Nayi Dagar, Naye Humsafar – Episode 13

This story is part of the Nayi Dagar, Naye Humsafar series

    सवाल ये था कि किसको चुनु। सैंड्रा को उस दिन जोसफ से चुदते हुए देखने के दृश्य अब भी मेरी आँखों के सामने थे। उस दिन मैं मन में सोच रही थी कि काश सैंड्रा की जगह मैं होती, पर आज वो मौका सामने था।

    जोसफ के मोटे लंड का अनुभव लेने का अवसर था तो उसके प्रति नफरत भी थी उसने ही मुझे इस मुसीबत में फंसाया था। दूसरी तरफ राहुल था, जिसके मुँह से एक तारीफ सुनने के लिए मैंने कितने पापड़ बेले थे और आज मुझे ऐसे ही सामने से मौका मिल रहा था।

    फिर सोचा अगर राहुल को चुना तो रोज ऑफिस में मैं उसका सामना कैसे करुँगी। वैसे भी मुझे उसे जीतना था ना कि धोखे से पाना। वैसे भी मैं कौनसा उस से चुदवाना चाहती थी, उस दिन पार्टी में चूमने तक नहीं दिया था मैंने उसे।

    जोसफ तो कल को चला जायेगा, मुझे फिर कभी उसके सामने भी नहीं आना पड़ेगा। जोसफ मेरे ऊपर अपने मोटे लंड का पूरा गुस्सा निकालेगा जब कि राहुल मेरा बहुत ध्यान रखेगा।

    मैं: “मैंने फैसला कर लिया हैं, मैं तैयार हु।। ”

    राहुल: “प्रतिमा क्या बोल रही हो। तुम्हे ये सब करने की जरुरत नहीं ”

    मैं: “नहीं, मैंने बिगाड़ा था, अब मैं ही बनाउंगी। मैं स्वार्थी नहीं हो सकती। ”

    सैंड्रा: “ठीक हैं, राहुल तुम तैयार हो ना?”

    राहुल: “अगर प्रतिमा को कोई आपत्ति नहीं हैं तो मैं भी तैयार हु। ”

    मैं: “मैं राहुल की नहीं, जोसफ की बात कर रही थी। ”

    सैंड्रा और राहुल एक दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखने लगे। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि मैंने राहुल के होते हुए जोसफ को चुना था। पर मैंने काफी आगे का सोच कर बहुत सोच समझ कर ही फैसला लिया था ।

    सैंड्रा : “ठीक हैं, कल ग्यारह बजे गेस्टहॉउस आ जाना, तुम्हे जोसफ वही मिलेगा। तुम उसके साथ चुदवाओगी और मैं जैक को ये सब दिखा, उसको तुमसे हमेशा के लिए दूर कर दूंगी ।

    राहुल: “प्रतिमा, तुम ठीक तो हो, तुम जोसफ को कैसे चुन सकती हो। मैं तुम्हे ये सब नहीं करने दूंगा।”

    मैं: “मुझे करना ही पड़ेगा, इतने लोग जुड़े हुए हैं मेरी इस हां से। ”

    सैंड्रा : “वाह, लगता हैं तुम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहते हो ”

    मैं: “नहीं” राहुल: “हां”

    हम दोनों ने एक साथ विपरीत जवाब दिये थे। राहुल ने स्वीकार किया कि वो मुझे प्यार करता हैं। मगर मैंने तो कभी उसे प्यार ही नहीं किया था।

    सैंड्रा: “देखो मेरी नजर में तुम दोनों ने मिल कर जैक को फंसाने का प्लान किया था। गलती तुम दोनों ने की थी, सजा सिर्फ प्रतिमा को मिल रही हैं। राहुल को भी सजा मिलनी चाहिए। राहुल की सजा ये हैं कि वो अभी इसी जगह मुझे चोदेगा, और वो भी अपनी माशूका के सामने। ”

    राहुल: “मैं ये नहीं कर सकता।”

