कमसिन कली की मस्त चुदाई-3

This story is part of the Kamsin kali ki mast chudai series

    दोस्तों मैं नीरज दिल्ली से, अब मैं अपनी कहानी शुरू करूं इससे पहले मैं आपको कुछ बताना चाहता हूँ । मैं हमेशा दो औरतों को एक साथ चोदने की कल्पना करता था। जब मैं अपनी बीबी मधु को चोदता हूँ तो मैं उसकी सामने दूसरी चूत को चोदने के लिये बात करता हूँ ,इससे मधु को और ज्यादा जोश आ जाता है।

    लेकिन ये बात चुदाई के बाद खत्म हो जाती है। मैने कभी सच मे ऐसा करने का कोई प्रयास नहीं किया। ये बात बस मेरी कल्पना तक रही।
    दूसरी बात मुझे हमेशा यही लगता था ये पोर्न फिल्म में ही होता है, या फिर आप किसी को पैसे देकर ऐसा कर सकते हो । मगर 2019 मेरे लिए चुदाई के मामले में जबरदस्त रहा।

    2019 में जो अनुभव मुझे हुए वो पहले कभी नहीं हुए।

    जो मेरी कल्पना थी वो सच हुई पहले ओली की चुदाई और फिर पल्लवी की और अब आगे बताता हूँ..

    मैं पल्लवी को घोड़ी बना कर चोद रहा था, और तभी दरवाजा खुला और अदीला अंदर आई। पलव्वी और मैं चौंक गये।

    पल्लवी उठना चाहती थी पर मैने उसकी कमर को कस के पकड़ लिया। मैंने उसे चोदना जारी रखा। अदीला हम दोनों को ही देख रही थी चुपचाप ।

    मैं पल्लवी को चोद रहा था पर मेरी नज़रे अदीला पर ही थी। उसकी नज़रो में मुझे चुदाई की भूख दिख रही थी। मैं उसे देखकर मुस्करा रहा था।

    मैंने अपने झटके बहुत तेज़ कर दिये ,इतने तेज़ की बेड भी हिलने लगा।

    पल्लवी- अंकल ये क्या, मेरी चूत फट जाएगी।

    मग़र मुझ पर उसकी बात का कोई असर ना हुआ। मैं उसे वैसे ही चोदता रहा। थोड़ी देर में वो झड़ गई और मैंने भी अपना माल उसकी चूत में निकाल दिया।

    फिर मैंने पल्लवी की कमर को छोड़ा और वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गई। मैं अभी उसी पोजीसन में था, मेरा लन्ड अभी भी कड़क था, जो

    पूरी तरह से लन्ड और चूत के माल से लतपथ था।

    अदीला की नज़रे अब मेरे लन्ड पर टिक गई थी, वो आगे बढ़ी औऱ मेरे पास आ गई।

    अदीला- तो तुम मुझे चोदना चाहते हो, कैसे चोदोगे मुझे।

    मैं उसकी आँखों में देख रहा था।

    उसने एक सफेद टॉप पहना हुआ था जो उसकी कमर तक था। नीचे उसने एक प्रिंटेड शार्ट पहना हुआ था।

    फिर वो आगे बढ़ते हुए घूमकर बेड के दूसरे तरफ से बेड पर चढ़ गई।

    वो बेड की बैक से पीठ लगा कर बैठ गई, फिर उसने मुझे एक कातिल मुस्कान दी। अब तक पल्लवी भी उठकर बैठ गई थी, उसकी चूत से मेरे लन्ड का और चूत का माल रिस रहा था।

    अदीला- तुम मुझे चोदना चाहते हो, इधर आओ।

    उसने अपनी टाँगे खोल दी। उसने अपने चूतड़ उठाकर अपना शार्ट उतार दिया। अंदर उसने काली रंग की पेंटी पहन रखी थी। मैं उसकी तरफ बढ़ा।

