पड़ोसन बनी दुल्हन-6

This story is part of the Padosan bani dulhan series

    उस पोर्न मूवी में कोई ख़ास कहानी तो थी नहीं। बस एक अमेरिकन फौजी दोस्त जो अफ़ग़ानिस्तान के लड़ाई के मैदान से छुट्टी पर वापस आया होता है तब अपने एक ख़ास करीबी दोस्त के घर जाता है वहाँ वह दोस्त की बीबी को कैसे चोदता है उसके बारे में वीडियो था।

    शाम को जब दोस्त, दोस्त की पत्नी और फौजी साथ में ड्रिंक करने बैठते हैं तब दोस्त के बार बार कहने पर फौजी, दोस्त को अपनी कहानी सुनाता है। फौजी की एक सुन्दर गर्ल फ्रेंड थी जिससे फौजी बड़ा ही प्यार करता था। जब फौजी कुछ दिनों की ट्रेनिंग के बाद गर्ल फ्रेंड के पास वापस लौटता है तो अपनी गर्ल फ्रेंड को किसी और से चुदते हुए देख लेता है।

    जब फौजी यह देखता है तो उसे बाड़ा आघात पहुंचता है और वह अफ़ग़ानिस्तान की पोस्टिंग ले लेता है। वहाँ अपनी जान की परवाह किये बिना वह खूब वीरता से लड़ कर कई दुश्मनों के सैनिकों को मार कर वह अनेक मैडल पाता है। पर गर्लफ्रेंड से धोखा खाने के कारण फौजी को जिंदगी से कोई लगाव नहीं रहा था और उसने दोस्त को कहा की अगली लड़ाई में वह अपनी जान देश के लिए कुर्बान करना चाहता था।

    ऐसी करुणा भरी कहानी सुन कर बीबी का मन पसीज जाता है। फौजी का दोस्त भी अपनी बीबी को बार बार फौजी की विडम्बना का हवाला दे कर उसे फौजी के पास जा कर फौजी को सांत्वना देने के लिए कहता है। फौजी वैसे भी बड़ा शशक्त और तगड़ा मर्द था जिससे पत्नी भी आकर्षित हुई थी।

    कुछ शराब का असर और कुछ अपने पति के उकसाने पर पत्नी वह फौजी दोस्त से आकर्षित हो कर फौजी के पास बैठ कर उसका हाथ ले कर सहानुभूति जताती है तो फौजी अपने दोस्त की पत्नी को खिंच कर अपनी बाँहों में ले लेता है।

    फौजी और दोस्त की पत्नी कमर से कमर मिलाकर चिपक कर कामुक डांस भी करते हैं और आखिर में शर्माती, मुस्काती पत्नी फौजी की बाँहों में चली जाती है। धीरे धीरे दोस्त के बार बार उकसाने पर फौजी अपने दोस्त के सामने ही दोस्त की पत्नी के साथ छेड़खानी करते हुए एक के बाद एक कपडे उतार कर दोस्त की पत्नी को दोस्त के सामने ही चोदने लगता है।

    कुछ ही देर में दोस्त भी नंगा हो कर अपनी पत्नी को फौजी के साथ मिलकर चोदना शुरू करता है। इस तरह रातभर फौजी और पति दोनों मिलकर बीबी की खूब चुदाई करते हैं।

    जब मैंने वह मूवी टीना के साथ हमारे ड्राइंगरूम में फर्श पर गद्दा बिछा कर उस पर लेटे हुए पूरी देखि तो टीना का हाल देखने लायक था। टीना मुझसे चिपक कर कोई भयानक डरावनी मूवी देख रही हो ऐसे बड़ी बड़ी आँखें खोल कर बड़े ध्यान से देख रही थी। देखते हुए वह इतनी उत्तेजित नजर आ रही थी जैसा मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था।

    मूवी देखने के बाद टीना मुझसे बार बार पूछ रही थी, “क्या ऐसा वाकई में होता है? क्या ऐसा हकीकत में हो सकता है? क्या कोई पति अपनी पत्नी को दूसरे मर्द से चुदवाते हुए देख सकता है? क्या कोई पत्नी अपने पति के सामने किसी गैर मर्द से चुदवाने के लिए राजी हो सकती है?”