    सैंड्रा : “प्रतिमा तो जोसफ के साथ चुदने को तैयार हैं तो तुम मुझे क्यों नहीं चोद सकते ? तुम क्या नामर्द हो ! कही ये ही तो कारण नहीं कि प्रतिमा ने तुम्हारी बजाय जोसफ को चुना।”

    ये सुनकर राहुल गुस्से में लाल हो गया, पर गुस्सा करके भी क्या उखाड़ लेता।

    सैंड्रा : “मेरा शक शायद सही हैं, राहुल तुम्हे शर्मिंदा करने के लिए तो प्रतिमा ही काफी हैं। प्रतिमा जरा तुम्हारे आशिक को नंगा करके देखो वो मर्द भी हैं या नहीं। ”

    मैं और राहुल एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। मैं ये कैसे कर सकती हूँ, वो मेरा बॉस हैं और मैं उसकी इतनी इज्जत करती हूँ और आज वो ही उतार दू। ये शर्म भी एक कारण थी कि जिसके मारे मैंने उसकी बजाय जोसफ को चुना था। मैं वही खड़ी की खड़ी रह गयी।

    सैंड्रा : “और फिर मैं फैसला करुँगी कि मुझे इसके साथ चुदवाना हैं या नहीं । मुझे पसंद नहीं आया तो तुम दोनों आपस में चोद के बताओगे ।”
    मैं एकदम घबरा गयी, राहुल के साथ नहीं करना था इसी वजह से तो जोसफ के लंड का जोखिम मौल लिया था। मैंने एक नजर राहुल की तरफ़ देखा फिर नीचे देखने लगी । उस दिन पार्टी में उसको चूमने तक नहीं दिया था और आज उसको मज़बूरी में चोदना पड़ेगा।

    कही सैंड्रा सच तो नहीं बोल रही, क्या इसी नामर्दी के कारण वो मुझ जैसी खूबसूरत और सेक्सी औरत को देखता भी नहीं था। यहाँ तक कि सैंड्रा जैसी गौरी चमड़ी वाली बला की खूबसूरत औरत को भी मना कर रहा था। शायद रूही इसी वजह से छोड़ कर गयी हो। तब तक राहुल मेरे करीब आ गया।

    राहुल: “प्रतिमा तुम मेरे कपड़े उतार सकती हो, घबराओ मत। ”

    मैं अब फंस चुकी थी, पहले ही राहुल को चुन लेती तो एक बार इज्जत गवा के बच जाती, पर अब राहुल के साथ साथ जोसफ के साथ भी करवाना पड़ेगा। मेरे लिए तो डबल सजा हो गयी। मगर बचने का कोई रास्ता तो था नहीं।

    राहुल अपना सूट तो आते ही खोल चूका था तो मैंने पहले उसकी टाई निकाली और फिर उसके शर्ट को पैंट के बाहर खिंच कर एक एक कर सारे बटन खोलती गयी और अंदर से उसका बनियान दिखने लगा। मैंने उसको सबसे कम कपड़ो में उस पार्टी में हाफ स्लीव टीशर्ट में देखा था। और अब उसका शर्ट निकालने के बाद उसे बनियान में देखा।

    उसके हाथो के मसल्स दिखने लगे। उस दिन हाफ स्लीव टीशर्ट में ही उसके मसल्स का अनुमान तो लग गया था पर पुरे आज देखने को मिले। जोसेफ जितनी बलशाली भुजाएं तो नहीं थी पर आम मर्दो से काफी अच्छी थी। वो जिम जाता हैं ये तो मुझे पता चला था , पर इतने समय से जा रहा होगा ये अब पता चल गया था।

    मैंने नीचे नजरे झुका कर उसका बनियान भी निकाल दिया। मेरी नजर उसके पेट पर पड़ी, उसके एब्स देख कर मैं बहुत प्रभावित हुई। मेरी तरह वो भी फिटनेस का बहुत ध्यान रखता हैं। उसका सीना एकदम सफाचट था। लगता हैं उसको शरीर पर बाल बिलकुल पसंद नहीं । शायद उसके लंड के आस पास भी वो सफाचट ही होगा।

