Rozy, Ek Parkhyaat Raand

दोस्तों एक बार फिर आपका अपना भोसडीवाला राहुल हाजिर है आपके सामने नयी कहानी लेकर.

ये कहानी एक 40 वर्षीय विधवा की है जिसने अपने शौहर की मौत के बाद रंडी का पेशा अपनाया. उत्तर-प्रदेश की रहने वाली रोजी का पति पुताई का काम करता था.

सब कुछ ठीक चल रहा था अचानक पुताई करते वक्त हादसे में रोजी ने अपने शौहर को खो दिया. तीन बच्चों, अपने बीमार अब्बू की जिम्मेदारी और परिवार के हालात सही ना होने की वजह से रोजी ने चूत और गांड मराई का धंधा शुरू कर दिया. धंधा सही चल पडा और रोजी को मजे के साथ साथ इस काम में मुनाफा भी होने लगा.

मेरी रोजी से मुलाकात मेरे दोस्त ने करवाई. जब मेने पहली बार रोजी को देखा तो मुझे उससे पहली नज़र में इश्क हो गया यारों. 40 साल की एक अधेड़ उम्र की विधवा रांड, भरा हुआ सुडौल बदन, लटके हुए कामुक चुचे, आँखों में काजल, होंठों में सुर्ख लाल लिपस्टिक, पैरों में पायल और पठानी सूट पहने हुए वो बिलकुल एक कामदेवी लग रही थी जो किसी का भी मन मोह सकती थी. उसके थुलथुले लटकते हुए सुडौल बदन का मैं उसी वक्त दीवाना हो गया था.

फिर मेने और रोजी ने थोडा बातें करी. दोस्तों आजतक मैंने लगभग 500 से ज्यादा रंडियों की सेवा करी होगी लेकिन मुझे रोजी जैसे अच्छे स्वाभाव वाली रांड आजतक नही मिली. उसने मेरे साथ बिलकुल घर जैसा व्यवहार किया.

मुझे अपने बेटे के जैसे प्यार दिया. एक ममता, प्रेम का भाव उसके व्यवहार में झलक रही थी. लेकिन दोस्तों चाहे रोजी का स्वभाव कितना भी अच्छा क्यों ना हो लेकिन हमें ये नही भूलना चाहिये कि मूल रूप से वो एक रांड ही है जो दिन भर अलग अलग पराये मर्द से चुदवाती रहती है.

लेकिन रंडियों से प्यार करना भी मेरा स्वभाव है. मुझे 4-5 बार रंडियों से प्यार हुआ है लेकिन दोस्तों उस प्यार की कोई अहमियत नहीं क्युंकी रंडी रंडी ही होती है. तो कहानी पर आते हैं दोंस्तों.

रोजी – आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो.

मैं – मेरी जान तू भी विद्या बालन से कम है क्या.

रोजी – आप क्या करते हो ?

मैं – सरकारी नौकरी करता हूँ.

रोजी – वैसे मुझे ए धंधा बिलकुल पसंद नही है लेकिन क्या करें पेट के लिए सब करना पड़ता है.

मैं – मजबूरी इंसान से सब कुछ करवा देती है. अब मेरी भी मजबूरी ही है जो मैं रंडीबाजी करता रहता हूँ.

रोजी – आपकी क्या मजबूरी है ?

मैं – अरे मेरी भोली भाली जान. ये लंड मेरी मजबूरी है. जब देखो खड़ा हो जाता है इसलिए इसको पानी में नहलाने के लिए नाले में ले जाना पड़ता है. लेकिन तू बड़ी मस्त हे रे. मुझे तो लगता है जैसे मुझे प्यार हो गया है तुझ से.

रोजी – हट बदमाश.

(और फिर बातें करते करते पता नही चला कि कब मेरा लंड पेंट में तम्बू बन गया और फिर मेने रोजी को अपनी और खींचा और अपने होंठ से उसके लाल होंठ मिला लिए. रोजी बिना विरोध किये मेरा साथ देने लगी. हम दोनों ने लगभग 4 मिनट तक लम्बा चुम्बन किया जिसमे जीभ घर्षण व थूक से भरी लार का आदान प्रदान हुआ. उसके बाद हम अलग हुए.)

रोजी – उफ्फ्फफ्फ्फ़ आप तो बड़ा अच्छा चुम्बन करते हो. कितनो को किया ऐसा चुम्बन आजतक आपने.

मैं – केवल तुझे मेरी जान. रंडियां मेने 500 से उपर ठोकी हैं लकिन तू मुझे रंडी नहीं लगती डार्लिंग. तुझे देखकर मुझे घर जैसा लगता हैं. एक अपनापन सा महसूस होता है. ऐसा लगता है जैसे पिछले जन्म का साथ हो अपना.

(यह सुनकर रोजी फुले ना समायी और मुझ से ऐसे लिपट गयी जैसे मैं उसका शौहर लगता हूँ. और पागलों की तरह मेरे माथे को, गालों और होंठों को चूमने लगी.)

रोजी – ऐसा आजतक मुझे किसी ने नहीं कहा मेरे राजा. यहाँ तक कि मेरे शौहर ने भी नहीं कहा.

मैं – तो मैं बोल रहा हूँ ना मेरी जान. तू जान है मेरी रोजी.

