Drishyam, ek chudai ki kahani-30

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series

    मैं तो भोली गँवार गवालन थी। तुमने मैं की लत क्यों डाली?

    कई बार जब अर्जुन घर में होता और इंटरनेट पर लगा रहता था तो आरती अर्जुन के सामने आ कर बैठ जाती और अर्जुन से पूछती की शादी के बाद अर्जुन दो सौतन और क्यों लाया? पहली सौतन अर्जुन का काम और दूसरी सौतन इंटेरनेट।

    जब अर्जुन कुछ जवाब ना देता तो आरती गुस्से में कहती “अगर तुम मेरे लिए सौतन लाते हो तो फिर तैयार रहना मैं भी तुम्हारे लिए सौतेला पति ले आउंगी। मेरे दूसरे पति से मेरी चुदाई जब होगी तो फिर तुम अपने बिस्तर में पड़े पड़े मेरी सिसकारियां और कराहटें सुनते रहना। फिर शिकायत मत करना”

    जब आरती ने अर्जुन से सौतेला पति लाने की बात कही तो उसे सुन कर घबड़ा ने या चिंता करने के बजाय अर्जुन का लण्ड उसके पयजामें में ही खड़ा हो गया था। अर्जुन के दिमाग में जैसे विचित्र उन्माद का बवंडर सा फुट पड़ा।

    उसे वह वाक्या याद आया जब उसके चाचा के घर के पड़ोस में नयीं नवेली दुल्हन बड़ी ही सजधज कर आयी थी और रात में कैसे उसकी चुदाई के दरम्यान उसकी कराहटें और सिकारियाँ सुन कर अर्जुन मुठ मार कर अपना वीर्य निकाल देता था। अर्जुन वह कैसे भूलता जब सिम्मी की कालिया ने नयी नवेली दुल्हन बनाकर पूरी रात भर जो तगड़ी चुदाई की थी?

    आरती की सौतेला पति वाली बात सुन कर अर्जुन ने आरती को उस रात नंगी कर ऐसा जबरदस्त चोदा की आरती भी सोचने लग गयी की उसके पति को क्या हो गया? चुदाई करते हुए जब अर्जुन आरती की सख्त चूत में अपना लण्ड पेले जा रहा था तब उसने आरती से पूछा, “देख, मैं तेरी गीदड़भबकियों से डरता नहीं हूँ। पर तू सच सच बता क्या तुझ में हिम्मत है किसी मर्द से चुदवाने की? तू बोल अगर मैं कहूंगा तो क्या तू किसी गैर मर्द से चुदवायेगी?”

    आरती भी चुदाई से एकदम उत्तेजित हो कर अर्जुन की उत्सुकता को देख कर सोचने लगी की अगर अर्जुन को उसे चुदवाने की बातें करने में इतनी जबरदस्त उत्तेजना मिलती है तो बात करने में क्या जाता है? यह देख कर आरती चुदवाती हुई बोल पड़ी, “मैं क्या कहूं, बोलो? अगर आप इसी तरह बाहर घूमते रहे, हफ़्तों तक मुझसे दूर रहते रहे और मेरी इन दो सौतनों से प्यार करते रहे तो बताओ घर में बैठी बैठी अकेली मैं क्या करुँगी? अब तुम मुझे खुद ही पूछ रहे हो तो मैं क्या कहूं? आखिर मेरी भी तो कुछ जरूरतें हैं? अगर तुम मुझे चुदवाने के लिए कहोगे तो मैं जरूर चुदवाउंगी। फिर यह मत कहना की मैं तुम्हारे हाथ से निकल गयी।”

    यह सुन कर अर्जुन से अपना जोश रोका नहीं गया और आरती की चुदाई करते हुए ही ऊसके वीर्य का फव्वारा आरती की चूत में फुट पड़ा। आरती भी अपने पति का गरमगरम वीर्य को अपनी चूत में पाकर मचल उठी। हालांकि आरती उस रात झड़ नहीं पायी पर उसे बहुत अच्छा लगा की उसका पति काफी देर बाद पहली बार उसे इतनी शिद्द्त से चोद रहा था।

