पिछला भाग पढ़े:- चुदाई के रंग में रंगी मेरी चुदक्कड़ मां-1
स्वागत है दोस्तों आपका सफर के दूसरे पड़ाव पर। पहले पार्ट को पढ़ लीजिए अगर आपने नहीं पढ़ा है तो। उम्मीद है कि आप सभी खुश होंगे। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि मेरी मां आपके लंड को भरपूर मजा दे। चलिए शुरू करते है।
मैं और गौरव मेरे कमरे में जैसे ही जाते है, तो मेरा कमरा ज्यादा साफ सुथरा तो नहीं था, पर इतना गंदा भी नहीं। मैं और गौरव बेड पर बैठ जाते है।
मैं: तो बताओ गौरव तुम्हे क्या पसंद है?
गौरव: मुझे मूवी देखना बहुत पसंद है, और पढ़ाई में मेरी ज्यादा रुचि नहीं है।
मैं: मुझे भी पढ़ाई में ज्यादा मजा नहीं आता।
गौरव: अच्छा।
मैं: हां, जबरदस्ती पढ़ना पड़ता है सच बताऊं तो।
गौरव: मेरे साथ भी बिल्कुल ऐसा ही है। मैं तो खुद का कोई बिजनेस करना पसंद करूंगा।
मैं: सोचता तो मैं भी कुछ ऐसा ही हूं।
गौरव: अच्छा किस चीज का?
मैं: वैसे अभी कुछ सोचा नहीं पर मुझे ऐसा कुछ बनाने का मन है जहां लोग खुल कर मजा कर सके। जहां लोगों पर कोई रोक ना हो।
गौरव: काफी अच्छा सोचा है वैसे तुमने ये चीज। लोगों को पार्टी करना काफी पसंद है, तो मैं वैसा कुछ सोच रहा हूं।
मैं: थोड़ा बहुत मेरे जैसा ही है। तुम्हें भी मजे करना पसंद है?
गौरव: किसे नहीं होता, मुझे तो मजे करना ही पसंद है। एक ही जिंदगी है उसे खुल कर जीना चाहिए।
मैं: बिल्कुल सही। वैसे हमारी सोच लगभग मिलती है। तो हमारी आपस में काफी अच्छी बनेगी।
गौरव: हां लगता तो है ऐसा।
इतने में कोमल ने आवाज लगाई कि चाय तैयार है समर,आकर ले जाओ। मैं चाय लेने चला गया। लेकिन जब मैं चाय लेने कोमल के पास जाता हूं, तो सरोज पर मेरी नज़र पड़ती है जिसका क्लीवेज साफ साफ दिख रहा था। और वहीं कोमल ने भी टाइट पायजामी पहनी हुई थी, और मन कर था दोनों को पकड़ कर वहीं चोद दूं।
सरोज: बेटा कर ली जान-पहचान गौरव से, हो गयी दोस्ती?
कोमल: हां अच्छे दोस्त बन जाओ अब तुम लोग।
मैं: बिल्कुल आंटी, गौरव और मेरे ख्याल काफी मिलती-जुलते है।
सरोज: ये तो बहुत अच्छी बात है।
मैं चाय, बिस्कुट और नमकीन वगैरह लेकर कमरे में आया और देखता हूं कि गौरव फोन चला रहा था। मेरे कमरे में जाते ही उसने फोन बंद कर दिया।
मैं: क्या हुआ अचानक फोन क्यों बंद कर दिया? मुझसे कुछ छिपाने की जरूरत नहीं है। अब हमारे ख्यालात मिलते-जुलते ही है तो छिपाना क्या?
गौरव: अरे कुछ नहीं बस यू हीं।
मैं: गर्लफ्रेंड से बातें कर रहे थे? बुरा मत मानना मज़ाक कर रहा हूं।
गौरव: नहीं-नहीं। मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
मैं: अच्छा, क्यों? बनाई नहीं या बनी नहीं?
गौरव: नहीं-नहीं ऐसा कुछ नहीं, जैसी मैं चाहता हूं वैसी कोई मिली नहीं।
मैं: सभी ये कहते है गौरव भाई। तुम्हें कैसी चाहिए?
गौरव: छोड़ो, तुम बताओ तुम्हारी कोई है गर्लफ्रेंड?
मैं: मेरा भी तुम्हारे जैसा ही हाल है।
गौरव: क्या मतलब? खुल कर बोलो। अब हम दोस्त बन ही गए है।
मैं: सच बताऊं?
गौरव: बिल्कुल भाई।
मैं: मुझे औरतें ज्यादा पसंद है।
गौरव: अच्छा।
मैं: तुम्हे कैसी पसंद है?
गौरव: सच बताऊं तो मुझे भी बड़ी उमर की आंटीयां पसंद है।
मैं: भाई हम दोनों बेस्ट फ्रेंड बन जाते है। हमारी सोच सारी मिलती है आपस में।
गौरव: क्यों नहीं। बिल्कुल आज से हम दोनों बेस्ट फ्रेंड।
मैं: चलो अब खुल कर बात करते है फिर। कुछ छिपाने के जरूरत नहीं। वैसे सच-सच बता, तुमने मुझे देखते ही अचानक फोन क्यों बंद कर दिया?
गौरव: देखना चाहोगे?
मैं: बिल्कुल, दिखाओ?
गौरव ने अपना फोन खोला तो मैं देखता हूं कि उसके फोन की गैलरी में केवल पोर्न ही पोर्न थी। ज्यादातर पोर्न देसी थी।
मैं: वाह भाई, पोर्न लवर हो तुम?