    तब मैंने मैंने मेरी बीबी टीना को अपनी बाँहों में उठा कर बैडरूम में ले जा कर उसे पलंग पर रखते हुए टीना की आँखों में आखें डाल कर कहा, “अगर तुम किसी मर्द से चुदवाना चाहो तो मैं तुम्हें किसी और मर्द से चुदती हुई देख सकता हूँ। पति पत्नी में सही अंडरस्टैंडिंग हो, पत्नी को पति में पूरा विश्वास हो और अगर पत्नी अपने मन पसंद किसी गैर मर्द से चुदवाना चाहे तो क्यों नहीं चुदवा सकती? तुम चुदाई के नाम से इतनी डरती क्यों हो? जानेमन तुम कौनसी दुनिया में जी रही हो? आज कल तुम देखती नहीं? टीवी पर और कई जगह खुले आम मर्द और औरत सेक्स के सिन करते हैं? इतना ही नहीं, वह अपनी शक्ल भी नहीं छिपाते। बल्कि कई तो अपना नाम भी जाहिर करते हैं। जो पोर्न फ़िल्में करते हैं वह काफी फेमस हो जाते हैं..

    हिंदी फिल्मों में भी तो पोर्न फिल्म के कलाकार काम करके खूब पैसे कमाते हैं। खैर पैसों की बात छोडो, अपनी मर्जी से भी अगर पत्नी किसी मर्द से आकर्षित होती है और उससे चुदवाना चाहती है और पति अगर पत्नी के मन की बात समझता है तो उसे ख़ुशी से अपनी पत्नी को उस मर्द से चुदवाने इजाजत देनी चाहिए। वैसे ही पत्नी भी पति को सहमति देती है। चोदने चुदवाने के कारण उन पति पत्नी में मन मुटाव नहीं होना चाहिए बल्कि उन अनुभवों को याद कर, उन की बात कर पति पत्नी अपनी चुदाई को ज्यादा एन्जॉय करना चाहिए।”

    मेरी बात सुनकर टीना ने कहा, “अच्छा? पर वह तो सब तो हाई सॉसाइटी में होता होगा। मध्यम क्लास के परिवार में ऐसा कहाँ होता है?”

    तब मैंने मेरी बीबी को कहा, “सुषमाजी यही तो कह रही थीं तुम्हें? और देखो हमारे पड़ोस में ही शादीशुदा मर्द और औरतों के आपसी में गैरों से सम्बन्ध के कई किस्से हैं जो मैं अगर सुनाने बैठ गया तो डार्लिंग,तुम हैरान रह जाओगी। करते सब हैं, पर चोरी चुपके। कोई मर्द या औरत जाहिर थोड़े ही करेंगे की मैं फलां फलां को चोदता हूँ या उस से चुदवाती हूँ?”

    मेरी बात सुनकर वह दांतो तले उंगली दबा गयी, और बोली, “बापरे! यह सब तो मुझे पता ही नहीं था।”

    मेरी बात सुनकर टीना कुछ हैरानगी से मुझे देखती रही। मैंने कहा, “देखो मैं एक एक्ज़ाम्पल के तौर पर बात कर रहा हूँ। सेठी साहब के साथ आज हम इतना घुलमिल गए हैं तो क्या तुम्हें नहीं लगता की हमारे बिच भी ऐसा कुछ कभी हो सकता है? क्या तुम्हें नहीं लगता की कभी कोई नाजुक वक्त में मसाज करवाते हुए सेठी साहब तुम्हें अपनी बाँहों में ले लें और तुम भी उस समय एक इमोशन के बहाव में बह कर उनको रोक ना पाओ..

    और फिर एक से दो और दो से तीन होते हुए बात यहां तक बढ़ जाए की बदन और कपड़ों का कोई होशोहवाश ही ना रहे और जो हम सोचते हैं नहीं हो सकता वह हो जाए? क्या यह असंभव है? देखो मैं कोई इल्जाम नहीं लगा रहा। पर मुद्दा यहाँ यह है की क्या ऐसा हो सकता है या नहीं। मैं कहता हूँ हो सकता है। तुम बोलो, क्या ऐसा नहीं हो सकता?”

    मैने देखा की मेरी बात पूरी तरह सुनकर मेरी बीबी मुझ से आँखें चुराती हुई नज़रे नीची कर बोली, “होने को तो कुछ भी हो सकता है, पर क्या ऐसा होना ठीक है?”

