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भाभी के बेटे ने नदी में चोदा (Bhabhi Ke Bete Ne Nadi Mein Choda)

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सुनीता है। मैं अभी 28 साल की हूं। मेरा रंग गोरा, बदन छरहरा है। किसी का भी मन डोल जाता है मेरे बदन को देख कर। काफी कमसिन कमर है। चूचियों और गांड का उभार काफी ज्यादा बढ़ गया है। मेरे दो बच्चे हैं। एक लड़का जो अभी 6 साल का है और लड़की अभी 3 साल की है।

एक बार की बात है। गर्मियों का समय था। मैं अपने मायके घूमने के लिए गई हुई थी, जहां पर मेरे भैया-भाभी और मां-पिता जी रहते है। मेरे दो भाई हैं। मैं सबसे छोटी उनकी बहन हूं। बड़े भैया की उम्र लगभग 36 साल हो चुकी है। और छोटे भैया की उम्र 32 साल की।

छोटे भैया की शहर में नौकरी लगी है, तो वह अपने बच्चे और परिवार के साथ बाहर में ही रहते हैं। वो कभी-कभी आते हैं। और बड़े भैया किसानी करते हैं, तो वह गांव में ही रहते हैं। उनका बड़ा लड़का जो अभी 19 साल का है और कॉलेज में पड़ता है, और छोटी लड़की जो 17 साल की है।

बड़ी भाभी घर पर ही रहती है, और भैया और मां-पिता जी की देखभाल करती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की ज़िम्मेदारी बड़े भैया के ऊपर है। भाभी का बड़ा लड़का जिसका नाम राहुल है, वह अभी कॉलेज में पढ़ता है, और उसकी उम्र 19 साल है। दिखने में हृष्ट-पुष्ट शरीर का है, परंतु है बड़ा नटखट। बचपन से ही वह बहुत शरारती था। मैं जब कुंवारी थी, तब उसे गोद में खिलाया करती थी। बहुत ही बदमाशी करता था।

अब बड़ा हो गया है। परंतु अभी भी उसकी शरारत नहीं छूटी। जब मैं यहां पर आई थी पहली बार शादी के बाद, तब वह मुझे देखते ही गले लग गया।

वो बोला: बुआ आप बहुत ही खूबसूरत हो। आपने क्यों शादी कर ली? मैं आपसे शादी करता ना?

मैं और सभी लोग उसकी बात सुन कर आवाक रह गये। मैं तो शर्मसार हो गई, और वह निर्लज मुझे छोड़ भी नहीं रहा था, और बार-बार एक ही बात को दोहराए जा रहा था “मैं आपसे शादी करूंगा, मैं आपसे शादी करूंगा।”

फिर भाभी ने उसे डांट कर मुझसे अलग किया, और तब जाकर बैठा। तब उसकी उम्र लगभग 12 साल की होगी। उसके बाद जब भी मैं यहां पर आती हूं, तब वो ज्यादातर मेरे साथ ही अपना समय बिताता है, और किसी ना किसी बहाने से मुझे गले लगाता है, या फिर मेरे गालों को चूम लेता है, या फिर इधर-उधर हाथ लगा देता है।

तब मैं उसकी हरकतों को नजरअंदाज कर देती थी बच्चा समझ कर। परंतु इस बार जब आई, तब उसने मुझे देख कर ना गले लगाया, और ना हीं मुझे कुछ कहा।‌बस मुझे देख कर एक कुटिल सी मुस्कान दी, जिसे देख कर मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई शैतानी हरकत करने वाला है।

मैं अपने मायके अपने मम्मी-पापा से मिलने के लिए बहुत दिनों बाद आई थी। जहां मैं अपने भैया-भाभी और उनके इस शैतान लड़के से भी मिली। मुझे बहुत ही अच्छा लगा। कुछ दिनों मेरे यहीं पर बीते, और जब मैं जाने को कही तब वह शैतान मेरे पास आया।

वो बोला: बुआ और कुछ दिन रुक जा ना। गांव में ही एक बहुत ही बड़ा मेला लगने वाला है।‌ मैं आपको मेल दिखा दूंगा, उसके बाद आप चली जाना।

