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पुरानी पड़ोसन को जमकर बजाया-2

पुरानी पड़ोसन को जमकर बजाया-1

धुआंधार ठुकाई से आंटी का पानी निकल चुका था। मैं अब भी आंटी को जमकर चोद रहा था। आंटी को बजाने में मेरे लण्ड को अलग ही मज़ा आ रहा था। आज मैं मेरे लंड की कई दिनों की प्यास को बुझा लेना चाहता था।

“आहहह आह्ह सिससस्स आहाहाह आह्ह आहाः ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”

मैं– ओह ऋतू , आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है तुझे बजाने में। आह्ह।

आंटी बुरी तरह से चुद रही थी। मेरा लण्ड आंटी की हालत खराब कर चुका था। मैं अब भी आंटी की जमकर खबर ले रहा था। अब तो आंटी के जिस्म का कतरा कटरा हिल चूका था।

आंटी– ओह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह आहाहा आह्ह।

फिर मैंने बहुत देर तक आंटी को ऐसे ही बजाया। अब मैंने आंटी को पलट दिया।अब मै आंटी के ऊपर फिर से चढ़ गया। आब मैं आंटी के बलाउज को ऊपर सरकाकर उनकी चिकनी पीठ पर किस करने लगा लेकिन आंटी का बलाउज बार बार में राह में रोड़ा बन रहा था। तभी मैंने आंटी का बलाउज और ब्रा खोल फेंकी।

अब तो आंटी की चिकनी पीठ पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मैं आंटी की चमचमाती हुई चिकनी पीठ पर ताबड़तोड़ किस कर रहा था। मुझे आंटी की चिकनी पीठ पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै आंटी की पीठ पर जमकर किस कर रहा था। आंटी खुद को सिमटने की कोशिश कर रही थी।

मैं आंटी को सम्हलने तक का मौका नहीं दे रहा था। मै झमाझम आंटी की पीठ पर किस किये जा रहा था। अब मै थोड़ा ऊपर सरका और आंटी की गर्दन, कंधो पर किस करने लगा। अब मुझे आंटी के कंधो पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै भूखे शेर की तरह आंटी के जिस्म को चुस रहा था।

इधर मेरा लण्ड आंटी की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी मैं आंटी की गांड पर आ गया और फिर उनकी साड़ी के ऊपर से आंटी की गांड पर किस करने लगा। तभी आंटी गांड को इधर उधर हिलाने की कोशिश करने लगी। अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था।

अब मैंने आंटी के पेटिकोट के नाड़े को खोला और फिर एक साथ आंटी की साड़ी और पेटिकोट को खोल फेंका। अब तो आंटी पूरी नंगी हो चुकी थी। अब मै आंटी की हॉट सेक्सी गांड पर टूट पड़ा और फिर ताबड़तोड़ किस करने लगा। आहः! बहुत ही सेक्सी गांड थी आंटी की!मैं टो आंटी की गांड देखते ही पागल सा हो गया।

अब मैं आंटी के गोल गोल चिकने चुतडो पर जमकर किस कर रहा था। मुझे आंटी के चुतडो पर किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आंटी चुपचाप अपनी जवानी लूटा रही थी। मैं जमकर आंटी की जवानी को लूट रहा था।

आंटी–ऊँह ओह सिसस्ससस्स आहाहाह सिसस्ससस्स।

मैं आंटी की गांड पर झमाझम किस कर रहा था। आंटी बार बार गांड को इधर उधर हिला रही थी। थोड़ी ही देर में मेरे थुक से आंटी की गांड पुरी गीली हो चुकी थी। अब मैंने आंटी से घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी आंटी बेड पर घोड़ी बन गई।

अब मैंने आंटी की चूत में लण्ड सेट कर दिया। अब मैं आंटी की कमर पकड़कर उनकी चूत में लण्ड पेलने लगा। अब मुझे आंटी को घोड़ी बनाकर बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।आंटी लम्बी लम्बी सिस्कारिया ले रही थी।

