सभी सेक्स कहानी के पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम अमित है, मेरी उम्र 21 वर्ष है। मैं दिल्ली से हूं। मैं आप सभी के लिए हमारे पड़ोसी ने कैसे मेरी दीदी की पहली चूदाई करके उसकी वर्जिनिटी तोड़ी, उसकी सच्ची कहानी लेकर आए हूं। दोस्तों अगर लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ करना।
यह कहानी कुछ साल पहले की है। मेरे पापा एक बैंक मैनेजर की नौकरी करते थे। मेरे पापा की मौत बीमारी के कारण हो जाती हैं। उनके जाने के बाद उनकी नौकरी मेरी मम्मी को मिल जाती हैं। मेरी मम्मी का नाम रोशनी है। उनकी उम्र 42 वर्ष है। जो आज भी एक 35 साल की जवान खूबसूरत औरत लगती है।
मेरी दीदी का नाम मंजू है। और वह मेरे से 3 साल बड़ी है। उस समय उनकी उम्र 19 वर्ष थी। मेरी दीदी गोरी और काफी सुंदर है। अनकी गोल संतरे जैसी टाइट चूचियां, और उनकी बाहर को निकली हुई गोल उभरी हुई 34″ की गांड जब चलती है, तो गांड की फाके भी इधर-उधर होती है।
उनकी आंखें नशीली है। एक बार जो मेरी दीदी मंजू को देख ले, तो उसका दीवाना बन जाए। आस-पास के पड़ोसी जवान क्या, बूढ़े भी मेरी दीदी को देख कर अपने लंड मसलने लगते है। मेरी दीदी पूरी कामवासना की देवी लगती है।
मेरी मंजू दीदी उस समय फाइनल की पढाई कर रही थी। उसकी जवानी पूरे उफान पर थी। घर में छोटे कपड़े पहनना, रात में शॉट निक्कर या समीज में सोना उसकी आदत हो गई थी। मम्मी अकसर मंजू दीदी पर गुस्सा करती थी, कि ऐसे शॉट कपड़े ना पहना करे।
मेरी मम्मी दीदी को घर से बाहर भी नहीं जाने देती थी अकेले। जब कभी दीदी को कोई सामान लेना जाना होता, तो मम्मी मुझे उसके साथ जाने को जरूर बोलती थी। मेरी दीदी की एक खास दोस्त थी पिंकी, जो अकसर घर आती रहती थी। एक बार मैं उनकी बाते सुनने के लिए कमरे के बाहर खड़ा हो गया। फिर मैंने कुछ ऐसी बातें सुनी, जिस पर मुझे यकिन नहीं हो रहा था।
दीदी: पिंकी यार तू आज ज्यादा खुश नज़र आ रही है। क्या बात है साली, मुझे भी तो बता?
पिंकी: अरे क्या बोलूं मंजू! आज मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी खूब चूदाई की हैं, जिससे मेरी तबियत खुश हो गई।
दीदी: बस चुप कर। तेरी बात सुन कर कभी-कभी मेरा भी मन करने लगता है।
पिंकी: मंजू फिर तू भी किसी लड़के को पटा क्यों नहीं लेती? वैसे भी तू मेरे से ज्यादा सेक्सी सुंदर है। तुझे तो कितने लड़के लाइन देते है।
दीदी: मुझे तो लड़कों से बात करने में भी डर लगता है, और मेरा मन भी करता है। पर तुझे नहीं पता मेरी मां कितनी शक्की औरत है। मुझे बाहर भी नहीं जाने देती।
पिंकी: तेरी मम्मी तो अपनी जवानी का मजा ले चुकी है, और क्या पता अभी भी ले रही हों बाहर। और तूने अभी तक लड़कों का रस तक नहीं चखा। मैं तो बोलती हूं तु भी किसी को पटा और चुदाई का मजा ले। खैर मैं अभी चलती हूं। फिर आऊंगी कभी।