मुझे भी यह बात अच्छी लगी, तो मैं रुक गई। परंतु उससे एक बात बोली-

मैं: मैं यहां एक ही शर्त पर रुकूंगी, कि तुम मुझे नदी के किनारे नाव पर घुमाने के लिए ले जाओगे, और साथ ही मुझे पूरा मेला भी घुमाओगे।

यह बात तो उसके लिए बहुत ही खुशी की थी। वह तो यही चाहता था कि मैं किसी भी तरह उसके साथ समय बिताऊं।

वह तैयार हो गया और झट से बोला: मेला क्या, शाम को मैं आपको नदी के उस पार घुमाने के लिए ले जाऊंगा।

दूसरे दिन बहुत ही शानदार मेला लगा। मैं राहुल के साथ मेला घूमने के लिए चली गई। राहुल मुझे अपने साथ बहुत ही अच्छी-अच्छी जगह घुमा रहा था। मेले में मैं खूब मजा ले रही थी। वह मुझे कभी हाथ पकड़ कर चलाता, तो कभी मेरे कमर में हाथ डाल देता।

मैं उसे बोलती: क्या कर रहे हो?

तब वो जवाब देता: क्या हो गया बुआ? मैं तो आपके साथ ही ना चल रहा हूं?

इसी तरह वह मुझे छेड़ते हुए पूरा मेला घुमाया, और मैं उसके साथ बहुत मजा ली। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं उसे अपने गले से लगा कर उसे थैंक यू बोली, और बोली-

मैं: तुम्हारे साथ मुझे बहुत मजा आया। मैं बस अब तुम्हारे साथ नाव पर भी घूमना चाहूंगी।

उसने भी मेरे गले लगने का फायदा उठाते हुए मेरे नितंबों को दबा दिया, और मुझे कस के गले लगाया, ताकि मेरी चूचियां उसकी छाती से पूरी तरह से दब जाए। फिर उसने मुझे मेरे गाल पर चुम्मा लेकर बोला-

राहुल: बुआ आप चिंता मत करो, मैं आपको नाव पर पूरा मजा दूंगा। बस आप एक बार मेरे साथ चल कर तो देखिए।

उसकी कुटिल हंसी में मुझे कुछ शरारत नज़र आ रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि आज यह जरूर कुछ करेगा। शाम हुई तो मैं उसके साथ नदी की ओर घूमने के लिए निकल गई। नदी की ओर काफी सुनसान था। कोई आदमी उधर दिख नहीं रहा था, परंतु नदी में नौकाये तो चलती है। नदी के किनारे कई सारे नव बंधे हुए थे, जो मछुआरे यहां पर बांध कर अपने-अपने घर को चले गए थे।

तब शैतान राहुल ने एक नाव को खोला, और बोला: बुआ आप जल्दी से इस पर बैठ जाओ। मैं आपको उस पार लेकर चलता हूं।

मैं जल्दी से एक नाव में बैठ गई, और वह नाव के रस्सी को खोल कर उस पर चढ़ गया।‌ फिर उसे चलाना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में हम दोनों नदी के बीच में आ चुके थे, और नदी के दूसरे तट की ओर हम लोग जा रहे थे, जहां से हमें कोई नहीं देख सकता था। हम अपनी जिंदगी को पूरा एंजॉय करना चाहते थे।

मैं नाव पर ही खड़ी हुई और अपनी बाहें फैला कर आसमान की ओर जोर से चिल्ला कर बोली: थैंक यू राहुल। कितना मजा आ रहा है यहां।

तब तक नाव बीच में आ चुकी थी। जहां से कोई नहीं देख सकता था। दोनों ओर बहुत बड़ी ऊंची-ऊंची झाड़ियां लगी हुई थी जिसकी वजह से कोई आदमी जल्दी इधर आता नहीं था। हम लोग नदी में खूब मजे से पानी के बीच में नाव पर मजे ले रहे थे।

मैं नाव पर अपनी बाहें फैला कर खड़ी हुई थी कि तभी राहुल मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया‌। वो बिल्कुल मेरे करीब से सट गया और अपनी बाहों को मेरी बाहों के साथ फैला दिया। ऐसा लग रहा था जैसे हम लोग टाइटेनिक पर हो।

