Site icon Desi Kahani

Purana Pyaar, Chudai Ki Bahaar – Episode 4

मेरे पति, मेरी भाभी और मेरा पहला प्यार तीनो ने मिलकर जमकर चुदने के मजे लिए और अब वो अगले दिन का दिन का भी प्लान बना रहे थे, जब कि मैं बाहर खड़े खड़े ये सब देख रही थी। और उनके देसी ग्रुप सेक्स का मजा भी ले रही थी।

मैंने अब कान लगा कर उनका प्लान जानने की कोशिश की। जितना मुझे याद हैं उसको अक्षरत मैं आपको यहाँ बताने जा रही हूँ।

भाभी: कल रात को अशोक अपने शहर के लिए निकल जाएगा, उसके पहले दिन का कही प्रोग्राम बनाते हैं, वैसे भी मेरे पति तो कल काम पर जाने वाले हैं।

अशोक (मेरे पति): कल का मुश्किल हैं, मेरी वाइफ के सामने यहाँ से कैसे निकलेंगे।

भाभी: मैं ये मौका छोड़ना नहीं चाहती, तुम पता नहीं फिर कब आओगे।

संजू: तुम दोनों का चक्कर कब से चल रहा हैं वैसे?

अशोक: मेरे चचेरे भाई की शादी के दौरान मुलाक़ात हुई और पहली नजर में प्यार हो गया।

भाभी: ये हम दोनों का पहला प्यार था।

अशोक: पहला प्यार तो पहला प्यार होता हैं। संजू तुम्हारा पहला प्यार कौन हैं?

[बाहर मेरी हालत खस्ता हो गई, कही संजू मेरा और उसका सारा राज ना खोल दे]

संजू: वो छोडो, कल का क्या प्रोग्राम हैं, आज के जैसा ही करना हैं। मेरे एक दोस्त का घर खाली हैं। वहां मिल सकते हैं।

भाभी: ठीक हैं तो कल दोपहर में कोई बहाना बना कर मैं और अशोक आ जायेंगे, एड्रेस भेज दो हमे।

अशोक: क्या बहाना मार के जायेंगे, मेरी बीवी को शक हुआ तो?

संजू: तो उनको भी ले आओ। वैसे भी एक जन कम हैं।

अशोक: यार ये मरवाएगा। मेरी बीवी को क्या बोलूंगा? मैं तुम्हारी भाभी को चोदता चाहता हूँ तो देखने के लिए तुम भी आओ।

संजू: आपने क्या कभी अपनी बीवी से पूछा हैं? हो सकता हैं उसकी भी इच्छा हो, या फिर तुम ही अपनी बीवी को शेयर नहीं करना चाहते।

अशोक: नहीं, ऐसा नहीं हैं।

संजू: क्यू आपने कभी देखा हैं क्या अपनी पत्नी को किसी के साथ करते हुए?

[मैंने सोचा, देखा तो हैं जब बच्चे पैदा करने के लिए साजिश कर रहे थे, क्लोसेट के अंदर से दो लोगो से चुदते हुए मुझे देख रहे थे और फिर बस के अंदर भी देखा था]

भाभी: संजू, तुम बडा इंटरेस्ट ले रहे हो इनकी बीवी में! क्या बात हैं?

संजू: नहीं ऐसे ही बस।

अशोक: सच सच बता, अगर कोई बात हैं तो। मैं नाराज नहीं हो होऊंगा। हम दोनों तो वैसे भी अभी अभी मिलकर इसको चोद रहे थे।

संजू: सच पूछो तो, जैसे ये भाभी आपके लिए प्यार हैं तो मेरा बचपन का प्यार आपकी बीवी हैं।

भाभी: क्या बात कर रहा हैं संजू? पहले कभी अहसास तक नहीं होने दिया। अशोक तुमको जलन हो रही नहीं ना?

अशोक: थोड़ी थोड़ी शायद हो रही हैं।

संजू: तो फिर अशोक कल तुम अपनी बीवी को भी ला रहे हो न?

अशोक: नहीं भाई, एक ही रात में उसको इन सब कामो के लिए समझाना नामुमकिन हैं। अगर ना मानी और शक हो गया तो हम लोग भी नहीं जा पाएंगे।

भाभी: चलो अभी कपडे पहनते हैं और कम्युनिटी हॉल चलते हैं, बहुत देर से गायब हैं, संजू की तरह कोई यहाँ ढूंढते हुए यहाँ ना जाए।

तीनो अब कपडे पहनने लगे और मैं वहां से निकल कर हॉल की तरफ बढ़ी। थोड़ी देर में वो तीनो भी वहां पहुंचे। मैंने संजू को एक कोने में अलग से बुलाया।

मैं: संजू तूने मुझको धोखा दिया, तुमको उन दोनों को रोकने के लिए भेजा था और तुम उनके साथ ही हो लिए।