    अर्जुन आरती के रवैये को देख मन ही मन में खुश हुआ। उसे आरती की उन कोरी गिदडभबकीयों से कोई डर नहीं था। अर्जुन भलीभांति आश्वस्त था की कुछ भी हो जाए, आरती उसे छोड़ कहीं नहीं जा सकती। हालांकि आरती की शिकायत गलत भी नहीं थी। अर्जुन आरती की चुदाई करने के लिये भी समय नहीं निकाल पाता था।

    कारोबार में अर्जुन इतना ज्यादा व्यस्त हो गया। उसने अलग अलग शहरों में ठेके लिए और काम चालु कर दिया। अब उसे महीने में कम से कम एक या कई बार दो हफ्ते बाहर रहना पड़ता था। काम के दबाव से अर्जुन जब थक कर घर आता भी था तो उसे होश नहीं रहता था की वह अपनी बीबी को चोदे और उसकी शारीरक भूख मिटाये। अर्जुन यह भलीभाँति जानता था की आरती की भी शारीरिक ज़रूरियाते हैं। पर क्या करे? काम कर के पैसे तो कमाने ही पड़ते हैं।

    हालांकि आरती शिकायत जरूर करती रहती थी, पर उसे यह भी पता था की हर घर में यही होता है। जो भी उसकी सहेलियां या पड़ोसन थीं उन सब का यही हाल था। बल्कि आरती की माली हालत कई और पड़ोसनों या सहेलियों से बेहतर थी।

    आरती को घर में काम करने का बहुत शौक था। पर अर्जुन ने घर में धुलाई के लिए वॉशिंग मशीन, बर्तन साफ़ करने के लिए डिश वॉशर, घर में सफाई करने के लिए वैक्यूम क्लीनर, पानी गरम करने लिए गीज़र, गर्मी को भगाने के लिए ऐरकण्डीशनर इत्यादि आधुनिक उपकरणों को बसाये थे। ऊपर से घर में काम काम वाली भी आती थी। आरती की जिंदगी बड़ी ही आराम दायक थी। आरती को अर्जुन ने एक बढ़िया स्मार्ट फ़ोन ले दिया था। आरती भी धीरे धीरे इंटरनेट पर अपनी सहेलियों से चैट करना सिख गयी और चैट करने लगी।

    अर्जुन शादी से पहले और शादी हो जाने के करीब दो साल तक तो सिम्मी की तस्वीर अपनी प्रोफाइल में चिपका कर मर्दों से ऐसे ही स्वांग करता रहा जैसे वह एक लड़की ही थी जो चैट कर रही थी। वह हट्टेकट्टे मर्दों को आकर्षित कर उनकी हरकतों के बारे में, उनके लण्ड कैसे हैं, वह लड़कियों को कैसे चोदते हैं, बगैरह जानने और समझने की कोशिश में लगा रहा।

    अर्जुन को लड़कियों से चैट करने में कोई रस नहीं था क्यूंकि उसे चोदने से ज्यादा किसी लड़कियों को तगड़े लण्ड से चुदवाने का पागलपन था। उस रात जब बातों बातों में अर्जुन की अपनी पत्नी आरती से किसी गैर मर्द से चुदवाने की बात हुई तो अचानक ही अर्जुन के दिमाग में एक जबरदस्त आईडिया आया।

    उसने सोचा क्यों नहीं आरती को ही किसी तगड़े मर्द से मिलाया जाए? बाद में अगर सही सेटिंग हो गयी तो आरती की भी किसी तगड़े लण्ड से चुदवाई कराई जा सकती है।

