Pooja Ki Pooja – Episode 7

This story is part of the Pooja Ki Pooja series

    मैंने यह तय कर लिया था की बिना राज के जाने मैं पूजा से कोई अलग से संपर्क करने की कोशिश नहीं करूंगा। मैं राज को कोई ऐसा मौक़ा नहीं देना चाहता था की उसे यह शक हो की मैं उसकी बीबी से डायरेक्ट संपर्क रख कर उसे शार्ट सर्किट करना चाहता था। इससे मेरा काम बिगड़ सकता था।

    खैर वह दिन भी आ गया जब मुझे मेरे सहयोगी से सिग्नल मिला की हमारा ऑफर कन्फर्म हो गया है और हमें अब तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। मैंने तुरंत राज से फ़ोन पर बात की और पूछा की क्या पूजा ऑडिशन के लिए तैयार है?

    राज ने जब पूजा से पूछा तो पूजा ने ऑडिशन के लिए तो हाँ कह दी पर एक शर्त रखी। पूजा ने कहा राज को ऑडिशन के समय वहाँ हाजिर रहना चाहिए। पूजा को डर था की शायद कहीं मैं उसके साथ ज्यादा छूट ना ले लूँ। राज ने फ़ौरन हाँ कह दी।

    राज की पहले मॉक ऑडिशन करने की शर्त के अनुसार मैंने राज से कहा की हम मॉक ऑडिशन तीन दिन के बाद करेंगे। यह एक फोटो शूट है तो पूजा को कुछ भी नहीं बोलना सिर्फ पोज़ देना है और अपने हाव भाव दिखाने हैं।”

    हालांकि हमारी सारी बातें तो हो ही चुकी थीं फिर भी एक बार और मैंने पूछा, ” राज, जब यह ऑडिशन हो ही रहा है तो क्या मैं पूजा से कुछ छूट ले सकता हूँ? मैं पूजा के हावभाव देखना चाहता हूँ जब वह एकदम उत्तेजित हो जाए। हो सकता है मुझे पूजा के मम्मे दबाने और मसलने पड़ें। हो सकता है कुछ और भी हरकत करनी पड़े। तो तुम्हें अथवा पूजा को कोई आपत्ति तो नहीं होगी ना?”

    राज ने कहा, “मैं यह सब बात पूजा से कर चुका हूँ। पूजा का यही कहना था की चुदवाने के अलावा वह किसी भी हरकत के लिए तैयार है। उसे तुम्हारे पर पूरा भरोसा है। जहां तक मेरा सवाल है तो मैं तो तुम्हें कह ही चुका हूँ की मैं तो चाहता हूँ की ना सिर्फ तुम पूजा के मम्मों को दबाओ बल्कि उसे नंगी करके अच्छी तरह से चोदो।

    हाँ, एक बात ध्यान से सुनो। मैं पूजा को अच्छी तरह जानता हूँ। वह मेरे सामने तुमसे अपना बदन छुआने में हिचकिचाएगी। मैं वहाँ रहूंगा तो तुम और पूजा एक दूसरे से खुलकर कुछ कर नहीं पाओगे। मैंने इंतजाम किया है की जैसे ही ऑडिशन शुरू होगा, मेरा फ़ोन आएगा और मैं वहाँ से खिसक लूंगा। पर मैं तुम्हारी और पूजा की प्रेम क्रीड़ा देखना चाहता हूँ। क्या तुम ऐसा कुछ नहीं कर सकते की ऑडिशन का सारा दृश्य मैं कहीं और बैठ कर देख सकूँ और तुम्हे या पूजा को पता ही ना चले?”

    मैंने कहा, “इसमें कोई प्रॉब्लम नहीं है। मुझे कुछ नहीं करना पडेगा। वैसे भी ऑडिशन रूम में कई कैमरा हैं। जो कुछ भी यहां होता है वह रिकॉर्डिंग रूम में साफ़ साफ़ दिखता है। मुझे सिर्फ स्विच चालु करनी होती है।” राज मेरे जवाब से संतुष्ट दिखाई दिया।”

    तीन दिन के बाद ऑडिशन हमारे सहयोगी के स्टूडियो में तय हो गयी। ऑडिशन हमने इतवार को रखी थी, जिससे और कोई स्टाफ आ ना सके। मेरे सहयोगी ने मुझे स्टूडियो की चाभी देदी थी। मैंने मेरे सहयोगी को इशारों इशारों में पूजा के बारे में बता दिया था। मेरा सहयोगी बड़ा ही समझदार आदमी था। वह सब समझ गया। वैसे भी फिल्म उद्योग में यह सब आम बात थी। मैं इतवार को पूजा और राज को लेकर अँधेरी के स्टूडियो में जा पहुंचा। पुरे स्टडीओ काम्प्लेक्स में चौकीदार को छोड़ कर कोई और नहीं था।