    मैंने उसका बेल्ट खोलने के बहाने अपना हाथ उसके एब्स पर थोड़ा छू कर महसूस कर दिया, वो बहुत सख्त थे। उसके बदन को छूते ही मुझे जैसे करंट लगा और शायद उसको भी।

    मैंने उसका बेल्ट का बकल खोल दिया और फिर उसने खुद ही अपने जूते निकाल दिए ताकि मुझे उसकी पैंट निकालने में दिक्कत ना हो। मैंने उसकी पैंट का हुक और चैन खोल धीरे धीरे नीचे बैठते हुए पैंट को नीचे करने लगी। जैसे ही पैंट जांघो तक नीचे आया मैंने देखा उसने अंदर बॉक्सर पहन रखा हैं और उसमे से उसका लंड कड़क हो आगे की ओर निकला हुआ था।

    मेरे कपड़े खोलने के दौरान ही लगता था उसका लंड कड़क हो तैयार हो चूका था। मतलब वो नामर्द तो नहीं था। मैं थोड़ा शरमा गयी उसके उस उभार को देख कर। मैंने उसका पैंट पूरा पाँव से निकाल दिया। अब बारी उसके आखरी कपड़े यानी बॉक्सर की थी। उसमे से बाहर झूलता हुआ लंड देख मेरी वैसे ही शरम के मारे हिम्मत नहीं हो रही थी।

    मैंने अपने दोनों हाथ उसके बॉक्सर के दोनों तरफ रखे, पता नहीं अनगिनत औरतो ने अपने बॉस का लंड देखा और लिया होगा, मैं उनमे कभी शामिल नहीं होना चाहती थी पर आज शायद वो दिन था। शायद मेरा पहना हुआ लक्की कुर्ता भी आज काम नहीं आया।

    फिलहाल मैं उसका बॉक्सर धीरे धीरे नीचे खींचने लगी, और उसके नीचे आते ही उसका लंड स्प्रिंग की तरह उछलते हुए मेरे चेहरे की तरफ लपका। मैं डर के थोड़ा पीछे खिसकी और गौर से देखा। उसका लंबा लंड मेरे सामने था। वहा का हिस्सा भी सफाचट था। मैं भी अपनी चूत सहित शरीर के हर हिस्से की वैक्सिंग कर चिकना रखती हु। हमारी एक और आदत मिलती थी।

    मोटाई जोसफ़ के लंड जितनी तो नहीं थी पर सामान्य मर्दो के लंड की साइज से लंबा और मोटा था। शायद ये मुझे उसी दिन मिल जाता अगर मैं उसको पार्टी में मुझे चूमने देती।

    मैंने बॉक्सर पूरा निकाल दिया और खड़ी हो गयी। वो एक पहलवान की तरह सीना फुलाये और अपना लंड खड़ा किये दिखा रहा था। शायद सैंड्रा और मुझे साबित कर रहा था कि वो असली मर्द हैं।

    सैंड्रा : “राहुल अब तुम्हारी बारी, तुम …”

    इससे पहले की सैंड्रा अपनी बात पूरी करती राहुल मेरी तरफ आगे बढ़ा और मेरे कुरते को नीचे से पकड़ लिया। मैं डर के मारे उसकी आँखों में देखने लगी, क्या वो सच में मुझे नंगा करने वाला था।

    राहुल: “हाथ ऊपर करो प्रतिमा।”

    वो मुझे नंगा करने के लिए कितना उतावला हुए जा रहा था, मैंने उसकी आँखों में घूरते हुए अपने हाथ ऊपर किये। मैं तो उसे वैसे ही मिलने वाली थी फिर उतावलेपन का क्या फायदा, जो भी करना हैं प्यार से करे। मेरे हाथ ऊपर करते ही उसने मेरा कुर्ता ऊपर उठाना शुरू कर दिया और सर से पूरा निकाल दिया।

    मुझे बहुत शर्म आयी, अपनी इच्छा से नंगा होना और किसी के हाथो जबर्दस्ती नंगे होने में फर्क होता हैं। मैं अब ब्रा में खड़ी थी। नजरे नीचे की तो राहुल का लंड नजर आया, तो शरमा के फिर ऊपर देखने लगी। उसकी आँखें मेरे ब्रा से झांकते हुए मम्मो पर ही थी। आज तो बड़ी बेशर्मी से मेरे शरीर को निहार रहा था और ऑफिस में जब मैं दिखाने की कोशिश करती थी तब क्या हुआ था इसे !