    वो मुझे मदहोश निगाहों से देख रही थी। उसने नज़रो से ही मुझे अपनी चूत चाटने का इशारा किया। मैं उसकी चूत की तरफ झुका। उसकी पैंटी में गीलेपन का पूरा एहसास हो रहा था।

    चूत से कामुक सुगंध आ रही थी। मैंने चूत को चाटने के लिए उसकी पैंटी को एक तरफ हटाना चाहा तो उसने मुझे रोक लिया।
    अदीला- अरे अरे इतनी जल्दी क्या है , मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चाट।

    मैं उसे देखकर मुस्कराया। मैं उसकी कि चूत को पेंटी के ऊपर से ही चाटने लगा। अदीला ने एक सिसकी भरी और अपनी आँखें बंद करके मजे लेने लगी। वो अपनी एक उँगली चूस रही थी और एक हाथ मेरे सर पर फिरा रही थी।

    मैं उसकी चूत की खुश्बू से पागल हो रहा था। मैं उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चाट रहा था पर अदीला की सिसकियों से पता चल रहा था वो बहुत उत्तेजित हो रही थी। मगर शायद वो अभी झड़ना नहीं चाहती थी उसने मेरा सर हटाया।

    अदीला- अभी इतनी जल्दी क्या है जनाब?

    फिर उसने अपना टॉप उतार दिया, उसके मस्त बूब्स नंगे हो गये, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसके बूबस एक दम गोल गोल थे ।

    फिर अदीला ने एक अंगड़ाई ली। उसने अपनी बगल मेरे सामने की जो एक दम साफ थी।

    अदीला – चाट इसे,

    मैं- अदीला बेबी मैं तो तुझे तो सर से पांव तक चाट डालूँ।

    मैं उसकी बगल को चाटने लग गया।

    पल्लवी हम दोनों को देख रही थी, उसे जैसे समझ ना आ रहा हो कि ये क्या हो रहा है। मगर उसे देखकर लग रहा था वो भी मज़े ले रही है।
    मैं अदीला की बगल को चाटते चाटते दूसरी तरफ पहुँचा और चाटने लगा। अदीला के मुँह से मादक सिसकियां निकल रही थी।

    फिर उसने मुझे नीचे लेटने को बोला, मैं बिस्तर पर लेट गया।

    अदीला पल्लवी से बोली- तू क्या देख रही है चल इसका लन्ड चाट।

    पल्लवी जैसे नींद से जागी हो, उसने मेरे लन्ड की तरफ देखा जो एकदम कड़क हो रखा था। लन्ड उसकी चूत और वीर्य से लतपथ था।

    पल्लवी शायद ऐसे में लन्ड को चाटने में झिझक रही थी।

    अदीला- सोच क्या रही है, जब ये मेरी चुदाई के लिए बोल रहा था तब तो तू बहुत मज़े ले रही थी।

    पल्लवी- दीदी चाटती हूँ,

    फिर पल्लवी मेरे लन्ड को चाटने लगी, पहले वो अनमने ढंग से चाट रही थी पर धीरे धीरे उसे मजा आने लगा।

    मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, मेरी कल्पना आज अपने आप साकार हो रही थी।

    अदीला अपनी चूत को मेरे मुँह पर ले आई, उसने अपने हाथ बेड की पिछली दीवार पर टिका दिये, उसने अभी भी पेंटी पहनी हुई थी, मैंने एक

    उँगली से उसकी पैंटी को सरकाया , इस बार अदीला ने मना नहीं किया।

    उसकी चूत एक दम चिकनी थी, जो पूरी गीली हो रखी थी। मैं उसकी चूत को जीभ की नोंक से चाटने लगा।

    अदीला- ओह चाट मेरी चूत , बहुत दिन से चूत प्यासी है, चाट इसको।

    इधर मैं अदीला की चूत चाट रहा था उधर पल्लवी मेरा लन्ड चूस रही थी। जन्नत क्या होती है मुझे नहीं मालूम, मगर मैं अपने आप को सातवें आसमान में महसूस कर रहा था।

