Sanjha Bistar, Sanjhi Biwiyan – Episode 19

This story is part of the Sanjha Bistar series

    कुमुद ने तिरछी नज़रों से छोटी बहन रानी की और देखा। कुमुद की नजर पड़ते ही रानी कुछ सहम सी गयी।

    कमल का लण्ड अपने हाथों में सहलाती हुई थोड़ा सा खिसक कर वह अपने पति राज से बोली, “राज, क्या हम, मैं और कमल, दूसरे कमरे में जा सकते हैं? मुझे शर्म आ रही है।”

    राज ने देखा तो रानी और कुमुद की नजरें मिली हुई थीं। वह समझ गया की आखिर कितनी ही खुली क्यों ना हो, भारतीय नारी को अपनी लज्जा की मर्यादा का ध्यान रहता ही है।

    पर वह अपनी बीबी की चुदाई अपनी आँखों के सामने अपने भाई समान दोस्त से होते हुए देखना चाहता था। आज सालों के बाद उसकी यह तमन्ना पूरी होने वाली थी। उसे वह गँवाना नहीं चाहता था।

    उसने रानी से कहा, “मैं आज तुम्हारी और कमल भैया की प्यार भरी चुदाई अपनी नज़रों के सामने देखना चाहता हूँ। शायद तुम्हें कुमुद से शर्म आ रही तो तुम्हें हिम्मत देने के लिए पहले मैं कुमुद को चोदना शुरू करता हूँ। इस से तुम्हें शायद कुछ हिम्मत मिले। और मैं कमरे की बत्ती को भी थोड़ा हल्का कर देता हूँ। ठीक है? मेरी रानी, आज मौक़ा मिला है तो बेधड़क और खुलकर चुदाई करो। मैं चाहता हूँ की तुम जैसे मुझसे चुदवाती हो वैसे ही बल्कि उससे भी ज्यादा उच्छृंखलता से मेरे प्यारे बड़े भाई और तुम्हारे हीरो कमल से चुदवाओ और उसे वह आनंद दो जो उसे याद रहे। आप भी वह आनंद लो जो आपकी भी जीवन भर की याद बने।“

    जब रानी कुछ ना बोली तो राज ने कहा, “प्रिये, क्या कमल भैया से पहले मैं तुम्हें चोदूँ ताकि तुम्हें शर्म ना महसूस हो?”

    पर शर्म की मारी रानी ने अपने पति को कोई जवाब नहीं दिया और अपनी आँखें सख्ती से मूँद ली। रानी पहले कमल से ही चुदना चाहती थी। पर फिर भी कुछ ना बोली। उसने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा।

    तो राज ने कहा, “ठीक है फिर मैं ही तुम्हें पहले मेरे भैया के सामने चोदता हूँ। ऐसा कहकर राज ने कमल को अपनी आँखों से कुछ इशारा किया। कमल थोड़ा खिसका और उसने रानी की टाँगें फैला कर धीरे से पलंग पर टिका दी, पर रानी की टाँगों के बिच से हटा नहीं। रानी ने फिर भी अपनी आँखें नहीं खोली। तब राज के इशारे पर कमल ने अपना लण्ड रानी की चूत की दरार में घुसेड़ा। जैसे ही रानी ने कमल का लण्ड अपनी चूत के द्वार में घुसने की कोशिश करते हुए महसूस किया की रानी को समझने में ज़रा भी देर नहीं लगी की वह लण्ड उसके पति राज का नहीं बल्कि कमल का था। रानी ने फुर्ती से कमल का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ा और उसे अपनी चूत के छिद्र के बीचोबीच रखा ताकि जब वह उसकी चूत के छिद्र में घुसे तो उसे कम दर्द हो।

    फिर रानी ने धीरे से अपनी आँखें खोलीं। कमल के घने बालों से भरी छाती उसके ऊपर मँडरा रही थी। रानी ने बड़े ही सलीके से अपनी नंगी टाँगें उठायी और कमल को इशारा किया की उन्हें कमल अपने कन्धों पर फिर रख दे।

    अब कमल को रानी की फैली हुई चूत साफ़ नजर आर ही थी। रानी चूत लगभग साफ़ थी। उसपर थोड़े हलके बाल नजर आ रहे थे। रानी की चूत गुलाबी लंखुडियों की तरह उसके मोटे लण्ड के घुसने का बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

    जैसे सर्दियों में पेड़ के पत्तों से ओस की बूंदें गिरती हैं, ठीक उसी तरह रानी का स्त्री रस रानी की चूत की गुलाबी पंखुड़ियों में से धीरे धीरे धीरे बूँदें बनकर गिर रहा था जो रानी की उत्तेजना को बयाँ कर था। कमल ने धीरे से अपना लण्ड पहली बार रानी की चूत में घुसेड़ा और एक धक्का दिया।