    उसने सोचा क्यों ना आरती की ही प्रोफाइल फोटो चिपका कर चैट की जाए और अगर अच्छा मौक़ा मिल गया तो किसी सही और तगड़े गैर मर्द से आरती को चुदवाया जाए? इससे एक तीर से कई निशाने सध सकते थे। सबसे पहले अर्जुन को किसी औरत को ढूंढने जाना नहीं पडेगा।

    अर्जुन के अपने ही घरमें एक ऐसी औरत थी जो किसी भी मर्द को आसानी से आकर्षित कर सकती थी। छुटकी भी थी। नाजुक और कमसिन थी। अर्जुन को ऐसी ही औरत से ऐसे मर्द से चुदवाने का भूत सवार था जो औरत से उम्र में बड़ा हो और ऐसी तगड़ी चुदाई करने की काबिलियत रखता हो की वह छुटकी सी औरत को नानी याद दिलादे। सवाल सिर्फ यही था की क्या मछली जाल में फँसेगी? क्या आरती अर्जुन की बड़ी चालाकी से बिछाई जाल में फँसेगी?

    अर्जुन को लगा की उसे सही रास्ता मिल गया था। उसे दो काम करने थे। पहला आरती को ललचा कर थोड़ी बड़ी उम्र के तगड़े मर्द से चुदवाना के लिए राजी करना था और दुसरा ऐसे मर्द को ढूंढना था जिसका लण्ड इतना तगड़ा हो की वह आरती की चूत को फाड़ देने की क्षमता रखता हो और जिसको अर्जुन भलीभांति नियंत्रण में रख सके।

    अब वह पागल की तरह ढेर सारे तगड़े मर्दों से आरती की प्रोफाइल और आईडी बना कर आरती का मुखौटा पहन कर चैट करने लगा। मतलब वह यही जूठ बोलता रहा की वही आरती थी और उसी झूठ के सहारे मर्दों से चैट करने लगा। आरती को इसके बारे में कतई भी खबर नहीं थी।

    खूबसूरत लड़कियों की चुदाई के लिए बेकरार तगड़े मर्दों को और क्या चाहिए? आरती की आईडी पर मेसेजों की भरमार आनी शुरु हो गयी। हर रोज दस पंद्रह सन्देश आने लगे। बड़े तगड़े तगड़े मर्द अपने लण्ड की फोटो भेजते, आरती को मनाने मिन्नतें करते और “तुम्हारे बूब्स कैसे हैं? तुम्हारी चूत तो दिखाओ, क्या तुम मुझसे चुदवाओगी?” इत्यादि सवाल पूछते रहते।

    अर्जुन ने कई बार आरती को पोर्न साइट ब्राउज़ करते हुए छुप कर देख लिया था। अर्जुन भी समझ गया था की आरती को पोर्न देखने में रूचि तो है। अब बस सवाल है उसको ज्यादा खोलना।

    एक बार अर्जुन चार दिन के बाद टूर से वापस आया था। रात को थका हारा नहा धो कर खाना खा कर वह सो गया था। दूसरे दिन छुट्टी थी। सुबह उठ कर तैयार हो कर अर्जुन को नाश्ता बगैरह दे कर सुबह के नित्यक्रम से फारिग हो कर आरती अपने कमरे में चली गयी थी। अर्जुन ड्राइंग रूम में बैठ कर फ़ोन पर काम की बातों में उलझा हुआ था और बिच बिच में अपने फ़ोन पर मेसेज देख रहा था और अखबार पढ़ रहा था। कुछ देर बाद उसे ध्यान आया की आरती वहाँ नहीं है तो वह उठ कर बैडरूम में गया। उसने देखा की आरती अपने कमरे में बैठी बैठी अपने फ़ोन में कुछ देख रही थी।

    अर्जुन चुपचाप दबे पाँव बिना आवाज किये आरती के पीछे जा कर खड़ा हो गया। उसने देखा की आरती कोई पोर्न साइट देख रही थी। पीछे से ही आरती के सर के बालों को चूमते हुए अर्जुन बोला, “जानेमन क्या कर रही हो?”

