Meri Didi Ki Garam Jawani – Part 6

This story is part of the Meri Didi Ki Garam Jawani series

    मित्रो, एक प्यासा इंसान तब तक प्यासा रह सकता है, जब तक की उसे प्यास बुझाने के लिए संसाधन ना मिले। अगर उसे पानी या दूध मिले तो वो भला प्यासा क्यों रहे, ठीक ऐसा ही हाल मेरा और मेरी दीदी रिया का था।

    हम दोनों जवानी के मजे लेने में लगे हुए थे, रिया २३ साल की खूबसूरत लड़की है। तो दीपक २१ साल का जवान लड़का है। रिया की छरहरी बदन का क्या तारीफ करूं, उसकी लंबाई ५’६ फीट तो कमर पतली, बाल लंबे और घने तो चूची सुडौल है।

    मानो नारंगी का जोड़ा छाती पर रख दिया हो, और चुतर एक दम गोल गुंबदाकार है। उसकी मोटी चिकनी जांघों का दीदार सब को नहीं होने वाला था, और जांघों के बीच का हिस्सा वहीं तो जन्नत है।

    एक दम फूली हुई बुर और गद्देदार फांक, लालिमा लिए इस चूत को चाटना हो या चोदना। कोई भी इस काम में पीछे नहीं रहेगा।

    दीपक का कसरती बदन और लम्बा बदन (६’० फीट) जो किसी भी लड़की या औरत को रिझाने के लिए काफी है। जबकि उसका लंड ७-८ इंच लम्बा और २ इंच मोटा है, लेकिन देर तक बुर में टिकने की छमता उसमे है।

    आज सुबह जब दीदी कॉलेज के लिए तैयार हो रही थी, तभी मै उनके कमरे में जाकर उसे बोला।

    मै – मुझे भी आज कॉलेज जाना है, साथ चलोगी?

    रिया – ओह तो कौन सा ड्रेस पहनूं आज मैं?

    दीपक – जो तुम्हे आरामदायक लगे।

    और वो मेरे इशारे को समझ गई, फिर दोनों कालेज के बहाने घर से निकले और रिया मेरे बाईक के पिछले सीट पर बैठ गई। वो दोनो पैर को एक ही दिशा में करके मेरे कंधे पर हाथ रखे अपने स्तन को पीठ पर से सटा कर बैठी थी।

    उसका दूसरा हाथ मेरी कमर पर था, मै बाईक तेजी से चला रहा था। तो रिया जानबूझ कर मेरे पीठ से अपने चूची को दबाने लगी, और मै उसकी इस हरकत से मस्त हो रहा था। कुछ देर के बाद हम दोनो कानपुर के बाहरी इलाके में पहुंच गए।

    फिर मै दीदी को एक होटल में लेकर गया, ये जगह कानपुर दिल्ली हाईवे पर है। और होटल में जगह ३-४ घंटे के लिए भी मिल जाता है। होटल के अतिथि कक्ष पहुंचा और एक वातानुकूलित कमरा शाम तक के लिए मैंने लिया था।

    दीदी थोड़ी संकोच में थी, लेकिन फिर हम दोनों कमरे में दाखिल हो गए। बाद में मैंने होटल स्टाफ को बुलाया और कुछ सामान ऑर्डर किया, एक छोटे से कमरे में हम दोनों बेड पर बैठे हुए थे।

    वक्त सुबह का १०:३५ हो रहा था और जब लड़का कुछ सामान देकर चला गया। तब मैंने दरवाजा बंद किया, रिया बेड के किनारे बैठी थी और मै उसके सामने खड़ा था। तो उसने मेरे लंड के उभार को पकड लिया।

    मैं – आउच इतने जोर से मात दाबाओ यार।

    रिया मेरी जींस खोलने लगी और वो बोली – साले बहुत फड़फड़ा रहा है आज मैं तुझे बताती हूं।

    दीपक – इतनी गर्मी है तो आज होटल के स्टाफ को भी तेरे चुदाई की दावत देनी होगी।

    फिर रिया मेरी जींस को खोल दी और फिर वो भी खड़ी हो गई, वो मेरे सीने से चिपक कर मुझे चूमने लग गयी। तो मेरा हाथ उसके चूतड़ पर फिसलने लग गया, अब मेरी दीदी मुझे कसकर पकड़ रही थी।

    और वो मेरे ओंठो को मुंह में भरकर चूस रही थी, मेरे छाती को उसके गुदाज चूची का एहसास मिलने लग गया था। और वो मेरे जीभ को चूसते हुए मुझसे लिपट कर खड़ी थी। अब मेरा लंड खड़ा हो गया था।

    और मेरा हाथ रिया की कमर पर आ गया था, तो मैंने दीदी की स्कर्ट को नीचे की ओर खींच दिया। अब उनकी स्कर्ट रिया की जांघों तक जा पहुंची थी, फिर हम दोनों गरम होने लग गये, अब मै अपना होंठ उनके मुंह से निकाल लिए।

