पर कड़ुआ तेल अपने भर ले। मैंने चाची से कहा चाची मैंने कभी अपने उधर तेल नहीं भरा है।

    मैं नहीं भर पाऊंगी मैंने चाची से कहा तुम चलो तुम मेरे भर देना चाची बोली यह तूने नई समस्या पैदा कर दी चल मैं भी साथ में चलती हूं फिर चाची मैं और बुआ का छोटा बेटा वहां घर के लिए निकल पड़े घर पहुंच कर चाची मुझे कमरे में ले गई और मुझे बिस्तर पर पेट के बल लेटा दिया और फिर चाची कडुआ तेल 1 सीसी में लेकर आयी।

    और मुझसे बोली घागरा ऊपर कर मैंने घागरा पूरा ऊपर कर लिया चाची की नजर जैसे ही मेरी पैंटी पर पड़ी उन्होंने एक सपाट मारते हुए कहा यह कैसी पेंटी पहनी है इसमें पूरे चूतड़ तेरे दिख रहे हैं क्या फायदा है।

    देखो एक तो इतना कम कपड़ा है ऊपर से वह भी तेरी बड़ी गांड मे घुसा जा रहा है। फिर चाची ने मेरी पैंटी सरकाई और चूतड़ खींचकर गुदाद्वार ढूंढने की कोशिश की लेकिन चूतड़ों में मांस ज्यादा होने की वजह से गुदाद्वार में उंगली पहुंचने में चाची को काफी दिक्कत हो रही थी।

    फिर चाची बोली चल घोड़ी बन जा उसमें तेरा छेद बाहर आ जाएगा फिर तेल भरने में आसानी रहेगी। मैं घोड़ी बन गई फिर चाची बोली चूतड़ पीछे को निकाल। मेरे पीछे चूतड़ निकालने के बावजूद भी गुदाद्वार बहुत थोड़ा दिख रहा था।

    लेकिन चाची बोली चलो काम चल जाएगा। फिर उन्होंने हाथ में तेल लिया और गुदाद्वार में उंगली की सहायता से तेल को टपकाने लगी। जब तेल गुदाद्वार में थोड़ा जमा हो गया। तो तेल उंगली की सहायता से भीतर करने लगे।

    अब चाची की उंगली जा नहीं रही थी उससे बोलो थोड़ा और पीछे को निकाल चूतड़ पीछे को। फिर मैंने ऐसा ही किया थोड़ा छेद बाहर को आया तब चाची ने उंगली दबाना शुरू किया। एक उंगली तेल की सहायता से थोड़ा भीतर गई।

    चाची ने धीरे-धीरे करके पूरी उंगली भीतर उतार दी और उंगली घुमाने लगी। अब मुझे काफी राहत महसूस हो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे चुनचुने अपनी जगह से हट गए हो।

    लेकिन चाची उंगली आगे पीछे करने में लगी हुई थी। मुझे लग रहा था वह उंगली चारों तरफ घूमाये। तभी चाची ने दूसरी उंगली भी पहली उंगली से सटाकर भीतर करने की कोशिश की।

    अब मुझे हल्का सा दर्द होगा मेरे मुंह से निकला उई उई मां। चाची बोली चिल्ला क्यों रही है यह तो दो अंगुलिया है सिर्फ इसमें इतना दर्द अभी तो हाथ के बराबर जब कोई चीज जाएगी तब तेरा क्या होगा।

    मेरी चाची धीरे-धीरे उंगली आगे पीछे करती रही और उंगली के पीछे तरफ से तेल डालते रही जिससे अंगुलीया तेल से गीली हो जाती थी। इसी तरह चाची ने काफी देर तक भीतर बार किया और काफी मात्रा में तेल भीतर डाल दिया।

    अब चाची ने अपनी स्पीड बहुत बड़ा दी जैसे वह तेल भरने के अलावा और कोई काम कर रही हो। चाची की आंखें लाल हो चुकी थी मुझे लगा मुझे लगा चाची को यह क्या हो गया है।

    दरअसल चाची को सेक्स चढ़ रहा था। अब जब तेल ज्यादा होने लगा तो पुर पुर पादने की आवाज निकलने लगी। फिर चाची बोले काफी तेल भीतर चला गया है। तुझे राहत मिलेगी।

    मैंने कहा मैं खड़ी हो जाऊं? चाची बोली अभी नहीं तेरा सारा तेल बाहर आ जाएगा। तेल बाहर भी आ जाता है क्या मैने चाची से पूछा। चाची बोली हां जब तुम खड़ी खड़ी होगी तो आ जाएगा लेकिन उसका भी इलाज है मेरे पास।

    फिर चाची ने बैग से गोल गोल एक चीज निकाली जिसमें पीछे स्टैंड लगा हुआ था। वह एनल प्लग था। मैंने कहा चाची यह क्या है यह आपको कहां से मिला। चाची बोली यह एनल प्लग है शादी के बाद तुझे पता चल जाएगा जब मर्द के साथ फिल्में देखेगी तो।

    लेकिन यह आपको मिला कहां से?

