Site icon Desi Kahani

Threesome Ki Khwahish – Part 1

हेलो फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी प्राची आपके लिए एक नयी स्टोरी लेकर आयी हूँ। मेरी पहली 3 स्टोरीज देसी कहानी पे प्रकाशित हो चुकी है लेकिन वो सारी स्टोरीज मैंने मेरी मातृभाषा मराठी मे लिखी थी। तो काफी लोग मेरी उस कहानी का आनंद नहीं उठा पाए।

इसलिए इस बार सोचा क्यों ना हिंदी में स्टोरी लिखी जाये ताकि सब मेरी इस चुदाई की कहानी का आनंद उठा पाए। जो लोग मराठी जानते है उनसे गुजारिश करुँगी की वो मेरी पिछली स्टोरीज जरुर पढ़े

पिछली कहानी में मैंने बताया की कैसे मैंने और मेरे बॉयफ्रेंड ने पहली बार सेक्स किया। वो हम दोनों के ज़िन्दगी का पहला अनुभव था और हमने उसे खूब एन्जॉय किया।

मैं उस प्यार को हमेशा के लिए यादगार बनान चाहती थी। इसलिए मैंने उसे कहानी के जरिए यादगार बनाया और उस कहानी को देसी कहानी पे प्रकाशित किया। मेरी उस कहानी को मेरी सहेलियो ने भी पढ़ा और उन्हें भी वो काफी पसंद आयी।

माफ़ करिये मैं आपको मेरी सहेलियोंके बारे मे बताना भूल गयी। मेरी सहेलियों के नाम कुछ इस तरह है, एक नाम स्वरा है और दूसरी का नाम मानसी।

स्वरा के स्तनों के बारे में तो क्या कहु, हम तीनो में स्वरा के ही स्तन सबसे ज्यादा बड़े है। उसके बाद स्तनों के आकर में मानसी का दूसरा और मेरा तीसरा नंबर आता है।

हम तीनो सबसे अच्छी दोस्त है। हम अपने बिच कुछ नहीं छुपाते सारी बातें शेयर करते है। हमारी दोस्ती की तो पूरी कॉलेज में मिसाल दी जाती है।

एक दिन की बात है हम तीनो मानसी के घर बैठ बातें कर रही थी। तभी मानसी ने मेरी कहानी की तारीफ की। उसकी तारीफ सुनकर मुझे काफी ख़ुशी हुई।

मैंने स्वरा से पूछा ” क्यूँ स्वरा तुझे कहानी पसंद नहीं आई? ”

मेरे ऐसे पूछने से वो कहने लगी ” अरे ऐसी बात नहीं है मुझे भी तुम्हारी कहानी काफी पसंद आई। ” तभी उसने विषय बदला।

मैंने महसूस किया की वो थोड़ी उदास है। लेकिन तब मैंने उससे कुछ पूछा नहीं। कुछ देर ऐसे ही बातें करते रहे। फिर स्वरा कहने लगी की काफी दे हो चुके अब उसे घर जाना है। मैंने सोचा की मैं भी उसके साथ ही चलती हूँ। शायद वो अपनी उदासी का कारण बता दे।

हमने मानसी को अलविदा कहा और हम दोनों मेरी स्कूटी पे बैठकर स्वरा के घर जाने लगे। रास्ते में मैंने उससे कुछ नहीं पूछा।

थोड़ी देर बाद हम स्वरा के घर पहुंचे। स्वराने मुझे अपने घर मे आने का न्योता दिया तो मैं उसके साथ उसके घर गयी और हम दोनों सोफे पे बैठ गए। मैंने बिना वक़्त जाया किये स्वरा से उसकी उदासी का कारण पूछा।

वो कहने लगी ” यार प्राची तुझे तो पता है ना की मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। मानसी और तुम जब अपने अपने किस्से सुनाती हो तो मैं काफी गरम हो जाती हूँ। और जब तुम्हारी कहानी पढ़ी तो मैं कुछ ज्यादा ही गरम हो गयी। मेरा भी मन करता है की सेक्स करू लेकिन किसके साथ यही सोच कर मैं उदास हूँ।”

उसकी ये बात सुनकर मुझे बुरा लगा। मैं और मानसी ने कभी नहीं सोचा हमारे बातों से स्वरा को कैसा लगता होगा। मैं उसके नजदीक गयी उसे अपनी बहो में लिया।