    तो रिया अपना पूरा मुँह खोल लिया, रिया के इशारे को समझते हुए मैंने उसके मुंह में अपनी पूरी जीभ घुसा दी। और वो मेरे जीभ को चूसते हुए मेरे चूतड़ को सहला रही थी, मुझे दीदी की चिकनी गान्ड का स्पर्श मिलने लग गया।

    हम दोनों एक दूसरे की बाहों में समाए मजे ले रहे थे, फिर मेरा हाथ दीदी की पेंटी की हुक को पकड़ने लग गया था और अंततः रिया की पेंटी और मेरा कच्छा खुल चुका था।

    रिया अब मेरे जीभ को छोड़ दिया, और अब वो बेड के बीचोबीच आ गयी। तभी रिया मेरे शर्ट उतारने लग गयी, तो मैने उसके टॉप्स और ब्रेसियर को उतार दिया। अब हम दोनों पूर्णतः नग्न हो गये थे

    तो रिया मेरे लंड को पकड़ कर बोली – क्या समान मंगवाया था?

    दीपक – बियर और सिगरेट पियोगी क्या?

    रिया – हाँ क्यों नहीं, जब तेरा सिगार मुंह में ले सकती हूं तो फिर उसमे क्या दिक्कत है?

    और फिर मैंने बियर का एक केन खोला और हम दोनों एक ही केन से पीने लग गये। मैने सिगरेट जलाकर उसको केन थामया और दूसरा केन खोलने लग गया। अब दोनों बियर पीते हुए मस्त थे तो दीदी मुझे सिगरेट पीने को दी और वो मेरे लंड को थामकर हिलाने लग गयी।

    कुछ देर बाद बियर का केन खाली हुई, अब रिया ने मुझे बेड पर धकेल दिया। और वो बड़ी बहन की तरह खुद ही अपनी हरकत करने लग गयी, मै बेड पर टांग सीधे किए लेटा हुआ था। तो रिया मेरे बदन पर सवार हो गई, वो अपने चेहरे को मेरे लंड की ओर करने लग गयी।

    फिर उसने अपनी गान्ड को मेरे चेहरे के ऊपर रख दी, अब उसके दोनों पैर दो दिशा में थे। तो दीदी मानो मेरे ऊपर कुतिया बन गयी थी। मैने दीदी की चूत का दीदार किया और उसके चूतड़ को सहलाने लग गया।

    मैं उसकी बुर पर होंठ लगाने लगा, और बुर को चूमता हुआ मस्त होने लग गया। रिया मेरे लंड के चमड़े को खींचकर सुपाड़ा को अपने ओंठो पर रगड़ रही थी। तभी रिया की बुर को चूमकर मैंने अपनी उंगली की मदद से बुर के छेद को फैलाया।

    अब मैंने सर को थोड़ा ऊपर किया, और मैंने दीदी की कमर को कसकर पकड़ रखा था। फिर मैंने बुर में जीभ घुसा दी, और मैं बुर चाटने लगा गया।

    तो दीदी मेरे लंड के २/३ हिस्से को अपने मुंह में भरकर चूस रही थी, दोनों काम क्रिया में लीन थे। दीदी अब अपने सर का झटका लंड पर दे देकर मुखमैथुन करने लगी, तो मै भी रिया की बुर को कुते की तरह लपालप चाटने लग गया।

    कमरे में दोनों की मधुर सिसकने की आवाज ‘’आह और चूसो बे रण्डी उह ऊं आह चाट बे कुत्ते।” ऐसी मस्त आवाज आ रही थी। और फिर मैने रिया की बुर को चाटना छोड़ दिया, तो दीदी मेरे लंड को जीभ से चाटने लग गयी।

    अब मेरा बदन पूरी तरह से गरम हो गया था, तो लंड भी लोहे की गरम सलाख बन चुका था। अब सिर्फ चुदाई बाकी थी, पल भर बाद रिया मेरे बदन पर से उतर कर वाशरूम भागी। तो मै भी अंदर घुस गया, मैंने देखा कि वो बैठ कर मुत रही थी।

    तो मैने भी पेशाब किया और हम दोनों बेड पर आ गए। रिया अब बिस्तर पर लेट गई तो मै उसके दोनों पैर को दो दिशा में करके बुर को निहारने लग गया। उसकी बुर की चमक के साथ दर्रार स्पष्ट दिख रही थी।

    तो मै अब उसके दोनों जांघों के बीच लंड थामे बैठा हुआ था, फिर मैंने एक तकिया उसकी गान्ड के नीचे डाल दिया। अब बुर और लंड एक दूसरे को निहार रहे थे, तो मै लंड के सुपाडे को बुर में घुसाने लग गया।

