तो दोस्तों, अपनी सहेली के कस्टमर से चुदने के बाद मुझे अब चुदाई की लत लग चुकी थी। अब मोहल्ले के लड़कों को मैं रंडी नज़र आने लगी। जब भी बाहर जाती तो गंदे कमेंट्स मुझ पर करते सब। पर मुझे भी अच्छा लगता।
एक दिन मैं बाजार जा रही थी। एक टाइट सलवार और कमीज़ पहने थी, जिससे मेरी गांड उभरी हुई और छाती पर चूची ऊपर तक दिख रही थी। ऐसी मस्त माल बन कर निकली थी मैं। बाजार में बहुत भीड़ थी।
उसी भीड़ का फायदा उठा कर कोई मेरी गांड दबा देता, तो कोई मेरी चूचियां। मुझे भी मजा आ रहा था। इसलिए मैं जहा ज्यादा मर्द की भीड़ होती, वहीं बीच में पहुंच जाती।
तभी किसी ने मेरी चूचियां जोर से दबा दी, और मेरे मुंह से चीख निकल गई। फिर एक हाथ से मेरी चूची पकड़ कर मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मार दिया, और बोला, “रंडी साली मस्त माल है रे।” मेरे कान में बोल गया।
मैं उसका चेहरा नहीं देख पाई, और उस भीड़ में हो गायब हो गया। मैं सोची लो गया हाथ से। मेरी चूत गीली हो गई थी, और चुदने को तड़पने लगी। तभी मैं सब्जी वाले के पास पहुंच गई जिससे रोज़ मैं सब्जी लेती थी। वो रोज मुझे घूरता था और मैं भी उसे अपनी चूचियों का उभर दिखा कर तरसाती थी। पर आज सोची क्यूं ना आज इस सब्जी वाले की मूली ले लूं।
यही सोच कर मैं उसे उकसाने लगी और बोली, “भैया आपकी मूली मे दम नहीं है। बहुत पतला हैं। अब मजा नहीं है।”
सब्जी वाला: अरे भाभी क्या बात कर रही हो! मेरी मूली जैसा कही नहीं मिलेगा, एक बार आजमा कर तो देखिए।
मैं: अच्छा।
सब्जी वाला: हां भाभी जी, कभी मेरे खेत पर आईए, मोटा और बड़ा मूली दूंगा।
मैं: किस मूली की बात कर रही हूं आपको मालूम हैं ना भैया?
सब्जी वाला: हां भाभी जी, मुझे मालूम हैं आपको कौन सी मूली चाहिए। अभी भी मेरे पास है, पर यहां तो नहीं दिखा सकता।
मैं: अच्छा फिर कब?
सब्जी वाला: खेत पर चलिए, वहीं मूली की खेती दिखाता हूं।
दोस्तों इन गरम बातों से मैं गरम हो चुकी थी, इसलिए मैं बोली, “मुझे अभी देखना हैं।” तो वो बोला, “ठीक हैं, दस मिनट रुकिए। अभी ले चलता हूं। दुकान बंद कर दूं।”
फिर वो मुझे वही पास में एक खेत मे ले गया, जहा बहुत तरह की सब्जी लगी हुई थी। गन्ने की भी खेती थी।
मैं: कहां है मूली भैया जी?
सब्जी वाला: दिखा दूंगा पर आपको कौन सी मूली चाहिए?
मैं: वहीं जो हम औरतों को पसंद हैं।
सब्जी वाला: अच्छा तो देखिए ये मूली कैसी हैं?
वहीं एक मूली की थोड़ी सी खेती लगी थी। उसी में से एक मोटा और लंबा मूली दिखाया।
फिर बोला: ये खाकर देखिए, मजा आ जाएगा।
वो मेरे पास आकार बोला और उसकी सांसे मेरे चेहरे पर आने लगी। वहां दूर-दूर तक कोई नहीं था। फिर मैं देखि उसके पाजामे मे तंबू खड़ा था। फिर मेरे हाथ पकड़ कर उसने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, और मेरी चूचियां दबाने लगा।
मैं बोली: ये क्या कर रहे हो भैया, ये गलत हैं (मैं नाटक करने लगी)?
तो वो बोला: भाभी जी क्यूं नखरे कर रही हो? मुझे भी पता आपको कौन सी मूली चाहिए (और मेरा हाथ पकड़ कर अपने पजामे के ऊपर रख दिया)।
कितना मोटा था लंड, और बड़ा भी, ऊपर से ही पता चल रहा था। फिर वो मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिया, और किस्स करने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी, और एक हाथ से उसके लंड को ऊपर से सहलाने लगी। मैं तो गरम हो ही चुकी थी, पर फिर मैं बोली-
मैं: यहां कोई या गया तो?
वो बोला: अरे भाभी आप डरती क्यूं हो? चलो आओ मेरे साथ।
फिर वो मुझे उसी गन्ने के खेत मे ले गया जो पास में ही था। बीच में गई तो देखी खाली जगह थी और धान के पुआल थे। उस पर एक बिस्तर भी लगा था।
मैं बोली: ये क्या हैं?