    अदीला की सिसकारियां बढ़ने लगी।

    अदीला- आह हाँ चाट मेरी चूत, चोद दे मुझे जीभ से, आह चाट चाट।

    मैं- अदीला मैं तो तेरी चूत को ऐसे चोद दूँगा की उम्र भर याद रखेगी।

    मैंने उसकी चूत को खोला और उसके दाने को चाटने लगा। अदीला का सब्र अब खत्म हो रहा था। थोड़ी देर में उसका बदन झटके लेने लगा, कमरे में अदीला की मादक सिसकियाँ गूंज रही थी। उसकी चूत से उसका कामरस बहने लगा।

    मैं भी इतने जोश में था कि मैं उसके कामरस का रसपान करने लगा। थोड़ी देर बाद अदीला मेरे ऊपर से हटी, पल्लवी अभी भी मजे से मेरे लन्ड को चाट रही थी।

    अदीला ने मुझे बोला- तुम अब पलव्वी की चूत चाटो, उसकी चूत भी तड़प रही होगी।

    मैं- हाँ क्यों नहीं।

    पल्लवी अब बेड के बैक से टिक कर बैठ गई, उसने अपनी टाँगे खोल दी थी। मैं घुटनों के बल बैठा और फिर झुककर पलव्वी की चूत चाट ने लगा।

    उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी। पहले मैं उसकी चूत के फाँके चाटने लगा।

    उधर अदीला मेरे पीछे आ गई, वो मेरे अंडो को चाटने लगी , मेरा लन्ड पहले से पूरी तरह से कड़क हो गया था, फिर अदीला धीरे धीरे ऊपर को बढ़ी, और वो मेरी गाँड़ के छेद को चाटने लगी।

    उसकी इस हरकत से मैं चौंक गया, ऐसा किसी ने मेरे साथ पहले नहीं किया था। मगर मैं उसे कुछ नहीं बोला और इस नए अनुभव का आनंद लेने लगा।

    इधर पल्लवी भी मदहोश हो रही थी, पहले वो अपनी सिसकियाँ दबा रही थी मगर अब उसकी सिसकियाँ भी बढ़ने लगी थी।

    अदीला ने पहले मेरे छेद को अच्छे से चाटा ,फिर वो अपनी जीभ के नोंक से मेरे गाँड़ के अंदर करने लगी, मेरे पूरे शरीर मे सिहरन दौड़ गई, मुझे लग रहा था मेरा लन्ड ऐसे ही झड़ जाएगा।

    मैंने पलव्वी को और जोर से चाटने लगा, मैं अपनी दो उँगली उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और उसके दाने को चाटने लगा,

    पल्लवी- अंकल तू मुझे पागल करके छोड़ेगा, और जोर से चाट। मैं जोर जोर से पलव्वी की चूत चाटने लगा।

    उधर अदीला ने अपना सिर मेरी टाँगों के बीच डाला, और मेरा लन्ड चुसने लगी।

    दोस्त सच बताऊँ मुझसे अब बर्दास्त नहीं हो रहा था ,मैं पल्लवी की चूत में जोर जोर से उँगली अंदर बाहर करने लगा और उसके दाने को भी जोर जोर से चाट रहा था।

    अदीला भी मेरे लन्ड को चूस रही थी

    सब इतना उतेजन्ना भरा था कि ,

    पल्लवी- अंकल मुझे हो रहा है, मैं झड़ने वाली हूँ आह आह अंकल मैं झड़ रही हूँ, आह आह

    और पल्लवी झड़ गई , उसके कुछ सेकण्ड्स बाद मैं भी अदीला के मुँह में झड़ गया, अदीला ने मेरे माल की एक एक बूंद को चाट लिया।

    फिर हम तीनों नंगे बिस्तर पर लेटे गए, मेरे एक तरफ अदीला और एक तरफ पल्लवी लेटी हुई थी।
    कहानी जारी रहेगी

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