    मैंने कहा, “क्यों ठीक नहीं है? अब ज़माना बदल गया है। आखिर जब जवाँ मर्द औरत एक दूसरे के इतने करीब हों और कुछ ऐसा माहौल बन जाए तो सेक्स हो ही जाता है। अगर तुम्हारे और सेठी साहब के बिच में क्या ऐसा नहीं हो सकता? और अगर ऐसा हो जाए तो कौनसा आसमान टूट पडेगा? अरे जब तुमने शादी से पहले एक मानसिक बहाव में बह कर उस शिक्षक से शारीरिक सम्बन्ध जोड़े तो कौनसा आसमान टूट पड़ा था? आज हम उस बात के बारे में कहाँ कुछ सोचते हैं?”

    मेरी बात सुन कर टीना जैसे कुछ देर तक सन्न सी मुझे बड़ी बड़ी आँखों से देखती रह गयी। कुछ बोल नहीं पायी। कुछ देर बाद जब मैं भी टीना के जवाब की उम्मीद करता हुआ उसे देख रहा था तब मेरी बात का सीधा जवाब देने का बजाय मुझ पर बिगड़ती हुई टीना बोली, “वह शादी के पहले की बात थी। अब मैं शादीशुदा हूँ।”

    मैंने कहा, तो क्या हुआ? शादी के बाद तुम्हारे सींग निकल आये हैं क्या? तुम तो वही हो जो पहले थी। खैर तुम्हारी बात भी गलत नहीं है। पहले तुम्हें अकेले ही ऐसा डिसिशन लेना होता था। अब तुम्हें पति का भी ख्याल रखना पड़ता है। पर जब मैं तुम्हारे साथ हूँ और अगर मुझे कोई एतराज नहीं हो और मैं ही तुम्हें सेठी साहब से चुदवाने के लिए कहता हूँ तो फिर तुम्हें परेशानी किस बात की? सच तो यह है की जवानी चार दिन की है।

    जिंदगी में ऐसे साथीदार बड़ी ही मुश्किल से मिलते हैं जिन पर पूरा भरोसा किया जा सकता है, जिन से चुदाई के सम्बन्ध हो सकते हैं। मैं तो मानता हूँ की सही साथीदार हो तो एन्जॉय करने का ऐसा मौक़ा छोड़ना नहीं चाहिए। देखो तुम्हीं कह रही थी की सुषमा और सेठी साहब इस वक्त बच्चे को लेकर एक अजीब सी उलझन में फंसे हुए हैं..

    अगर इस वक्त हमने उनका साथ दिया तो उनकी समस्या भी सुलझ जायेगी। वैसे ही उनके हम पर बड़े अहसान हैं और अगर हम थोड़ा कुछ कर सकें तो उनकी जिंदगी बन जायेगी, और हम एन्जॉय भी करेंगे। मैं तुम्हें वादा करता हूँ की अगर ऐसा कुछ भी हुआ तो तुम्हें चिंता करने की जरुरत नहीं।

    ऐसा देख कर मुझसे ज्यादा खुश और कोई नहीं होगा। यह मेरा तुम्हें वचन है। अभी हम मिले हैं, अगर कहीं हमारा अथवा उनका ट्रांसफर हो गया तो फिर बिछड़ जाएंगे। यह जिंदगी छोटी है। पता नहीं कितनी देर हम साथ में रहेंगे। तुम मानती तो हो ना की उनसे से हम सब कुछ शेयर कर सकते हैं?”

    टीना ने मुंह टेढ़ा कर कटाक्ष में कहा, “ठीक है यार, बस भी करो। देखो यह सारी बातें हमारे बस में नहीं। जैसा तुमने कहा माहौल और मूड़ पर सब आधारित है। जो होगा जब होगा होगा। अब मैं यह समझ गयी की तुम क्या चाहते हो। तुम्हें मौक़ा मिला तो सुषमाजी को चोदने की इजाजत मैं तुम्हें देती हूँ बस? यार जो करना है करो पर इसका ढंढेरा पीटने की क्या जरुरत है?”

    मैंने कहा, “मैं ढंढेरा नहीं पिट रहा बस सिर्फ यही कह रहा हूँ की जब सेठी साहब ने डार्लिंग कहा तब तुम जैसे बिदक गयी वैसे अगर सेठी साहब और कोई मरदाना हरकत करे या तुम्हें जकडले, बूब्स सेहला दे या किस करले तो बिदकना मत। अब तो हम ने सब शेयर करने की बात मानी है तो तुम भड़क मत जाना या पीछे मत हट जाना। तुम जानती हो सेठी साहब कितने सेंसिटिव हैं।”