वो बोला: भाभी जी ये मेरा अड्डा हैं। यही पर आप जैसी प्यासी भाभियां गन्ने या मूली जो पसंद होता है लेती हैं।
फिर मैं बोली: अच्छा जी।
फिर वो मेरे कमीज के ऊपर से मेरी चूचियां दबाने लगा, और और किस्स करने लगा। धीरे-धीरे उसने मेरा कमीज ऊपर करके निकाल दिया, और मेरी चूचियां देख कर बोला, “वाह भाभी, क्या चूची है। इतनी बड़ी और गोरी मुलायम। आज तक ऐसी चूची नहीं देखी।”
और वो जोर जोर से उन पर मुंह रख कर चूसने लगा। मैं उससे चुसवाने लगी। फिर मेरी सलवार उतार दी, और मेरी चूत को सहलाने लगा, और बोला, “मां कसम भाभी क्या मस्त माल हो आप। पर देख कर लगता है आप बहुत चुदक्कड़ हो। कितनों से चुदी हो?”
मैं बोली: तू आम खा गुठली ना गिन भैया।
और मैं उसका लंड पजामे से निकाल दी, और क्या जबरदस्त लंड था। अब मुझसे रहा नहीं गया, और तुरंत उसका लंड अपने मुंह मे लेकर चूसने लगी गप्प गप्प। वो बोला, “वाह भाभी, आपको तो बहुत एक्सपीरियंस हैं। चुसाने का मजा आ रहा है।”
फिर मैं बोली, “मैं अब भाभी नहीं रंडी हूं, समझे? गंदी गाली से चुदाई कर मेरी।”
फिर वो मुझे वहीं बिस्तर पर पटक कर मेरी चूत को चाटने लगा। मैं तो अब सातवें आसमान पर थी। क्या मस्त नजारा था। खुले आसमान के नीचे एक खेत में नंगी मैं ये सोच कर और मेरी चूत गीली हो रही थी।
फिर मैं बोली: अब नहीं रहा जाता, अपना मोटा मूली पेल दो मेरी चूत मे मेरे राजा।
फिर वो उठा, मेरी दोनों टांगों को फैलाया, और अपने कंधे पर रख कर मेरी चूत के मुंह पर लंड रख कर जोर का झटका मारा। क्यूंकि मैं कई बार चुद चुकी थी, इसलिए उसका लंड एक बार में ही अंदर चला गया, पर थोड़ा दर्द भी हो रहा था।
अब वो मेरी चुदाई करने लगा और बोला: क्या मस्त रंडी है रे तू कुतिया, छिनाल, अहह। बहुत मस्त चुदवाती हैं तू।
मैं: और जोर से पेलो मुझे अहह अहह ओह्ह। मैं रंडी हूं तुम्हारी, रखेल हूं। चोदो, फाड़ो मेरी चूत ओह्ह।
वो: हां मदरचोद छिनाल, तेरी आज वो चुदाई करूंगा कि तू रोज सब्जी यही आएगी लेने, और चुद कर जाएगी।
गप्पा गप थप थप की आवाज गूंज रही थी गन्ने के खेत में।
फिर वो बोला: चल रंडी घोड़ी बन (और मैं घोड़ी बन गई)।
वो पीछे से मेरी चूत की चुदाई करने लगा। जोर के धक्कों से मेरी चूचियां हवा में झूल रही थी घंटी की तरह। फिर वो मेरी चूचियां पकड़ कर जोर-जोर से चुदाई करने लगा।
फिर थोड़ी देर बाद मैं बोली: मेरे राजा आपकी रंडी अब खुद आपके लौड़े पर झूलेगी। आप थक गए होंगे।
फिर उसे लेटा कर मैं उसके लौड़े पर बैठ गई और खुद ऊपर-नीचे करके चुदने लगी। सब्जी वाला मजे से मुझे गंदी गालियां दे रहा था, और चूचियों को दबा रहा था।
वो: रंडी कसम से तेरी चुदाई करने में मजा आ रहा हैं। एक नंबर की तू रंडी है। ना जाने कितनों के नीचे आई है तू? मुझे पक्का यकीन है तू शादी से पहले से खेली खाई हुई है।
करीब आधे घंटे बाद वो झड़ने वाला था और बोला: रंडी बोल क्या करेगी मेरे रस का? तेरी बूर मे ही छोड़ दूं या तेरे मुंह में बोल कुतिया क्या करूं?
मैं बोली: बूर में ही छोड़ दो।
और उसका गरम लावा मेरी चूत में फव्वारा छोड़ दिया। उसका लंड निकलते ही ढेर सारा रस बाहर निकालने लगा।
सब्जी वाला बोला: मजा आ गया तुम्हारी चुदाई करके। रोज सब्जी अब फ्री आपके लिए, मेरी रंडी के लिए। पर सब्जी की कीमत चूत से वसूल करूंगा।
मैं भी अपने कपड़े पहन ली, और घर के लिए चल दी। बाजार तक सब्जी वाले ने साथ दिया और बीच-बीच में मेरी चूचियां तो कभी गांड चूत को दबाता। अब तो हफ्ते में एक-दो बार उससे चुदने लगी।
तो दोस्तों कैसी लगी ये कहानी ज़रूर बताए। अगली कहानी में बताऊंगी कैसे मेरा उसी गन्ने के खेत मे गैंगबैंग हुआ।
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