    वो अब नीचे बैठ गया और मेरी कैप्री पैंट को नीचे खिसकाने लगा और मेरी पैंटी दिखने लगी। अब तक की घटनाओ से मेरा थोड़ा पानी निकल गया था और पैंटी भी गहरे रंग की थी तो उसको साफ़ दिख गया मेरी क्या हालत हैं। हम दोनों एक दूसरे में इतना खो गए कि हम भूल ही गए थे कि सैंड्रा भी वहा खड़ी हैं।

    मैंने देखा उसका लंड अब फूल कर और भी मोटा और लंबा हो चूका हैं। वो मुझे पहली बार इतने कम कपड़ो में देख रहा था, पता था हालत तो उसकी खराब होनी ही थी। वो एक बार फिर खड़ा हुआ।

    उसने मुझे पीछे घुमाया और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया। मेरे सीने पर कसाव ढीला करते ही उसने मुझे फिर अपनी तरफ घुमाया। वो मुझे नंगा करते हुए मेरा शर्माता चेहरा देखना चाहता था। उसने मेरे खुले लंबे स्ट्रैट किये हुए बालो को आगे से पीछे किया ताकि उसको मेरे मम्मे पुरे दिखे। मैंने शर्म के मारे नजरे नीचे ही की हुई थी।

    उसने अपने दोनों हाथों की दो दो उंगलिया मेरे ढीले हो चुके ब्रा के नीचे रखी और ऊपर उठा मेरे मम्मे बाहर निकालने की कोशिश शरू करने ही लगा कि सैंड्रा की आवाज आयी।

    सैंड्रा: “रुको”

    हमने सैंड्रा की तरफ देखा, उसने अपने कपडे निकालना शुरू कर दिया था।

    सैंड्रा: “मुझे यकीन हो गया हैं कि राहुल नामर्द नहीं। वैसे भी तुम दोनों के लिए ये सजा से ज्यादा मजा लग रहा हैं। राहुल की सजा तो मुझे चोदने में हैं। ”

    सैंड्रा ने अपने ऊपर के कपड़े निकाल दिए थे और अब वो सिर्फ लैस वाले खूबसूरत काले ब्रा और पैंटी में थी। उसके संगरमर जैसे बदन पर काले ब्रा और पैंटी काफी आकर्षक लग रहे थे ऊपर से उसके गौरे गौरे बड़े वाले चिकने मम्मे क़यामत थे। उसके बदन को देख कर तो राहुल मुझे भी भूल जायेगा।

    राहुल फिर मेरी तरफ मुड़ा और एक बार फिर अपने दोनों हाथ मेरी ब्रा की तरफ लाया। मुझे उस वक्त बहुत ख़ुशी हुई, सैंड्रा जैसी हसीना को छोड़ कर वो मेरी तरफ आकर्षित था ठीक जैक की तरह। पर इससे पहले कि वो मेरे ब्रा को हाथ भी लगा पाता सैंड्रा ने फिर रोक दिया।

    तुम दोनों की इच्छा हैं तो और कभी कर लेना, पर फिलहाल मेरा मूड बन गया हैं तो राहुल तुम सिर्फ मुझे ही चोदोगे। राहुल झुँझला कर सैंड्रा की तरफ बढ़ा।

    सैंड्रा : “प्रतिमा तुम जाना मत। तुम अपने आशिक को मुझे चोदते हुए देखने के मजे लो या जलो तुम्हारी इच्छा।”

    राहुल अपना गुस्सा सैंड्रा को चोदते हुए कैसे निकालेगा वो अगले भाग में पढ़े।

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