    कमल का इतना मोटा और लंबा लण्ड रानी की चूत में घुस तो गया, पर रानी एकदम कराह उठी और बोल पड़ी, “कमल यह क्या कर रहे हो? तुम्हारा लण्ड इतना मोटा और लंबा है। मार डालोगे क्या? इसे धीरे से प्यार से अंदर डालो।”

    कमल की बीबी कुमुद ने जब यह सूना तो अपनी आँखें खोली और देखा की कमल राज की बीबी के ऊपर नंगा दोनों हाथों और दो पॉंव के सहारे अपना लण्ड राज की बीबी रानी की चूत में घुसेड़ रहा था और रानी दर्द या फिर डर के मारे कमल के निचे मचल रही थी।

    रानी की कराहटें सुनकर कुमुद थोड़ी मुस्काई। जो हाल उसका हर रात होता था आज रानी का हो रहा था यह जान कर कुमुद को थोड़ी मानसिक शान्ति हुई।

    पर रानी की चूत शायद कुमुद की चूत से थोड़ी सी ज्यादा खुली हुई रही होगी, क्यूंकि रानी की कराहटें धीरे धीरे कम हो रही थीं और उत्तेजना की सिसकारियां बढ़ रही थीं।

    कुमुद राज की बीबी रानी और उसके पति कमल की चुदाई देखकर खुद भी उत्तेजित हो रही थी। उसकी चूत की पंखुड़ियों में से भी उसी तरह उसका स्त्री रस झर रहा था जैसा की रानी की चूत में से रिस रहा था। वह राज का लण्ड लेने के लिए बेताब थी।

    उसने राज को काफी तड़पाया था। वह जानती थी की राज तो महीनों से कुमुद को चोदने सपने देख रहा था। कुमुद ने प्यार से राज की और देखा। राज तो पहले से ही कुमुद की प्यार भरी नजर का बड़ी बेसब्री से इन्तेजार कर रहा था।

    कमल और अपनी बीबी की चुदाई देखकर जो रोमांच उसके जहन में हो रहा था वह अवर्णनीय था। अब वह अपनी स्वप्न सुंदरी कुमुद को चोदने के लिए बाँवरा हो रहा था।

    जैसे ही राज ने कुमुद के चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान देखि तो वह समझ गया की अब उसकी बारी आयी है। वह धीरे से नंगी लेटी हुई स्वप्नसुंदरी समान कुमुद की दोनों टाँगों को खोलकर उसके बिच में अपने मुंह को ले गया और कुमुद की खूबसूरत एकदम साफ़ चूत को चाटने लगा।

    कुमुद की चूत में से रिस रहे रस का स्वाद अद्भुत लग रहा था। राज का सर अपनी टाँगों के बिच में महसूस करते ही कुमुद के पुरे बदन में एक अजीब सी कंपकपी फ़ैल गयी।

    वह अब राज का लण्ड कब अपनी चूत में आये और कुमुद को वह अनुभव कराये जो वह अपने पति के साथ नहीं कर पायी थी, उस बात के लिए कुमुद बेताब थी।

    पर राज कहाँ जल्दी करने वाला था? वह तो अपनी प्रिय भाभी की चूत चाटने में ही मस्त हो रहा था। कुमुद का स्त्री रस कोई शहद हो ऐसे राज उसका अपनी जीभ लपलपा कर आस्वादन कर रहा था।

    अब तक उस के पति कमल ने तो कभी उस की चूत को इतने प्यार से चाटा नहीं था। कुमुद ने राज के सर को हल्का सा धक्का मार कर एहसास दिलाने की कोशिश की की अब वह राज का लण्ड अपनी चूत में डलवाना चाहती है।

    राज ने सर उठाया और कुमुद की और देखा। कुमुद के मुंह की प्यारी मुस्कान देखकर उसने धीरे से अपनी दो उंगलियां अपनी प्यारी भाभी की चूत में डाली और अपनी उँगलियों से वह कुमुद को धीरे धीर चोदने लगा।

    राज अपनी उंगलियां कुमुद की चूत में ऐसे ऐसे और ऐसी ऐसी जगह घुमाने लगा की कुमुद पागल हो उठी। कुमुद की चूत की वह परतें जो उसके पति कमल ने कभी छूने की भी कोशिश नहीं की थी वह परतें राज की उंगलियां सहलाने, खींचने और दबाने लगीं।

    मारे रोमांच और उत्तेजना के कुमुद पलंग पर इधर उधर उछलने लगी और अब खुल्लम खुल्लम राज से बोली, “राज अब बस भी करो। अरे देखो भई, मेरा पति कमल तुम्हारी बीबी को कैसे उछल उछल कर चोद रहा है और तुम्हारी बीबी रानी भी कैसे अपनी प्यारी गाँड़ को ऊपर उठाकर मेरे पति का साथ दे रही है और उस के लण्ड को पूरी तरह अपनी चूत में ले रही है। अब तुम मुझे ज्यादा उकसाना छोडो। मैं तुम से चुदवाने के लिए वैसे ही पागल हो रही हूँ। अब मुझ पर सवार हो कर मुझे अच्छी तरह चोदो प्लीज!”