मैंने उसे कहा – तू भी ना स्वरा। पहले क्यों नहीं बोला तूने। कुछ ना कुछ जुगाड़ कर लेंगे ना यार। तेरे लिए भी बॉयफ्रेंड ढूंढ लेंगे। वैसे भी तेर स्तन को देख कोई भी तुझपे फ़िदा हो जायेगा मेरी जान।

ये कहते हुए मैं उसके बाएं स्तन को दबाने लगी। उसके से मुँह कामुक आवाज़ें आने लगी। उसने अपनी आंखे बंद कर ली थी। मुझे मेहसूस हुआ की वो गरम हुयी है।

मैं धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चुत की और लेजाने लगी। उसकी साँसे अब तेज़ हो रही थी। मैंने जीन्स के ऊपर से ही उसकी चुत की गर्मी को महसूस किया।

मैंने अपने होठों को उसके होठों पे रखा और बड़े प्यार से उसके होठों को चूसने लगी। तभी उसने मुझे रोका और मुझे अपने साथ उसके बैडरूम में ले गयी।

बैडरूम में हमने आधा घंटा लेस्बियन सेक्स किया और वही उसके बेड पर पड़े रहे। स्वरा को नींद आ गयी थी। मैं घर की छत की और देख कर सोच रही थी की मैं स्वरा के लिए क्या कर सकती हूँ।

ऐसा नहीं है की स्वरा दिखने में अच्छी नहीं है। वो दिखने में काफी आकर्षक है। कोई भी उसपे लट्टू हो जाये।

लेकिन स्वरा को भी मेरे और मानसी की तरह सच्चे प्यार की तलाश थी। वो टाइम पास नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसे अबतक कोई मिला नहीं था।

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं कैसे अपने दोस्त की मदत करू। कुछ देर मैं इसी विचारधारा में थी। तभी स्वरा की नींद खुली।

उसने मेरी ओर देखा और पूछा – क्या हुआ प्राची कहा खो गयी हो?

मैं बोली – यार मैं तेरे बारे मे ही सोच रही थी। सोच रही थी की किस से तेरी सील तुड़वाऊं।

इतना कह कर मैं उसे गुदगुदी करने लगी।

तभी उसने कहा – मेरे पास एक सुझाव है। लेकिन पता नहीं तू क्या सोचेगी।

मैंने कहा – पहले बता तो सही।

स्वरा कहने लगी – मैं सोच रही थी की शुभम…

शुभम का नाम सुनते ही मैं आश्चर्य से उसे देखने लगी। मुझे ऐसे देख वो रुक गयी। तभी मैंने उसे आगे बोलने को कहा।

स्वरा – यार प्राची तू मैं और शुभम थ्रीसम सेक्स करते है। एक तो इन सब में कोई रिस्क नहीं है और मेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

उसने सब एक ही सास में कह दिया। उसकी इस बात से मैं सोच में पड़ गयी। मुझे समझ नहीं आरहा था की मैं उससे क्या कहूं।

तभी स्वरा बोली – प्राची मुझे माफ़ कर दे मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था। इस सेक्स की चाह में मैं कुछ भी समझ नहीं पा रही हूँ।

मैं बोली – देख स्वरा हम तीनो काफी अच्छे दोस्त है। इसलिए मुझे इस बात का बुरा नहीं लगा। सच कहु तो मैं शुभम के साथ कुछ नया करने के सोच ही रही थी। ये थ्रीसम का आईडिया तो अच्छा है और तेरे लिए हर तरह से सुरक्षित भी है। मैं सोचती हूँ इस बारेमे मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए। लेकिन मैं तुझसे वादा नहीं कर सकती।

मेरे इतना कहने पर उसके आँखों में आँसू आये। वो कहने लगी – तूने जो ये कहा यही मेरे लिए काफी है। मैं खुशनसीब हूँ की मुझे तेरे और मानसी जैसे दोस्त मिले।

इतना कह कर उसने मुझे गले लगाया।

मैं बोली – हां हां ये कुछ ज्यादा नहीं हुआ। चल बहोत देर हो गयी है तेरे मम्मी पापा भी आ जायेंगे मैं अपने घर जाती हूँ।