संजू: मतलब तुम वापिस घर पर आयी थी और सब देख लिया! मैं क्या करता? मैं उनको उस हालत में देख कर अपने आप को मजे लेने से रोक नहीं पाया। तुमने तो वैसे भी मुझको मना कर दिया था। मैं तो भरा भराया बैठा था।

मैं: भरे भराये तो आज थे तो फिर कल का फिर प्रोग्राम बनाने की क्या जरुरत थी।

संजू: क्या बताऊ, थ्रीसम में कितना मजा आता हैं। मैंने तो तुमको भी शामिल करने के लिए बोला था पर वो लोग नहीं माने।

मैं: तुमको ये प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ेगा। मैं घर पर कुढ़ती रहूंगी और तुम लोग वहां मजे लोगे।

संजू: ठीक हैं एक काम करते हैं, मेरे दोस्त का घर बड़ा हैं, उन दोनों को करने दो आपस में, हम दोनों दूसरे कमरे में अलग से कर लेंगे।

मैं: तुम्हारे साथ तो मैं अब कभी नहीं सोने वाली, मुझे छोड़ कर तुम किसी ओर के साथ कर रहे थे।

संजू: तुम अपने पति को धोखा देकर मेरे साथ सोइ थी वो धोखा नहीं पर मैं किसी के साथ सोया तो धोखेबाज! ये तो पाखंड हैं।

मैं: ठीक हैं, अभी क्या करना हैं, मैं पकडे नहीं जाना चाहती बस। पर एक बार थ्रीसम ट्राय करना है मुझे भी।

संजू: मेरे पास एक प्लान हैं, इन दोनों के घर से निकलने के पहले ही तुम अपनी सहेली से मिलने जाने का बोल कर मैं एड्रेस दूंगा वहा आ जाना। ये दोनों भी वही आने वाले हैं। तुम्हारा चेहरा छुपा के मैं तुम्हे अपनी एक दोस्त की तरह मिलवाऊंगा। तुम भी हमारे साथ मजे ले सकती हो बिना अपनी पहचान बताये।

रितु के पहले देसी ग्रुप सेक्स का मजा लीजिये, कैसे उसने पहली बार गैंगबैंग का मजा लिया, यह सब उसकी ग्रुप सेक्स स्टोरी में जानिए।

मैं: मेरे कपडे और आवाज सुन के पहचान नहीं जायेंगे वो दोनों?

संजू: मैं अपनी बीवी के कपडे लेते आऊंगा, वो पहन लेना। थोड़ी गले से आवाज निकाल कर बात करना तो आवाज बदल जाएगी और पहचान में नहीं आएगी। तुम्हारी बॉडी पर वैसे भी कोई निशान नहीं जिसको देख कर पति पहचान जाए।

मै: ठीक हैं तम एड्रेस भेजो मुझे, पर कुछ भी गड़बड़ हो तो संभाल लेना।

फंक्शन समाप्त होने के बाद हम सब लोग घर पहुंचे। मैं चिंतित थी कल के प्रोग्राम के बारे में। पूरी रात मैं ठीक से सो नहीं पायी, सोचा कही रात को ये निकल कर फिर मेरी भाभी से मिलने ना पहुंच जाए।

सुबह सुबह ही मैंने सबको बता दिया कि मैं दोपहर से पहले अपनी सहेली से मिलने जाने वाली हूँ और थोड़ा देर से ही आउंगी। सुबह के सारे काम ख़त्म करने के बाद माँ से पता चला कि भाभी बाजार जाने वाली हैं अपनी कुछ साड़िया बनवाने के लिए।

नाश्ता करते हुए पति ने भी बताया कि इसी शहर में उनका एक दोस्त रहता हैं, अब यहाँ आया हूँ तो सोचा उससे मिलता चलू, फिर कब मौका मिलेगा।

मैं घर से निकल गयी और संजू के बताये एड्रेस पर पहुंच गयी। वो वहां पहले से मौजूद था। पहले उसने मुझे अपनी हेयर स्टाइल बदलने को कहा। फिर उसने अपने साथ लाये हुए सलवार कमीज मुझे दिए और कपडे बदलने को कहाँ।

यहाँ तक कि मेरी ब्रा और पैंटी भी वो नयी खरीद कर लाया था। नाप तो मेरा वो कुछ दिन पहले ही ले चूका था शायद।

उसके दोस्त की बीवी का मेक अप का सामान पड़ा था, तो नए सिरे से अलग तरह का मेकअप करवाया। उसने अब मुझ पर अलग तरह का परफ्यूम छिड़का जो मैं कभी इस्तेमाल नहीं करती।

मैंने जो थोड़े बहुत गहने पहने थे वो भी खुलवा दिए, और वहां पड़े नकली गहने पहना दिए। अब मेरे ऊपर मेरी कोई पहचान नहीं बची थी।

उसने अब अपने बैग से चार मास्क निकाले। उसने कहाँ कि हम चारो ये मास्क पहन कर ही करेंगे।