गौरव: हां भाई मुझे पोर्न बहुत पसंद है।
मैं: भाई मुझे भी।
मैंने मेरी भी गैलरी दिखाई तो वो भी नंगी तस्वीरों से और पोर्न से भरी पड़ी थी।
गौरव: तुम्हारी पसंदीदा पोर्न कैटेगरी कौन सी है?
मैं: भाभी देवर सेक्स, फैमिली सेक्स और खास कर स्टेप मॉम वाली वीडियो मुझे बहुत पसंद है।
गौरव: वाह भाई, ये सभी ही तो मुझे भी पसंद है। सच बताऊं तो मुझे फ्रेंड की मॉम के साथ सेक्स वाली सबसे ज्यादा पसंद है, और फ्रेंड की वाइफ के साथ सेक्स भी बहुत मजेदार है।
मैं: उफ्फ भाई, उनमें तो सबसे ज्यादा मजा है। वैसे एक बात पूछूं?
गौरव: पूछो।
मैं: कभी असली में ट्राई किया है ऐसा कुछ?
गौरव: नहीं भाई, ये सब देखने में ही अच्छा लगता है, बस मुझे आंटियों के साथ करने का बहुत मन है।
मैं: भाई खुल कर बोलो अब तो।
गौरव: भाई बड़े चूतड़ देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता है। कोई भी आंटी हो अगर देखने में मजेदार है तो मेरा खड़ा हो ही जाता है।
मैं: भाई मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही है। वैसे एक बात बोलूं?
गौरव: बोलो भाई।
मैं: देखें कोई वीडियो?
गौरव: अभी?
मैं: हां, अभी क्यों नहीं?
गौरव: नहीं भाई, मेरी मम्मी बाहर ही है।
मैं: फिर क्या हुआ, आंटी को कह देंगे कि तुम यही हो थोड़ी देर।
गौरव: अच्छा। चलो ठीक है कुंडी लगा दो गेट की।
मैं गेट की कुंडी लगा कर आया और गौरव ने तब तक एक मस्त वीडियो निकाल ली थी, जो फ्रेंड की मॉम के साथ सेक्स वाली ही थी। करीब 5 मिनट बाद ही सरोज ने आवाज लगाई कि आ जाओ बेटा चलते है घर पर। मैंने कहा कि आंटी गौरव थोड़ी देर में आ जाएगा।
सरोज: बेटा मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
सरोज कोमल से गले लग कर बाय कहती है और चली जाती है। मैं और गौरव अंदर रूम में जाकर फिर से वीडियो देखने लग जाते है और वीडियो को हमने पूरा देखा।
गौरव: भाई लंड पूरा खड़ा हो चुका है। अब रहा नहीं जा रहा।
मैं: भाई मेरा भी पूरी तरह कड़क है।
गौरव ने अपना लंड पेंट से निकाल लिया और उसके लौड़े की नसें बिल्कुल टाइट हो चुकी थी और पूरी तरह गीला हो चुका था उसका लंड। करीब पांच इंच और नौ सेंटीमीटर लंबा उसका लंड साफ-साफ ये कह रहा था कि वह चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था। मैंने भी अपना लंड निकाला और करीब छह इंच लंबे मेरे लंड को देख कर गौरव बोला।
गौरव: भाई तेरा लौड़ा भी पागल हुआ पड़ा है।
मैं: बिल्कुल भाई, मेरा मन है अभी के अभी किसी को पकड़ कर चोद डालूं।
गौरव: भाई मन तो मेरा भी कुछ ऐसा ही है। क्या करें?
मैं: क्या कर सकते है, मुठ मारते है साथ में।
गौरव: एक-दूसरे की मुठ मारे?
मैं: भाई ऐसा कैसे करें?
गौरव: भाई रोज रोज मुठ मार कर बोर हो चुके है। देखो हम एक-दूसरे का दूध निकालेंगे ताकि मजा ले सके।
मैं: भाई कह तो तू ठीक रहा है। आजा करते है ऐसा।
गौरव: नंगे हो जाते है पहले।
हम दोनों ने कपड़े निकाले। हम दोनों डॉगी स्टाइल में यूं हो गए जिससे मेरा मुंह उसके लंड की तरफ और उसका मुंह मेरे लंड की तरफ हो गया। फिर गौरव ने मेरा लंड पकड़ा और सहलाने लगा बिल्कुल जैसे किसी गाय का दूध निकल रहा हो। ऐसा करने से मुझे बहुत मजा आने लगा और मैंने भी गौरव का लंड पकड़ लिया और उसे गाय के थन की तरह पकड़ कर सहलाने लगा। ऐसा करने से हम दोनों को बहुत मजा आया।
गौरव का लंड पकड़ कर मुझे उसके लौड़े की रंगों में दौड़ रहे खून का अहसास हो रहा था। थोड़ी देर ऐसा करने से गौरव ने अपना सारा माल मेरे हाथों पर गिरा दिया और मैंने अपना सारा दूध उसके हाथों पर।
गौरव: मजा आया?
मैं: अकेले मुठ मारने से तो ये काफी बेहतर था।
ये सफर यू हीं जारी रहेगा। बने रहिए मेरे साथ क्योंकि आगे आपको चुदाई भरा समुद्र देखने को मिलेगा। मेरी मां की चुदाई ज्यादा दूर नहीं।
अपने अपने सुझाव मुझे अवश्य भेजिए और जिसे भी मेरे साथ जुड़ना है और असली में दोस्ती करनी है वो सब मेल जरूर करें। मेरी मेल- writersamaragarwal@gmail.com