मैंने अपने कपडे ठीक किये और स्कूटी से अपने घर आ गयी। घर आकर मै स्वरा की कही हुई बात पे सोचने लगी। अगर ये मैंने शुभम को बताया तो वो क्या सोचेगा। वो मुझसे बहोत प्यार करता है। शुभम अगले हफ्ते आने वाला था तो मैंने सोचा इस विषय में तभी बात करेंगे। हम अपने कॉलेज में व्यस्त हो गए और स्वरा ने भी उस बात का कभी जिक्र नहीं किया।

फिर शनिचर की रात को शुभम आ गया। आते ही उसने मुझे कसकर गले लगाया। उसके बाहों मुझे काफी सुकून मिला। कुछ पल के लिए मैं भूल ही गयी थी थी मम्मी पापा घर पर ही है।

मैंने उसे अलग किया वो भी समझ गया और उसने मम्मी पापा के पास जाकर उनका आशीर्वाद लिया। रात को खाना खाने के बाद हम दोनों मेरी ही कमरे में बैठ कर बातें करने लगे। कुछ देर बातें करने के बाद वो मेरे करीब आने लगा।

मैंने उसे रोकते हुए कहा – अभी नहीं कल मम्मी पापा किसी शादी में जाने वाले है तो कल का पूरा दिन हमारे पास है। घर मे सिर्फ हम दोनों होंगे और परेशान करने के लिए कोई नहीं होगा।

मेरी इस बात पे वो राजी हो गया। उसने मेरे माथे पे चूमा और मुझे गुड नाईट कह कर दूसरे रूम में सोने चला गया।

मेरे दिमाग में एक ख्याल आया मैंने स्वरा को मैसेज किया और कल 12 बजे मेरे घर आने को कहा। मैसेज करके मैं फ़ोन रखने ही वाली थी की उसने किस वाली इमोजी भेजकर मुझे थैंक यू कहा। ये देख मैं मुस्कुराई और कल शुभम को कैसे राजी किया जाये ये सोचते सोचते कब मेरी आंख लग गयी मुझे पता ही नहीं चला।

सुबह मम्मी पापा शादी के लिए जल्दी निकल गए। मैंने और शुभम ने भी नाश्ता कर लिया और हम दोनों अपने अपने कामों में लग गए। मेरा काम खत्म होने के बाद मैं सोफे पे बैठ कर टीवी देखने लगी।

फिर कुछ देर बाद शुभम भी अपना काम खत्म करके मेरे बाजु में आकर बैठ गया। वो मेरी जांघो पे हाथ फेरने लगा। धीरे धीरे वो अपना हाथ मेरी चुत तक ले गया। वो कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चुत को सहलाने लगा। उसकी इस हरकत से मैं गरम होने लगी।

तभी मेरा ध्यान घडी की ओर गया। 11:15 बज रहे थे। स्वरा 12 बजे तक आने वाली थी, तो मैंने उसे रोका। वो थोड़ा आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगा।

शुभम – क्या बात है प्राची। तुम मना क्यों कर रही हो। प्राची मैं तुमसे बहोत प्यार करता हूँ अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम है तो तुम बता सकती हो।

मैं बोली – नहीं शुभम ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तुम्हे एक सरप्राइज देना चाहती हूँ। सिर्फ 12 बजे तक इंतज़ार करो। प्लीज।

उसने मुस्कुराते हुए ठीक है कहा। मैं उसकी बाहों मे गयी। उसकी बाहों मे में मैं अपने आप को काफी सुरक्षित महसूस करती हूँ। अपना सारा दुःख दर्द भूल जाती हूँ। सच कहते है प्यार में बहोत ताक़त होती है। वो मेरे बालों मे हाथ फेरता रहा और हम दोनों टीवी देखने लगे।

कुछ 11:40 के आस पास दरवाजे पे दस्तक सुनाई दी। मुझे पता था की स्वरा आयी होगी, मैं दरवाजा खोलने जाने ही वाली थी की शुभम ने मुझे रोका और खुद दरवाजा खोलने आगे गया। मैं वही खड़ी रही।

शुभम ने दरवाजा खोला तो उसने स्वरा को अपने सामने पाया। स्वराने उसे हेलो कहा। शुभम ने भी उसे हेलो कहा और अंदर बुलाया। स्वरा अंदर आयी और मुझे गले लगाया।

तभी शुभम कहने लगा की वो बहार घूम के आता है। मैं उसके चेहरे के भाव को समझ गयी थी। मैंने उसे रोका और उसके पास जाकर उसके होठों को चूमा।

मैं बोली – कहाँ जा रहे हो, अपना सरप्राइज नहीं देखोगे?