(और उसके बाद धीरे धीरे मेने उसका पटियाला सूट उतारा, अब वो मेरे सामने केवल सफेद ब्रा में थी. उसके पेट में चखते के निशाँ पड़े हुए थे जैसे बच्चा होने पर पड़ जाते हैं. हाथ की कांख के निचे बालों का अम्बार था. मोटी भुजाएं, मोटा पेट, गठीला थुलथुल बदन मेरे लोडे को पानी छोड़ने का न्योता दे रहा था. मुझ से रहा नहीं गया और मेने उसके कामरूपी सुडौल बदन से सफेद ब्रा अलग कर दी और अब उपर से रोजी मेरे सामने बिलकुल नग्न थी. कामोत्तेजना की वजह से लटके हुए स्तनों में उसके निप्पल तने हुए थे मानो कह रहे हों मुझे अपने मुख में भर कर चूस लो. और मेने बिलकुल वैसा ही किया. मुझे अपनी और आकर्षित करते हुए तने हुए निप्पलों पर मैं बारी बारी जीभ फेरने लगा और चूसने लगा. और रोजी ऐसे सिस्कारियां लेने लगी जैसे निप्पल चुस्वाने को सालों से तड़प रही हो.)

रोजी – अहहहहहहह, ऐसे ही मेरे मालिक. स्स्स्सस्स्स्स ऐसे ही चूसो मेरे राजा. मजा आ गया.

(रोज़ी सिस्कारियां भरते भरते अपने होंठों को दांतों से काटती और मेरे बालों पर हाथ फेरती. करीब करीब 15 मिनट निप्पल चूसने के पश्चात मैं रोज़ी की गहरी नाभि पर झपट गया और उसकी नाभि पर जीभ अंदर बाहर करने लगा जिसके कारण रोजी को एक करंट सा लगा और वो 18 साल की लड़की जैसे सिहर कर उछल पड़ी)

रोज़ी – उम्म्मम्म अम्म्मा हाय दय्य्या क्या करते हो. स्स्स्सस्स्स्स मार ही डालोगे. मजा ही आया गया अहहहहहहह …..

मैं – अभी तो पिक्चर शुरू हुई है मेरी जान. आगे आगे देख आज तुझे स्वर्ग की शैर कराऊंगा.

रोज़ी – तो जल्दी करा मेरे मालिक स्स्स्सस्स्स्स. इतना क्यों तडपा रहा है. अहहहहहहह. शरीर अकड़ सा गया.उम्म्म्मम्म.

(फिर मेने रोजी का पटियाला सूट का पैजामा उसकी टांगों से अलग कर दिया. दोस्तों यकीन मानो उसकी मोटी ताज़ी गोरी जांघें देखकर मैं पागल हो गया. उसकी नंगी टांगों में हलके हलके काले बाल उसकी शोभा बढा रहे थे. उसकी गोरी जांघ में एक काला तिल भी था जिसे देखकर मेरा लौड़ा पेंट फाड़ने को तैयार था. मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा उसकी जाघों पर झपट पडा और उसकी टांगें बेरहमी से भूखे शेर की तरह चाटने लगा.)

रोज़ी – स्सस्सस्सस हयीईईई मर गयी उम्म्म्मम्म्म्म. देर ना करो मेरे राजा अपना हथियार डाल दे मेरी ओखली में अहहहहहहह

मैं – अब मुझसे भी रहा नहीं जाता मेरी रांड. अब चुदाई शुरू करनी ही पड़ेगी.

(और मेने अपने सारे कपड़े उतार दिए और अपना खडा लंड पहले तो रोज़ी की बुर के उपर रगडा. और चूत के ऊपर मोटे काले दाने पर लंड के घर्षण से रोज़ी सिहर गयी. थोडा देर लंड को चूत दाने में रगड़ने के बाद मेने एक झटका देकर पूरा लौडा उसकी 40 साल पुरानी चूत के अंदर डाल दिया और फिर चुदाई आरम्भ हो गयी)

रोज़ी – स्सस्सस्सस अहहहहहहह उम्म्मम्म और तेज झटके मार … और तेज मेरे रआआजा … अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह

मैं – मेरी रांड अहहहहहहह ले खा ले मेरा लंड रंडी चोद साली… अहहहहहहह तुझ जैसी रांड ना चोदी आज तक उम्म्मम्म

(लगभग 15 मिनट तक चुदाई चलने के बाद हम दोनों का एक साथ स्खलन होने वाला था)

रोज़ी – मैं फारिक होने वाली हूँ मेरे शौहर. अहहहहहहह मैं झड़ने वाली हूँ राजा. उम्म्मम्म

मैं – मैं भी आया रोजी. दोनों एक साथ झड़ेंगे मेरी जान. अहहहहहहह स्सस्सस्सस आआआअ

रोज़ी – अपना मालपुआ मेरी चूत के अंदर ही छोड़ दे राजा. मेरी कोख भर दे मेरे मालिक.

(और चरमोत्कर्ष पर पहुचंते ही हम दोनों एक साथ स्खलित हुए और एक दुसरे की बाहों में जीवनसाथी के जैसे लिपटे रहे. अब मैं हर हफ्ते रोज़ी के घर जता हूँ और 500 रूपये में उसे ठोकता हूँ)

कैसी लगी मेरी कहानी दोस्तों ? अपने सुझाव कमेन्ट जरुर करें.

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