    अर्जुन की आवाज सुनकर हड़बड़ाती हुई आरती ने फ़ोन बाजू पर उलटा रख दिया और घबराती हुई बोली, “कुछ नहीं। तुम कब आये?”

    अर्जुन चुपचाप आरती के पास जा कर बैठ गया। अपनी छुटकी बीबी को उठाकर अपनी गोद में बिठा कर अर्जुन बोला, “जानेमन चोरीछुपी क्यों यह सब देखती हो? पोर्न देखने में क्या बुराई है? चुदाई सब करते हैं। हम तुम भी तो चुदाई करते हैं। इसमें शर्माने की क्या बात है? जो वाकई में हो रहा है, वही तो यहां दिखा रहे हैं ना? आओ मेरे साथ बैठ कर खुल्लमखुल्ला बढ़िया से बढ़िया चुदाई के सीन देखो। मैं तुम्हें दिखाता हूँ।”

    अर्जुन की बात सुन कर आरती कुछ झेंप सी गयी और अपने आप को सम्हालती हुई हिचकिचाती हुई बोली, “नहीं, ऐसी कोई बात नहीं, मैं थोड़े ही ना यह देखना चाह रही थी? वैसे ही बोर हो रही थी…. तो जब इंटरनेट खोला तो अचानक… यह खुल…..”

    “अरे बाबा, अचानक खोलने की क्या जरुरत है? खुल कर मेरे साथ बैठ कर देखो ना। मैं तुम्हें एक से एक बढ़िया साइट दिखाता हूँ। तुम तो जानती हो, मैं तो इसमें मास्टर हूँ।” अर्जुन ने आरती के स्तनों को सहलाते हुए कहा। यह बात करते हुए अर्जुन का लण्ड उसके पयजामे में खड़ा हो गया।

    अर्जुन ने अपनी बीबी आरती को घुमा कर अपनी बाँहों में ले लिया और आरती के होँठों से अपने होँठ मिलाकर आरती को जबरदस्त चूमने लगा। अर्जुन पिछले दिन ही टूर से वापस आया था और आते ही थका हुआ नहा धो कर खाना खा कर सो गया था।

    आरती चुदाई के लिए कई दिनों से बेकरार थी। अर्जुन के होँठ चिपकाते ही आरती ने भी अपनी बाँहें फैला कर अपने पति को बाहुपाश में बाँध लिया और पति पत्नी एक दुसरे से ऐसे चिपक गए जैसे सालों से ना मिले हों।

    चुम्बन से जब दोनों फारिग हुए तो आरती बोली, “अर्जुन, ना जाने तुम्हारे बिज़नेस के सिलसिले में तुम कहाँ कहाँ घूमते रहते हो? तुम्हें तो बाहर कहीं न कहीं कोई ना कोई रसीली, कटीली मिल ही जाती होगी और तुम्हारी भूख पूरी कर देती होगी, पर मैं घर में बैठी बैठी तुम्हारा इंतजार करते हुए पागल हो जाती हूँ। एक बार मेरी भाभी ने मुझे एक साइट दिखाई थी। तो तुम्हारे बारे में सोचते हुए मैं कभी कभी यह…..”

    अर्जुन ने कहा, “बेबी, क्यों अपने आपको इतनी दोषी महसूस कर रही हो? पोर्न देखने में कोई बुराई नहीं है। नयी नयी चीज़ें देखने का, नए नए प्रयोग करने का हम सब का मन करता है। यह देखो मैं तुम्हें एक चीज़ दिखाता हूँ।” ऐसा कह कर अर्जुन ने अपनी वेब साइट खोल कर सेव की हुई कुछ तगड़े लण्डों की तस्वीर आरती को दिखाई, जो अर्जुन को अर्जुन के नेट वाले दोस्तों ने भेजी थीं।

    पढ़ते रहिये, कहानी आगे जारी रहेगी!

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