    रिया की चूत गरम और सुखी थी, तो धीरे धीरे आधा लंड बुर में मैंने पेबस्त कर दिया। फिर मैंने रिया की कमर को थामा, और मैंने एक जोर का झटका बुर में दे दिया। तो मेरा लंड बुर को चीरता हुआ अंदर चला गया, और उसकी चिंक्ख और वो बोली।

    रिया – उई मां बुर का भर्ता करेगा क्या बे साले कुत्ते आराम से कर ना।

    दीपक ने अग्ला धक्का दिया और वो बोला – जरूर बे रण्डी तेरी बुर को तो मै आज गुफा बना दूंगा।

    अब मेरा लंड गरम बुर में चिकने पथ पर दौड़ लगाने लगा गया, तो रिया की आंखें बंद हो गयी थी। फिर मैं उसकी एक चूची को मसलता हुआ मस्त था, करीब ३-४ मिनट तक चोदने के बाद रिया चिल्ला उठी।

    रिया – हाई अबे मादरचोद जोर से चोद ना पानी आने वाला है।

    अब मेरा लंड पूरी गति से बुर को चोद रहा था, कुछ धक्के के बाद उसकी बुर रस फेंकने लग गयी। और अब गीली बुर को चोदने में “फच फचा फाच “की आवाज आ रही थी। फिर मैंने दीदी की बुर में से लंड निकाल लिया।

    रिया के मोटे चिकने जांघों के बीच मैंने अपना चेहरा लगाया और बुर को फलकाकर जीभ से रस का स्वाद लेने लग गया। वो अपने चूतड़ को ऊपर कर रही थी, मानो मेरे मुंह को अपनी बुर में घुसा लेगी।

    तो मै बुर के रस को चाटता रहा और मेरा लंड कुछ पल के लिए आराम करने लग गया। दीदी की बुर का रस नमकीन था, तो मै उसे चाटता रहा और रिया मेरे बाल को कसकर थामे सिसक रही थी।

    रिया – हाई बे बुर चोद अब लंड क्या तेरा लंड तेरी मां की बुर में घुसा हुआ है। चोद चोद बे साले मादरचोद चोद मुझे।

    ये सुनकर मेरा दिमाग गरम हो गया, और मैने रिया को बेड पर कुतिया बना दिया। वो अपने घुटने और कोहनी के बल शरीर को संतुलित कर रखी थी, तो मै घुटने के बल उसकी गान्ड के सामने बैठा हुआ था।

    मैं रिया के मदमस्त चूतड़ को निहारता हुआ, अपना लन्ड पकड़ कर बुर में पेलने लग गया। रिया सर घुमाकर मुझे देख रही थी, तो मैने थोड़ा सा लंड घुसते ही एक जोर का धक्का मार दिया। तो रिया मुस्कुरा दी, और मैने उसकी कमर को पकड़ा।

    मैंने फिर से जोर का झटका बुर में दे दिया, मैंने अब की बार जानबूझकर तिरछा लंड डाला था। इससे उसे बहुत दर्द हुआ और वो चिलाते हुए बोली।

    रिया – अरे बहन चोद बुर की झिल्ली तो तोड़ ही चुके हो, अब क्या मेरी सुहागरात के पहले बुर को इतना ढीला कर दोगे। कि तेरा जीजा मेरी बुर देख ही मेरे चुदाई का अंदाज़ लगा ले कि मैं कितनी बड़ी रंडी हूँ।

    दीपक – ओह रिया चुदाई के वक़्त अपनी शादी की बात मत किया कर ।

    अब मेरा लंड रसीली चूत को दे दनादन पेल रहा था, तो बिना बुर और लंड के गरम हुए लंड का माल फेंकना संभव ही नहीं था। तो रिया एक चुद्कर लड़की की तरह अपने चूतड़ को हिलाने लग गयी।

    हम दोनों चुदाई में मसगुल थे, अब मेरा हाथ उसके सीने से लटके चूची को थामने लग गया। अब तक बुर का रस अब धुंआ हो चुका था, अब असली मर्दानगी दिखाने का वक़्त आ चुका था।

    देर तक नहीं चोदूंगा तो बाद में बोलेगी की तेरे लंड में जान नहीं है, इसलिए मैं आराम से चोदता हुआ। उसके चूतड़ के झटके को सहने लगा गया, साथ ही मैं उसकी चूची को मसल कर मजा ले रहा था और अब रिया बोली।

    रिया – अरे बहन चोद अब बुर में इतनी आग लगी हुई है, जरा बारिश तो कर दे।

    अब रिया की बुर का हाल खराब हो गया था, और मेरा लंड अब झड़ने के करीब था। तो मैं तेज रफ्तार से उसकी चुदाई करने लग गया।

    रिया – ये के बे इस रण्डी को तेरे लंड का वीर्य पीना है।

    और मेरा लंड रस फेंकने लग गया, और मैंने उसकी चूत पूरी गीली कर दी। फिर रिया ने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। उसने उस पर लगा सारा पानी पी लिया।

    फिर आगे क्या हुआ, वो सब अगले भाग में।

    नमस्कार।