वो कुछ समझ नहीं पाया। मैंने स्वरा को पास बुलाया और शुभम से कहा की ये है तुम्हारा सरप्राइज। वो शॉक हो गया।

शुभम – प्राची ये क्या कह रही हो? प्लीज जो भी कहना है साफ साफ कहो ना।

मैंने शुभम से सीधा कह दिया। मैं बोली – शुभम स्वरा हमारे साथ थ्रीसम सेक्स करना चाहती है।

मेरी ये बात सुनकर बिना पलकें झपकाए शुभम मेरी ओर देखने लगा। फिर वो कहने लगा – प्राची ये क्या कह रही हो तुम। मैंने तुमसे प्यार करता हूँ मैं ये नहीं कर सकता। ये गलत है।

मैं – शुभम मैं भी तुमसे बहोत प्यार करती हूँ और इसमें कुछ गलत नही है। ये सब हम दोनों की रजामंदी से और दोनों के सामने हो रहा है। स्वरा का कोई बॉयफ्रेंड नहीं हैं और उसका मन भी सेक्स के लिए उत्तेजित होता है। लेकिन वो कुछ नहीं कर सकती। ये उसके लिए सबसे सुरक्षित तरीका है। ये बातें सिर्फ हमारे बिच ही रहेंगी।

शुभम – लेकिन प्राची..

मैंने उसके होठों पे अपनी उंगली राखी और कहा – देखो इससे हमारे बिच का प्यार जरा भी काम नहीं होगा। उल्टा ये हमारी बिच के प्यार को और मजबूत बना देगा।

स्वरा – शुभम अगर तुम्हे ये ठीक नहीं लगता तो मैं तुम्हे फ़ोर्स नहीं करुँगी। मैं नहीं चाहती की मेरी वजह से तुम्हे कोई तकलीफ हो। मेरी भी कुछ जरूरतें हैं मैं तो उन्हें पूरा करना चाहती थी और तुम तो जानते हो आजकल किसी पे भरोसा करना कितना मुश्किल हो गया है।

शुभम २ मिनट तक कुछ नहीं बोला। फिर उसने मुझसे कहा – प्राची अगर इसमें तुम्हे कोई आपत्ति नहीं हैं तो मैं तैयार हूँ। हमे भी आज सेक्स में एक नया एक्सपेरिंस मिल जायेगा।

मैंने उसे थैंक यु कहा और स्वरा की ओर देखा। उसकी ख़ुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नहीं था। मैंने उसे पास बुलाया और उसे घुटनो के बल बिठाया। वो समझ गयी की क्या करना है।

वो शुभम की पैंट उतरने लगी। मैं सोफे पे बैठ गयी और उन दोनों को देखने लगी। अब स्वरा ने उसकी अंडरवियर भी उतार दी और उसके लौंड को आज़ाद किया। उसने उसे अपने हाथ में लिया और उसे देखने लगी।

स्वरा की आँखों में एक अलग ही चमक थी। और होती भी क्यों नहीं आज उसने पहली बार किसी का लौंड अपने हाथ में लिया था। उसने काफी सारी पोर्न मूवीज देखी है तो वो जानती थी की आगे क्या करना है। उसने अपने जीभ को लौंड के टोपे पे रखा।

जीभ का स्पर्श होते ही शुभम ने अपनी आंखे बंद कर ली। स्वरा धीरे धीरे लौंड को अपने मुँह में लेने लगी कर उसे चूसने लगी।

उसे देख कोई भी नहीं कह सकता था की वो पेहली बार लौंड चूस रही है। शुभम भी इन सबका मजा ले रहा था। 5 मिनट तक स्वराने शुभम का लुंड चूसा।

फिर शुभम ने अपनी शर्ट उतरी और पूरा नंगा हो गया। उसने स्वरा को खड़ा किया और उसके होठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

कुछ देर ऐसे ही खड़े खड़े स्वरा को चूमता रहा। फिर वो स्वरा को मेरे पास ले आया और उसके कपडे निकालने का इशारा करके कंडोम लेने अंदर चला गया।