मैं काफी आनंदित थी। इसलिए मैंने राहुल को कुछ नहीं बोला। राहुल चुप-चाप मेरे पीछे खड़ा था और मुझे सटता ही जा रहा था। थोड़ी ही देर में वह अपनी बाहों को मेरी कमर पर लपेट लिया और अपने चेहरे को मेरे गर्दन के पास लगा कर मेरी गर्दन को चूम लिया। मैं तो जैसे सातवे आसमान पर थी। नाव पर इस तरह का रोमांस मुझे बहुत ही ज्यादा रोमांटिक कर रहा था।

वह मेरी गर्दन पर अपनी गर्म सांस छोड़ रहा था, और अपने मुलायम होंठों को मेरी मुलायम गर्दन पर रगड़ रहा था, जिससे मेरे अंदर अब रोमांस फुल हो रही थी। मुझे लगा जैसे राहुल बस फिल्मों की तरह रोमांटिक फील करा रहा था। लेकिन वह कुछ ज्यादा ही करना चाहता था। उसने तुरंत ही अपने हाथ को मेरी नाभि पर चलाना शुरु किया और मेरी गर्दन को अपनी जीभ से चाटना और दांतों से काटना भी शुरू कर दिया। मेरी तो आंखें ही बंद हो गई।

राहुल लगातार मेरी नाभि में उंगली कर रहा था, और मेरी गर्दन को दांतों से हल्के-हल्के काट रहा था, जिससे मेरी आंखें अब खुल ही नहीं रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे बस में इसकी बाहों में ही खो जाऊं। उसने मुझे अपनी तरफ पलटा और अपनी बाहों को मेरी गर्दन के आस-पास लपेट कर अपने होंठ को मेरे होंठ से रगड़ना शुरू कर दिया। वो अपनी नाक को मेरी नाक से रगड़ने लगा।

मेरी आंखें बंद थी। वह लगातार मेरे होठों पर रगड़ते हुए अपनी जीभ को मेरे मुंह में घुसाने की कोशिश कर रहा था। उसका हाथ अब मेरी पीठ और गर्दन से होते हुए मेरे नितंबों पर जा रहा था। वह मेरे नितंबों को अपने मुट्ठी में भर लेना चाहता था।

राहुल अब मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया था। मैं भी उसके होठों को चूसने में साथ देने लगी। वह मेरे होठों को चूसता, कभी मेरे गालों को चुसता, और वह मेरी गर्दन पर किस्स करता है। मैं फुल रोमांस में थी, नदी के बीच में नाव पर इस तरह अपने भाई के बेटे के साथ।

उउउउउफ्फ्फ़, राहुल लगातार मेरे होंठों को चूसे जा रहा था, और अपने हाथों से मेरे नितंबों को दबाये जा रहा था। मैं उसकी आगोश में डूबी हुई थी। हम दोनों फुल रोमांस कर रहे थे। इसी तरह से वह मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे नितंब को दबाया और उसके बाद वह मेरी चूचियों पर टूट पड़ा दबाने के लिए। वह बड़ी ज़ोर से मेरी दोनों चूचियों को दबा रहा था।

फिर राहुल ने नीचे पड़े तिरपाल को बिछाया, और उस पर मुझे लिटा दिया, और खुद मेरे ऊपर आ गया। फिर वो मेरी साड़ी को कमर तक उठा कर और पैंटी को खींच कर निकाल दिया, और सीधा अपने मुंह को मेरे चूत पर लगा कर उसे धीरे-धीरे चाटने लगा।

मैं फुल रोमांस फील कर रही थी, नदी के बीच नाव पर अपने भतीजे के साथ इस तरह चूत चटवाना बहुत ही मजेदार था। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आअह्ह राहुल। फिर राहुल मेरे ऊपर आया और मेरे दोनों चूचियों को निकाल कर बारी-बारी से पीने लगा। वह अपने लंड को निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया। मैं उसके लंड को धीरे-धीरे सहला रही थी, और राहुल मेरे चूचियों को चूस रहा था।