    स्टूडियो में एक ऑडिशन रूम था। उसमें कैमरा, लाइट्स, साऊंड सिस्टम बगैरह था। ऑडिशन रूम्स से ही जुड़ा हुआ एक छोटा सा आराम घर था जिसमें एक्टर या निर्देशक जब थक जाएँ तो कुछ देर आराम करने के लिए तीन वातानुकूलित कमरे थे, जिसके हर कमरे में बाथरूम, दो पलंग और कुछ टेबल कुर्सियां थीं। चाय और खाना बनाने के लिए उस आराम घर में व्यवस्था थी।

    ऑडिशन रूम में पहुँचने पर मैंने राज और पूजा से कहा, “ऑडिशन के लिए पूजा को ब्रा निकालनी पड़ेगी।” मैंने चेंजिंग रूम की और इशारा करते हुए पूजा से कहा, “तुम उस कमरे में जा कर कपडे बदल सकती हो।” मैंने पूजा को घर से निकलते समय ही महिम साडी पहन कर आने के लिए कहा था।

    राज ने पूजा की और देखा। पूजा ने अपने कंधे हिलाये और अपने कपडे निकालने के लिए चेंजिंग रूम की और चल पड़ी। जब पूजा चली गयी तो राज मेरे करीब आया और मेरा हाथ थाम कर बोला, “देखो दोस्त, कुछ ही देर में मेरा एक फ़ोन आएगा। मैं कुछ बहाने कर कर खिसक जाऊंगा।“

    मैंने उसे रिकॉर्डिंग रूम दिखा दिया। रिकॉर्डिंग रूम में कैमरा द्वारा ऑडिशन रूम में हो रही हर हरकत दिखाई देती थी। मैंने सारे कैमरा चालु कर दिए। कुछ ही देर में पूजा ब्लाउज और ब्रा निकाल कर कुछ फ्रेश हो कर आयी। उसे देख कर मुझसे रहा नहीं गया। पतलून में मेरा लण्ड खड़ा हो गया। उस दिन मैं शॉर्ट्स पहन कर गया था। मेरे शॉर्ट्स में से मेरे खड़े लण्ड को छुपाना बड़ा ही मुश्किल था। मैं अपने आप को कोस रहा था। खैर बड़ी मुश्किल से मैं अपने आप पर काबू रखने की कोशिश करने लगा।

    पूजा एक अजीब सी लोलूपता भरी पर साथ साथ में एक सौम्यता वाली औरत लग रही थी। उसके चेहरे पर एक्स सेक्सी औरत के उपरांत एक नवजात शिशु की माँ के भाव सहज ही दिखाई दे रहे थे। मैंने पहले कई खूब सूरत लड़कियों की फोटो शूट और ऑडिशन किये थे। पर मैं हैरान रह गया की पूजा पहले ऑडिशन में कितनी समझदारी से यह भाव अपने चेहरे पर ला रही थी। मुझे लगा की वास्तव में ही अगर पूजा ने इसी तरह मेहनत से अपना रॉल अच्छे से निभाया तो आगे चलकर एक गजब की कलाकार बन सकती थी।

    पूजा ने अपनी साडी से अपने फुले हुए गुम्बज के समान उरोजों को बड़ी ही खूबसूरती से छुपा कर रखा था फिर भी साड़ी की पारदर्शिता के कारण उसके स्तनोँ की निप्पलेँ दिखाई दे रहीं थीं। मैं एक प्रोफेशनल हूँ और अधनंगी या पूरी नंग लड़कों को देखने का आदि हूँ। पर पूजा को सारे कपडे पहने हुए, बस थोड़ा सा स्तनोँ को दिखाते हुए देख कर मैं लगभग ढेर सा ही हो रहा था। सालों के बाद मेरी परिकल्पना की रानी उस दिन मैं जैसे चाहता था वैसे ही रम्भा अप्सरा सी मेरे सामने आ खड़ी हुई।

    मेरा मन किया की मैं उसे अपनी बाँहों में ले लूँ और मेरी सारी हसरतों को पूरा करलूं। पर अभी कुछ समय था। मुझे भरोसा था की वह खुद ही मेरी बाँहों में आने के लिए उत्सुक थी। बस इंतजार की आवश्यकता थी।

    मैंने पहले से ही ऑडिशन रूम में एक पलंग रखवाने की व्यवस्था की थी की। मैंने पूजा को उस पलंग पर बिठाया। राज सामने एक कुर्सी पर बैठा।

    मैंने पूजा से कहा, “ऑडिशन से पहले, मैं तुमसे कुछ स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूँ। सबसे पहले यह की इस ऑडिशन का और उसके बाद होने वाले दूसरे ऑडिशन का कोई मेहनताना तुम्हें नहीं मिलेगा। दूसरी बात यह की अगर तुम्हारा यह ऑडिशन सफल हुआ तो तुम्हें एक अच्छी करियर मिल सकती है…

    पर यह तुम पर निर्भर करता है की तुम कितना करियर बनाने में गंभीर हो। पैसा अच्छा खासा मिल सकता है। बाकी मैंने तुम दोनों को पहले ही बता दिया है। एक बात और। मैं जब काम में लग जाता हूँ तो कई बार अगर काम ठीक नहीं हुआ तो गुस्सा हो जाता हूँ। प्लीज मेरे गुस्से को झेल लेना। मैं एक इंसान हूँ और मुझमें भी कई कमियां हैं। तो ऐसा कुछ हो तो माफ़ करना।”