इन सब के बीच मैं उसको अलग अलग तरह की आवाज बना के दिखा रही थी। हमने एक आवाज को फाइनल कर लिया था। वैसे भी मास्क पहना होगा तो आवाज वैसे भी दब के थोड़ी अलग ही आएगी।

हमने थोड़ा इंतज़ार किया और फिर दरवाजे की घंटी बजी। शायद वो दोनों आ गए थे। मैंने तुरंत एक मास्क पहन लिया। बाकि के तीनो मास्क लेकर संजू दरवाजा खोलने गया।

मैं अंदर बैडरूम में ही इंतजार करने लगी। मुझे बाहर उनकी आवाजे आ रही थी, संजू उनको बाहर समझा रहा था कि मेरी एक दोस्त भी हमारा साथ देगी। तुम लोग उसके लिए अनजान हो तो एक दूसरे की पहचान छुपाना जरुरी हैं तो सब मास्क पहनेंगे।

मुझे अंदर बहुत डर लग रहा था। अगर पकड़ी गयी तो बहुत फजीहत होगी। मेरे पति के सामने मेरी इमेज ख़राब हो जाएगी।

वो तीनो मास्क पहन कर अंदर दाखिल हुए। संजू ने सबको मिलवाया, मेरा नाम पूर्वी बताया। अपने ही परिवार वालो से मुझे मिलवाया जा रहा था।

भाभी बटन वाला शर्ट और जीन्स पहने थी। उस टाइट शर्ट से उनके उभरे हुए वक्ष बहुत सेक्सी लग रहे थे, और स्किनी जीन्स से उनके कूल्हे गजब ढा रहे थे। संजू ने भाभी के फिगर की तारीफ़ की।

हम सब लोग डबल बेड पर घेरा बना के बैठ गए। भाभी ने बोला जल्दी शुरू करते हैं वापिस घर भी जाना हैं। संजू बोला कपडे उतारने से शुरू करते हैं और लेडीज फर्स्ट।

ये कहते हुए उसने भाभी के शर्ट के उपर के दो बटन खोल दिए। बटन खुलते ही भाभी के मम्मे शर्ट के अंदर से झाँकने लगे। संजू ने अपनी उंगलिया उन मम्मो पर रख दी और दबाने लगा।

पति ने बोला मजे लेना हैं तो पुरे खोल के ले, और उन्होंने भाभी के शर्ट को खिंच जीन्स के अंदर से निकाल लिया और शर्ट के बाकी बटन भी खोल दिए।

भाभी का गुलाबी ब्रा दिखने लगा और उसमे से बाहर निकलते हुए मम्मे। संजू ने भाभी के पीछे जाकर शर्ट को कंधो से होते हुए हाथों से पूरा निकाल दिया।

पति अब अपना हाथ भाभी के ब्रा में घुसा मम्मे मसलने लगे। तब तक पीछे से संजू ने भाभी के ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को शरीर से अलग कर दिया। भाभी बोली मुझ अकेली को ही नगी करोगे या पूर्वी को भी करोगे।

मेरे पति अब भाभी के मम्मे छोड़ कर मेरे सीने पर हाथ रख मेरे मम्मे दबा कर महसूस करने लगे। अरे बाप रे बहुत जबरदस्त हैं ये तो।

पति मुझसे पूछने लगे ये तुम्हारा कुरता निकाल दू? मैंने हां बोला तो उन्होंने बिना देरी किये मेरा कुर्ता ऊपर कर सर से निकाल दिया।

मैंने मास्क पकड़ कर रखा ताकि कुरता निकलते वक़्त मास्क ना निकल जाये। उन्होंने अब मेरा ब्रा भी निकाल दिया।

मेरे एकदम टाइट तने हुए मम्मे देख कर संजू भाभी को छोड़ कर मेरे पास आ गया। मेरा एक मम्मा पति तो दूसरा संजू दबा रहा था। भाभी अकेले पड़ गयी।

भाभी अब आगे बढ़ी और उन दोनों का हाथ मेरे मम्मो से हटाते हुए मेरे सीने से चिपक गयी। हम दोनों के मम्मे आपस में एक दूसरे के दबाने लगे। उनके मम्मे एक दम नरम थे और मेरे टाइट मम्मो से पुरे दब गए।

दोनों मर्द हम दोनों की पीठ पर हाथ फेरने लगे। संजू ने मेरा हाथ ऊपर किया और मेरी कांख के नीचे और मम्मो के बगल में अपना मुँह और जबान फेरने लगा। मेरे मीठी सी गुदगुदी होने लगी और करंट दौड़ गया।

मेरा रिएक्शन देख पति ने भी भाभी के ऐसा ही किया और बगल में चूमने लगे। जिससे भाभी की सिसकिया निकलने लगी।

आगे हम चारों का यह देसी ग्रुप सेक्स क्या रंग लायेगा, इसके लिए पढ़ते रहिये। जल्दी ही यह अगले एपिसोड में पढने को मिलेगा।

Exit mobile version