    चाची बोली मीनू के कमरे से शायद वह लोग इसका इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन अब मीनू की शादी होने जा रही है मीनू को क्या जरूरत इसलिए मैने रख लिया।

    चाची ने फिर एनल प्लग मेरे चूतड़ों में डाल दिया। अब मुझे बहुत ही मजा आने लगा एक तो चुनचुनो से राहत मिली और ऊपर से एनल प्लग से मुझे काफी अच्छा एहसास हो रहा था।

    फिर मैं खड़ी हुई और थोड़ा चली तो एनल प्लग का जो स्टैंड था उसमें मेरे चूतड़ों के मांस से लड़ रहे थे। और एनल प्लग में जब थाप पड़ती तो एनल प्लग बाहर को आता और फिर भीतर को जाता इससे मुझे बहुत ही सुखद एहसास हो रहा था।

    अब मैंने कहा चाची से कि यह कितनी देर तक निकल लगाए रखना है?

    चाची बोली कोई निकलने की जरूरत नहीं जल्दी इससे कोई नुकसान नहीं होता है जब तक मन करे लगाए रखना और जब चुनचुने ठीक हो जाए तो उसको निकाल लेना।

    और मैंने कहा चाची जब पाद आए तो क्या करना?

    चाची बोली चुप सारा तेल बाहर आ जाएगा तेल धीरे-धीरे जब समय हो जाएगा तो भीतर सूख जाएगा।

    अब मैं और चाची वहां से निकले और गेस्ट हाउस सर पहुंच गए। अब एनल प्लग पीछे लगा होने की वजह से मुझे मटक मटक कर चलना में बड़ा आनंद आ रहा था। मेरी चाल और लुभावनी हो चुकी थी।

    मेरे हस्बैंड का भाई मुझे मेरी चाल और मेरी गान्ड को काफी गौर से देख रहा था लेकिन मैं अपने मजे में मस्त थी। तभी मुझे ऐसा लगा कि कुछ चुनचुने अभी हरकतें दिखा रहे हैं।

    मुझे विचार आया कि टॉयलेट जाना चाहिए। उससे चुनचुने निकल जाएंगे। फिर मैं वॉशरूम गई और जल्दी में सिटकनी नहीं लगाना भूल गई । कमोड वाली सीट थी जो कि मुझे काफी अनकंफरटेबल थी।

    मैंने जल्दी से सिटसन की तरफ मुंह करके अपनी पेंटी उतारी और घागरा ऊपर किया मैने देखा घाघरे में कहीं पानी ना लग जाए इसलिए मैंने अब मैं सिर्फ घागरे के ब्लाउज में और पैंटी में थी बहुत ही शीशे में देखा तो बहुत सेक्सी लग रही थी।

    फिर मेरा ध्यान एनल प्लग की तरफ गया मैंने एनल प्लग खींच कर निकाला। लेकिन उसमें मुझे लगा कि काफी ज्यादा तेल आएगा लेकिन तेल 50% तक सूख चुका था और 50% ही भीतर होगा।

    क्यूंकि मुझे मालूम नहीं था कि किस तरफ मुंह करके बैठते है। फिर मैंने ताकत लगाना स्टार्ट किया कि लेड़ा जल्दी से बाहर आ जाए। मैंने पैंटी उतार कर सिटसन की तरफ मुंह करके बैठ गई लेकिन टट्टी नहीं आ रही थी।

    तभी जोर से पाद निकला और टट्टी धीमे-धीमे नीचे सरकने लगी लेकिन बहुत धीमे-धीमे सरक रही थी। और लेड़ा लंबा ही होता चला जा रहा था लेकिन टूट नहीं रहा था तभी दरवाजे में किसी ने धक्का दिया।

    मैने गर्दन और घुमा कर पीछे देखा लेकिन मैं उठ नहीं रही थी। क्योंकि मुझे यह लग रहा था कि लेड़ा गिर जाएगा तो मेरे समस्या और ठीक हो जाएंगी और वह मेरे लिए ज्यादा जरूरी है।

    आगे की कहानी अगले हिस्से में बताउंगी।

    आप सभी को मेरी कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल कर जरूर बताएं सदा सदैव आपका आभारी रहूंगा।

    आपका, प्रिंस पांडे।

    Email- [email protected]

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