    टीना ने कुछ आत्मविश्वास दिखाते हुए कहा, “तुम बेकार परेशान हो रहे हो। उसकी चिंता तुम मत करो। यह बात मैं तुमसे ज्यादा अच्छी तरह जानती और समझती हूँ और सेठी साहब को भी मैं अच्छी तरह से हैंडल कर सकती हूँ। सेठी साहब का मेरे साथ मरदाना हरकतें करना मेरे लिए कोई नयी बात नहीं है। पर हाँ मुझे एक बात बताओ, मानलो अगर सेठी साहब ने मेरे साथ कोई ऐसी वैसी हरकत की और कुछ इधरउधर हो गया तो तुम्हें जलन तो नहीं होगी ना? फिर बाद में शिकायत मत करना।”

    टीना की जुबान से जब यह निकल ही गया तब मुझे तसल्ली हो गयी की आखिर बात आगे बढ़ सकती है, अगर सेठी साहब कुछ करें तो। मैंने कहा, “कमाल है, मैं ही तुम्हें कह रहा हूँ की आगे बढ़ो और मुझसे ही तुम सवाल कर रही हो? मुझे कोई शिकायत नहीं, मुझे तो बल्कि ख़ुशी होगी।”

    इस बात के तीन चार दिन के बाद की बात है। एक दिन ऑफिस से घर लौटते हुए मुझे टीना का फ़ोन आया। उसे फिर से वही पीठ में दर्द और चक्कर आ रहे थे। मैंने फ़ौरन सेठी साहब को फ़ोन किया और टीना के दर्द के बारे में बताया और कहा की वह टीना को फ़ौरन अटेंड करें। तक़दीर से सेठी साहब अपने घर पहुंचे ही थे। मेरा फ़ोन पाते ही वह टीना के पास जा पहुंचे।

    मुझे घर पहुँचते काफी देर हो गयी। मैं जब घर पहुंचा तो सेठी साहब घर से टीना का मसाज कर बाहर निकल रहे थे। मैंने दरवाजे की बेल बजाई। कुछ ही देर में टीना ने दरवाजा खोला। टीना के पीछे सेठी साहब भी दिखाई दिए। सेठी साहब ने आपने दोनों हाथ उठाते हुए कहा, “तुम्हारी पत्नी की मैंने जो सेवा करनी थी की। अब वह एकदम ठीक है।”

    उस रात को सब काम निपटा कर जब टीना सोने को आयी तो मैं बड़े आश्चर्य से उसे देखता ही रहा। टीना की आँखों में मुझे वह उन्माद और कामवासना का शुरुर नजर आ रहा था जो शादी के बाद कुछ महीनों तक मैंने एन्जॉय किया था। टीना के चेहरे के भाव से और उसके पहनावे से यह साफ था की उस रात उस पर काम वासना का उन्माद छाया हुआ था। जाहिर था उस रात वह मुझसे बेतहाशा चुदवाना चाहती थी। टीना ने एक छोटी सी नाइटी पहन रक्खी थी और अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था।

    बैडरूम की बत्ती बुझा कर जब मेरी बीबी मेरे करीब आयी तो लेटने के बजाए वह मुझ पर चढ़ गयी और बड़ी शिद्दत से मुझसे लिपट कर पागल की तरह मुझे चूमने लगी और बड़े प्यार से बहकी बहकी आवाज में अश्पष्ट शब्दों में मेरे कान में कभी मुझे “जानू’ तो कभी “माय डार्लिंग” “माय बेबी” कह कर मुझे उकसाने लगी। जाहिर था की मसाज के दरम्यान कुछ ऐसा हुआ था जिसके कारण मेरी बीबी काफी उत्तेजित हो चुकी थी और उसे अपनी चूत की खुजली को कैसे भी जल्द से जल्द शांत करना था।

    मेरी बीबी की नाइटी को उसके बदन से फारिग कर मेरी बीबी के नंगे बदन को मैं अपने हाथों से महसूस करने लगा। टीना ने भी मेरे पाजामे का नाड़ा खोल मेरे खड़े सख्त लण्ड को अपनी उँगलियों में लिया और उसे सहलाने लगी।

    टीना एक चुदासी कुतिया की तरह मुझसे चुदवाने के लिए बेताब हो रही थी। यही मौक़ा था की मैं मेरी बीबी की उत्तेजना को और भड़काऊं और टीना को सेठी साहब से चुदवांने के बारे में बात करके मेरी बीबी के मन की बात समझने की कोशिश करूँऔर यह भी जानने की कोशिश करूँ की उस शाम कुछ हुआ की नहीं?