    कुमुद की इतनी सेक्सी सी आवाज सुनकर, रानी ने अपनी बड़ी बहन जैसी सहेली की और देखा और बरबस मुस्कुरा उठी। अब दोनों बीबियां ने दोनों दोस्तों को अपना पति ही समझ लिया था। अब उन्हें किसी से भी चुदवाने में कोई भी संकोच नहीं रहा था।

    कमल के भारी से लण्ड को अपनी चूत में पेलवाती हुई रानी ने एक हाथ से अपने पुरे बदन इतनी तेज़ी से हिलते हुए भी कुमुद के भरे हुए स्तनों को पकड़ा और अपने पति राज से कहा, “डार्लिंग, अब मेरी दीदी को ना तड़पाओ। वह तुम्हारा प्यारा लण्ड अपनी चूत में डलवाकर तुमसे खूब चुदना चाहती है। उसकी भूख मिटाओ और कुमुद को चोदने की अपनी तमन्ना भी पूरी करो।

    राज ने रानी की और देखा और झुक कर रानी के होँठ पर एक हल्का सा चुम्बन किया। फिर थोड़ा खिसक कर राज ने कुमुद के नंगे और कमनीय बदन को अपनी दोनों टाँगों के बिच रखा और झुक कर उसने कुमुद के होँठों पर अपने होँठ दबा दिए और वह कुमुद को पुरे आवेग से चुम्बन करने लगा।

    राज का खड़ा पुरे जोश से अकड़ा हुआ लण्ड कुमुद के पेट की ढूंटी को कुरेद रहा था। कुमुद ने अपनी उँगलियों में राज का लण्ड पकड़ा और राज से पुरे आवेग के साथ चुम्बन करते हुए वह राज का कड़ा लण्ड सहलाने लगी।

    फिर धीरे से थोड़ा खिसक कर और अपने और राज के बदन को थोड़ा सा एडजस्ट करते हुए कुमुद ने राज का लंड अपनी चूत के छिद्र पर रखा और उसे अपनी चूत की सतह पर रगड़ने लगी।

    कुमुद और राज के रस से सराबोर होने के कारण राज का लण्ड भी चिकनाहट से सराबोर लथपथ था। राज के लण्ड पर भी बून्द दर बून्द उसका पूर्व रस निकल रहा था।

    राज ने कुमुद का इशारा समझते हुए अपना लण्ड अपनी भाभी कुमुद की चूत में घुसाया। हालांकि राज का लण्ड कमल के लण्ड मुकाबले में थोड़ा सा छोटा था फिर भी कुमुद को उसे अपनी चूत के छिद्र में घुसाने में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई।

    कुमुद की साँस कुछ लम्हों तक रुकी रही जब तक राज ने अपना लण्ड कुमुद की चूत में और थोड़ा घुसाया। अब राज का लण्ड लगभग आधा कुमुद की चूत में घुस चुका था और कुमुद उसे अपने अंदर ले पायी थी।

    वैसे भी अंदर की सतह पूरी तरह चिकनाहट से भरी हुई होने के कारण कुमुद को ज्यादा दर्द नहीं महसूस हुआ और वह अपने देवर राज के कड़े और मोटे लंड का अपनी चूत की गहराईयों में महसूस करने लगी।

    राज ने जब हलके से अपना पूरा लण्ड अपनी भाभी की चूत में घुसेड़ दिया तो कुमुद हलके से कराह उठी। उसे थोड़ा दर्द जरूर हुआ पर उससे कहीं ज्यादा उसे अपने पुरे बदन में रोमांच और एक अजीब सी थनगनाहट महसूस हुई।

    ऐसा रोमांच और ऐसी प्यारी झनझनाहट उसने कभी अपने कमल के साथ अनुभव नहीं की थी।

    वह तो बेचारी हमेशा यही सोच कर परेशान रहती की कमल कब उसके ऊपर से निचे उतर जाए और उसका इतना भारी भरखम लण्ड उसकी चूत से बाहर निकले ताकि उसका दर्द कम हो।

    राज ने धीरे धीरे से अपनी भाभी कुमुद को चोदना शुरू किया। कुमुद को अब कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। वह राज के लण्ड को अपनी चूत की गुफा की पुरी सतह पर महसूस कर रही थी।

    शादी के इतने सालों के बाद उसे यह अनुभव हुआ की राज का लण्ड उसकी प्यासी चूत को कैसे एक अद्भुत अनुभव करा रहा था जिसका उसे सालों से इंतजार था।

    राज कुमुद के होठोँ से अपने होँठ चिपकाए हुए ही कुमुद को चोद रहा था और यह अनुभव कुमुद के लिए बड़ा रोमांचकारी था। चुम्बन करते हुए चुदना यह शायद उसका पहला अनुभव था।

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