मैंने स्वरा को अपनी ओर खिंचा और उसके स्तन को जोर से दबाया। वो चिल्लाई। फिर मैंने हस्ते हस्ते उसके सारे कपडे उतार दिए।

मैंने देखा वो पूरी तैयारी के साथ आयी थी। उसने अपनी चुत को पूरी तरह से साफ किया था। उसकी चुत एकदम चिकनी लग रही थी।

फिर हम दोनों सोफे पे बैठ गयी। मैंने उसके टांगो को फैलाया। तभी शुभम आया और उसकी चिकनी चुत देख वो भी काफी खुश हुआ।

उसने मेरी ओर देखा और एक फ्लाइंग किस दी। मैंने भी उसे एक फ्लाइंग किस दी। फिर उसने स्वरा की चुत पे अपनी जीभ रखी। स्वरा एकदम से सेहर गयी।

शुभम जैसे ही उसकी चुत चाटने लगा उसने अपनी आंखे बंद की और कामुक आवाज़ें निकलने लगी। इन सब से मेरी चुत में भी खलबली मची थी। कब मेरा हाथ मेरी चुत पे चला गया मुझे पता ही नहीं चला।

शुभम ने ये सब देख लिया। उसने मुझे अपने कपडे उतारने को कहा। मैंने झट से अपने कपडे उतारे और स्वरा के पास जाकर उसके स्तनों से खेलने लगी।

स्वरा के स्तन मुझसे बड़े थे। मैं उन्हें बड़े प्यार से चूसने लगी। इन सब से उसकी सिसकिया और बढ़ने लगी। फिर मैं उसके ऊपर आगयी और उसके होठों को चूसने लगी। तभी शुभम ने पीछे से अपनी एक उंगली मेरी चुत में डाली।

उसकी इस हरकत से मैं सेहर उठी और मैंने स्वरा को किस करना बंद किया और कामुक आवाज़ें निकालने लगी। किसिंग बंद होते ही स्वरा ने मेरे स्तनों को मसलना शुरू किया।

आज पता नहीं उसे क्या जोश आया था वो बड़े जोर जोर से मेरे स्तनों को मसलने लगी थी। आज तक उसने मेरे स्तनों को ऐसे नहीं मसला था। मुझे काफी मजा आ रहा था।

कुछ देर तक हम इसी तरह खेलते रहे। फिर शुभम ने मेरी चुत में उंगली करना बंद किया और जोर जोर से स्वरा की चुत को चाटने लगा। अब स्वरा को रहा नहीं गया और वो झड़ने लगी।

शुभम ने अपना मुँह उसकी चुत पे ही रखा और उसका सारा पानी अपने मुँह में लेकर पी गया। मुझे स्वरा के चेहरे पर ख़ुशी नजर आ रही थी।

मैंने कहा – क्यूँ मेरी जान कैसा लगा?

स्वरा – यार आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया। थैंक्स यार।

मैं – अरे ये तो बस शुरुवात है। असली मजा तो अब आएगा, क्यूँ शुभम।

शुभम तो हम दोनों को देख मुस्कुराने लगा। वो काफी खुश नजर आ रहा था। और खुश होता भी क्यों नहीं उसको आज एक साथ दो अप्सराएं जो मिली थी। फिर वो स्वरा को सोफे पे लिटाने लगा।

मैंने सोचा ये सोफा हम तीनों के लिए आरामदायक नहीं है। मैंने शुभम से वैसा कहा और अंदर मेरे बैडरूम में चलने का सुझाव दिया। उसे भी यही सही लगा और हम तीनो मेरे बैडरूम में गए।

बैडरूम में जाते ही मैंने स्वरा को बेड पे लिटा दिया और उसके स्तनोंको को मसलने लगी। शुभम ने तब तक अपने लौंड पे कंडोम चढ़ाया और थोड़ी देर फिर से स्वरा की चुत चाटी।

उसके बाद उसने स्वरा को बेड के किनारे खिंचा। उसने उसकी टांगो को अपने कंधो पे रखा और लौंड को स्वरा की चुत पे सेट कर दिया।

दोस्तों मेरी ये कहानी जारी रहेगी। अब तक की कहानी आपको कैसी लगी मुझे जरूर बताना।

itspd@mail.com

Exit mobile version