    मैंने मेरी बीबी की टाँगीं चौड़ी कीं और उनके बिच मेरा सर डालकर मैं अपनी जीभ से टीना की चूत की पंखुड़ियों के बिच से रिस रहे स्त्री रस का आस्वादन करने लगा। मेरी जीभका स्पर्श महसूस करते ही टीना बोल उठी, “क्या करते हो? ऊपर चढ़ जाओ और मुझे चोदो प्लीज?”

    मैंने पूछा, “क्या बात है? आज मेरी तक़दीर अचानक ही कैसे खुल गयी? आज मेरी रानी चुदाई के लिए इतनी बेताब कैसे है जी? कुछ बात तो है।”

    टीना कुछ शर्माती हुई बोली, “हाँ, बात तो है। बात ही कुछ ऐसी है जी। पर तुम पहले मुझे मत तड़पाओ। अंदर डालो और चोदो मुझे तो बताऊँ। सुनोगे तो तुम्हारा जोश भी बढ़ जाएगा।”

    मैंने पूछा, “अच्छा? बताओं ना जानेमन ऐसी क्या बात हुई?” हालांकि मुझे शायद कुछ आईडिया था की मेरी बीबी मुझे क्या कह सकती है।

    टीना ने मुझे लिटा कर मेरी टांगों के बिच में जा कर मेरे लण्ड को अपने हाथों में पकड़ा और मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले कर वह बड़ी शिद्दत से चुसने लगी। अपना मुंह ऊपर निचे कर वह मेरे लण्ड को उस रात जबरदस्त वी.आई.पी. ट्रीटमेंट दे रही थी। मुझे इतना ज्यादा सुख बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने पूछा, “री, अब बताओ भी आखिर क्या हुआ?”

    टीना एकदम मेरे पास आयी और मेरे लण्ड से मुंह सटाकर बोली, “तुम कहते थे ना, की आखिर सेठी साहब भी एक मर्द हैं। आज उन्होंने अपनी मर्दानगी दिखा दी।”

    टीना की बात सुनकर मेरी जान हथेली में आ गयी। मैंने आश्चर्य से पूछा, “क्या कहती हो? क्या सेठी साहब ने तुम्हें चोद दिया?”

    टीना एकदम गुस्से में बोली, “क्या बकवास करते हो? ऐसा कुछ नहीं हुआ। अरे उन्होंने अपनी मर्दानगी मतलब मर्दों वाली हरकतें की आज मेरे साथ।”

    मैंने पूछा, “अच्छा? क्या किया उन्होंने?”

    टीनाने मुझे उस शाम हुई सारी कहानी शब्दशः सुनाई। मेरी पत्नी की कहने से मुझे यह महसूस हुआ की उसने कुछ भी नहीं तोडा मरोड़ा और सारी कहानी जैसे हुई थी वही मुझे कही।

    टीना ने कहा, “आज जब मैंने तुम्हें फ़ोन किया तब मुझे बड़ा जबरदस्त दर्द हो रहा था। मुझसे बैठा नहीं जा रहा था। मेरी हालत बहुत खराब थी। तुमने फ़ौरन फ़ोन कर सेठी साहब को बताया और वह दो ही मिनट में आ पहुंचे। तुम तो जानते ही हो की जब मुझे दर्द होता है तो मैं कैसे तड़पती हूँ। सारे कपडे निकाल फेंकने का मन करता है।“ आगे टीना ने कहा उसे सुनकर मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया।

    सेठी साहब ने आते ही टीना की हालत देखि। टीना कभी लेट जाती तो कभी आधी बैठती थी। पीठ कमर और छाती में शूल की तरह जो दर्द हो रहा था उससे तंग आकर अपनी साडी उसने निकाल दी थी, की शायद उससे कुछ आराम मिले।

    टीना के बाल बिखरे हुए थे, कपाल और गर्दन से पसीने की धार जैसे बह रही थी। ब्लाउज और ब्रा गीले होने के कारण टीना के खूबसूरत मम्मे (स्तन मंडल) की झाँखी हो रही थी। टीना के स्तनोँ के निप्पल की श्यामल रूपरेखा दिखाई दे रही थी। सेठी साहब ने आते ही सबसे पहले ही टीना के स्तनोँ को और निप्पलों को जब इतने साफ़ अंदाज में पहली बार देखा तो उनके भी पसीने छूट गए।

    पढ़ते रखिये.. कहानी आगे जारी रहेगी!

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