फिर रात को में खाना खाने के बाद जल्दी सोने के लिए कमरे में आ जाता हूं। थोड़ी देर बाद मेरी दीदी कमरे में आती हैं।
दीदी: अमित तू अभी सोया नहीं है क्या? चल थोड़ी देर के लिए बाहर जा, मुझे कपड़े बदलने हैं (यह दीदी की रोज की आदत थी)।
मैं: दीदी मुझे नींद आ रही हैं। मैं बाहर नहीं जाऊंगा।
दीदी: ठीक है फिर तू चादर में घुस जा। अगर बाहर देखा तो कमरे से बाहर भगा दूंगी।
फिर मैंने वैसा ही किया। चादर से अपने आप को ढक लिया। पर दीदी को नहीं पता था कि चादर के अंदर एक छेद भी था, जिससे मुझे बाहर का नज़ारा देखने को मिलेगा। ऊपर से कमरे की लाइट भी जल रही थी। मैंने बाहर देखा मेरी मंजू दीदी अपनी कुर्ती उतर चुकी थी। वे एक छोटी सी समीज में ही खड़ी थीं, जिसमें से अनकी आधे से भी ज्यादा चूचियां बाहर दिख रही थी, और उनकी चूचियों की लाइन पूरी चमक रही थी। फिर दीदी अपनी पजामी भी उतार देती हैं। वैसे तो मैंने अपनी दीदी को पैंटी ब्रा में कईं बार देखा था। हम एक ही कमरे में सोते थे, पर अलग-अलग बेड पर।
फिर दीदी ने अपनी उंगलियां पैंटी की इलास्टिक में फंसाईं, और पैंटी एक झटके में उतार दी। मैंने देखा दीदी की पैंटी पर कुछ व्हाइट सा लगा हुआ था। आज पहली बार मैं अपनी दीदी कि फूली हुई चूत देख रहा था, जो काले बालों से ढकी हुई थी, जो चूत कि सुंदरता को छुपा रही थी। मेरी दीदी की गोरी-गोरी टांगे अलग ही चमक रही थीं।
मेरी नज़र बस दीदी की चूत पर ही थी, जो काफी गीली हुई पड़ी थी उनके काम रस से। फिर दीदी अपनी उंगली से चूत की फांकों को खोल देती है, और कुछ देर खुजली सी करती हैं। फिर दीदी नंगी ही बेड पर जाकर लेट जाती हैं।
दीदी कुछ देर अपना फोन चलाती है और धीरे-धीरे अपना हाथ अपनी चूत पर लाती हैं, और अपने फोन में कुछ देखते हुएं चूत को रगड़ना शुरू कर देती है। थोड़ी देर में वह अपनी टांगे चौड़ी करके चूत में उंगली अंदर-बाहर भी करना शुरू कर देती हैं। मेरी दीदी चूत में उंगली करते हुए आह आह आ अआआ उफ्फ उफ्फ आई अपने मुंह से काफी कामुक आवाजें निकाल रही थी। वे अपनी चूत में काफी तेजी से उंगली डाल रही थी। फिर कुछ देर बाद दीदी हांफने लगती है, और कुछ शांत सी पढ़ जाती हैं, और वैसे ही नंगी हालत में सो जाती हैं।
अगले दिन दीदी जब बाथरूम में नहा रही थी। मुझे उनका फोन मिल जाता है। मैंने सोचा क्यों ना मंजू दीदी का फोन चेक किया जाए, कि वे रात में क्या देख कर अपनी चूत मसल रही थी।
इसके आगे इस कामुकता कहानी में और क्या होता है, वो आपको इसके अगले पार्ट में पता चलेगा। यहां तक की कहानी पढ़ कर आपको मजा आया या नहीं, जरूर बताएं। कहानी की फीडबैक देने के लिए deppsingh471@gmail.com पर मेल करें। ये मेल आईडी उस बंदे की है जिसने ये कहानी मुझे रिक्वेस्ट करके लिखवाई है। आज सब का धन्यवाद।
अगला भाग पढ़े:- पड़ोसी ने तोड़ी मेरी दीदी की सील-2