    पूजा ने मेरी और देखा और मुस्करायी। उसने अपना सर हिलाकर बिना बोले मुझे कह दिया की वह तैयार थी। पर राज कहाँ चुप रहने वाला था।

    उसने कहा, “देखो भाई। अब मैं साफ़ साफ़ बतादूँ। मैंने पूजा को कह दिया है की अगर ओखल में सर रक्खा है तो मुसल से डरना नहीं चाहिए। अगर मॉडलिंग करना है तो लड़कियों को अपने बदन की नुमाइश करने में शर्म करने से काम नहीं चलेगा। और अगर काम करते करते कोई बदन छुले और अगर कभी कभार उत्तेजना में चुदाई भी हो जाए तो हो जाए। चुदाई करना और सम्बन्ध बनाना अलग है। दोनों को मिक्स करना नहीं चाहिए। मैं समझता हूँ की पूजा यह अच्छी तरह से समझती है।”

    मैंने पूजा की और देखा। पूजा अपने पति की बात सुनकर मुस्करा उठी। उसकी मुस्कराहट देख कर मेरा लण्ड फिर से फुंफकारने लगा। पूजा ने मुस्कराकर अपने पति की बात का समर्थन कर दिया।

    मैंने पूजा के पीछे जा कर उसकी साडी उसके कन्धों पर ऐसी रक्खी जिससे उसके स्तनोँ के ऊपर उसका एक पल्लू उनको ढका रक्खे। मैं पूजा के पीछे खड़ा उसके कपडे संवारने और जो पोज़ मुझे चाहिए था उसके अनुसार करने में लग गया। मैंने पूजा को पहले वैसे ही कैमरा के सामने खड़ा कर दिया और कहा, “तुम ऐसे खड़ी रहो और अपना हाथ लंबा कर ऐसे दिखाओ जैसे तुम नजदीक खड़े अपने बच्चे को अपना दूध पिलाने के लिए बुला रही हो।”

    पूजा ने जैसा मुझे चाहिए था बिलकुल वैसा ही पोज़ कर अपनी आँखों में वही भाव लाकर अपने हाथ लम्बाए और अपने चेहरे पर जैसे एक माँ ही कर सकती है ऐसे अपनी उँगलियों को भाव पूर्वक हिलाते हुए बिलकुल सही पोज़ दिया। अगर मुझे पूजा को कोई एक्ट्रेस के रूप में भी लेना होता तो मुझे यकीन हो गया की पूजा वह रॉल अच्छी तरह निभाने के काबिल लग रही थी।

    मैंने पूजा के स्तनोँ पर रखी हुई साडी का पल्लू हटाते हुए उन्हें थोड़ा सा खुल्ला कर दिया और कहा, “मैं ऐसा इस लिए करता हूँ ताकि ऐसा लगे की तुम बच्चे को अपना स्तन दिखा कर ललचा रही हो जिससे वह भाग कर तुम्हारी गोद में आ जाये।”

    पूजा ने मेरी और मूड कर देखा और उस स्टूडियो में आने के बाद पहली बार बोली, “डाइरेक्टर साहब! अब आप मेरे साथ जो भी करेंगे उसकी सफाई देने की जरुरत आपको नहीं है। मैंने यह सीखा है की गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु। जैसे की राज ने कहा, जब ओखल में सर रक्खा है तो मुसल से क्या डरना। आप मेरे गुरु हैं और मुझे आपके कहने के अनुसार ही चलना है। चाहे वह मुझे सही लगे या ना लगे।”

    उसी समय से मैं पूजा को एक अत्यंत सफल एक्टेस के रूप में देखने लगा। मुझे उस पल भरोसा हो गया की पूजा ना सिर्फ उसकी बल्कि मेरी जिंदगी की भी सबसे बड़ी सफलता साबित होगी। मेरे पास कई बार टीवी में काम करने के लिए मेरे दूसरे डायरेक्टर दोस्तों के कोई योग्य महिला के लिए ऑडिशन कराने के बारे में सन्देश आये थे जिनका मैं जवाब नहीं देता था।

    मैंने पूजा को उसी पोज़ में रहने के लिए कहा और लाइटों को सही तरह एडजस्ट कर, मैं सामने रखे स्थित कैमरा से उसकी फोटो लेने लगा। उसी समय राज के फ़ोन की घंटी बजने लगी। राज ने हड़बड़ाहट में उठते हुए फ़ोन लिया और बाहर जाकर बात करने लगा। कुछ देर में वह वापस आया और बोला, “पूजा मुझे माफ़ करना। मुझे बॉस ने कुछ काम के लिए अर्जन्टली एयरपोर्ट पर बुलाया है। करीब एक घंटा लगेगा। प्लीज मुझे माफ़ कर दो? मैं तुम्हारा शूट ख़तम होने के पहले आ जाऊंगा।”

    पूजा राज की बात सुनकर कुछ नाराज सी लग रही थी।

    पढ़ते रहिएगा.. क्योकि यह कहानी आगे जारी रहेगी!

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