फिर राहुल मेरी चूचियों को छोड़ कर अपने लंड को मेरी बुर पर सेट किया, और मेरे होंठों को अपने होठों में लेकर जोरदार धक्का लगाया। वो अपने पूरे लंड को मेरी बुर में उतार दिया।

मैं चीख पड़ी: आआआह्ह्ह्ह राहुल धीरे आअह्ह्ह्ह।

राहुल मेरा होंठों को चूसता तो कभी मेरे चूचियों को चूसता, और लंड का दबाव मेरी बुर पर लगातार बढ़ाते जा रहा था। वह लगातार मेरी बुर में धक्कों की बरसात कर रहा था, और मेरी चूचियों को दबा रहा था।

फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया, और पीछे से लंड को मेरी बुर में डाल कर मेरे चूचियों को हाथ में पकड़ के चोदना शुरू कर दिया।

तेज रफ्तार में वो मुझे चोदे जा रहा था। तभी दूसरे छोर से किसी की चिल्लाती हुई आवाज आई। जब हमने आवाज का पीछा करते हुए देखा तब देखा कि कोई आदमी हमें देख रहा था, और वह है हमारी और आने का प्रयत्न कर रहा था‌। पर उसके पास कोई नाव नहीं थी। फिर राहुल ने मुझे चोदते हुए ही नाव को चलाना शुरु किया, और अपने किनारे की ओर जाने शुरू हो गए।

ऐसे ही कुछ देर चोदे होंगे कि चोदते हुए वह मेरे बुर में ही झड़ गया, और मेरे ऊपर निहाल हो गया। नाव भी अपनी धीमी रफ्तार के साथ ही किनारे की ओर बढ़ रही थी, और राहुल मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गया।

थोड़ी देर में हम अपने किनारे की ओर पहुंच गए थे। मैंने अपने साड़ी को नीचे किया और साड़ी को ठीक करने लगी। बालों को भी‌ ठीक की, और फिर नाव से नीचे उतरी। राहुल भी अपनी पेंट पहन चुका था, और वह भी नीचे उतरा और मुझे गले लगा कर कहा कि, “बुआ आज तो आपने मुझे स्वर्ग ही दिखा दिया।”

फिर हम दोनों घर वापस आ गए। रात में मैं भाभी के साथ सोई हुई थी। राहुल अपने पिता जी के साथ सोया हुआ था। तभी रात को दरवाजा मैं खोली तो देखी कि राहुल आया हुआ था। मैं उससे बोली कि, “तुम्हारी मम्मी यहीं सो रही है। तुम जाओ यहां से।” तो उसने मुझे अपनी बाहों में पकड़ कर किस्स करना शुरू कर दिया, और भाभी के बगल में ही ला कर मुझे लिटा दिया।

फिर मेरे ऊपर चढ़ कर किस्स करना शुरू कर दिया। मैं उसे रोकने की कोशिश की। मैं उसे कह रही थी कि, “तुम्हारी मम्मी यहीं सोई हुई है। अगर जाग गई तो शामत आ जाएगी।” पर वह मेरी एक नहीं सुन रहा था। वह लगातार मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया था, और मेरी चूचियों को दबाने लगा था।

थोड़ी ही देर में वह मेरी कपड़े को ऊपर की ओर करके पैंटी नीचे कर दिया, और अपना लंड निकाल कर, मेरे बुर में डाल कर मुझे चोदना शुरू कर दिया। मैं ना चाहते हुए भी अपनी आवाज़ को पूरी तरह से दबाई हुई थी। परंतु उसके चोदने की रफ्तार और थप थप की आवाज मैं नहीं रोक पा रही थी। वह लगातार पूरे कमरे में गूंज रही थी। मुझे डर लग रहा था कि कहीं भाभी जाग ना जाए, पर यह राहुल के बच्चे को तो समझ में ही नहीं आ रहा था। वह अपनी मम्मी के सामने ही मेरी बुर की चुदाई कर रहा था।

कुछ देर चोदने के बाद वह मेरी बुर में झड़ गया, और मेरे ऊपर लेट कर हांफने लगा। तभी भाभी में हलचल हुई और वह करवट लेने लगी। तुरंत राहुल उठा और बेड के नीचे घुस गया। आगे क्या हुआ, वो अगले पार्ट में।

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