“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह अहाहः आह्ह ओह उन्ह ओह आहाहाह ओह”

मैं– ओह ऋतु आहा! बहुत मज़ा आ रहा है। मैं झमाझम आंटी की चूत में लण्ड पेल रहा था। आंटी बड़े मज़े से अपनी प्यास बुझा रही थी। मै दे दना दन आंटी को चोद रहा था। मेरा लण्ड फूल स्पीड में आंटी की चूत में अंदर बाहर हो रहा था।

“ओह आहः आह्ह आहाहाह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहाः आह्ह आह्ह।”

आंटी मुझे बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थी। मैं आंटी को जमकर बजा रहा था। आंटी फूल चुदाने के मूड में थी। मैं भी आंटी को फूल चोदने के मूड में था। मैं गांड हिला हिलाकर आंटी की चूत में लण्ड पेल रहा था।

“ओह आह्ह आह्ह अहाहः सिससस्स ओह मम्मी, आह्ह अहाहः आहः सिसस्सस्ड।”

मैं आंटी को बजाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रहा था। मैं आंटी को जमकर चोद रहा था। मेरा लण्ड आज आंटी की चूत को फाड़ चूका था। तभी आंटी का एकबार फिर से पानी निकल गया। अब उनकी चूत से पानी नीचे टपक रहा था। मै आंटी को फुल माहौल में बजाये जा रहा था।

“ओह आह्ह आह्ह अआहः ओह सिससस्स आहहह आहः आईईईईई आईएईई ।”

फिर मैंने आंटी को बहुत देर तक घोड़ी बनाकर बजाया। अब मैंने आंटी को वापस बेड पर पटककर सीधा कर लिया। अब मैंने फिर से आंटी की टांगो को हवा में लहरा दिया और उनकी चूत में फिर से लण्ड ठोक दिया। अब मैं आंटी को बाहों में भरकर बजाने लगा।

“आहाहाह आह्ह आह्ह आहाहा ओह सिससस्स आह्ह आहाः अहाहः ओह सिससस्स।”

मैं– ओह ऋतू आहाः,, आज तो मेरे लण्ड को जन्नत मिल गई। आहाहाह।

मैं पुरे जोश में आकर आंटी की जमकर ले रहा था। मेरा लण्ड आंटी की चूत में खूब खलबली मचा रहा था। आंटी को मैं झमाझम चोद रहा था। आज तो मेरा लण्ड आंटी की चूत में जन्नत की सैर कर रहा था।अब मेरा लण्ड जवाब देने लगा था। अब मैंने जोर ज़ोर से आंटी को बजाना शुरू कर दिया।

“आईईईई आईईईईई आईईईई ओह सिससस्स आहाहाह आह्ह आह्ह आईईई।”

तभी धुआंधार ठुकाई के बाद मेरा लंड पानी पानी हो गया और फिर मैंने आंटी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।अब आंटी ने मुझे बाहो में कस लिया। थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे। फिर थोड़ी देर बाद मैंने फिर से आंटी के रसीले होंठो को चूसना शुरू कर दिया।

अब कमरे में फिर से पुच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च ऑउच्च की आवाज़े आने लगी। मैं फिर से कसकर आंटी के बोबो को चुस रहा था। फिर मैंने आंटी के मस्त बोबो को मुँह में भर लिया और बुरी तरह से आंटी के बोबो को चूसने लगा। आंटी चुपचाप मुझे बोबो को चुसा रही थी।

मैं आंटी के बोबो को जमकर चुस रहा था। मुझे आंटी के बोबे चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आंटी के बोबे चूसे। अब मैं सीधा आंटी की चूत पर आ गया। अब मेने आंटी की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया और फिर मैं आंटी की मोटी मोटी जांघो टांगो को मेरे कंधो पर रखकर आंटी की चूत में ऊँगली करने लगा।

अब आंटी फिर से सिस्कारिया भरने लगी।

आंटी– ओह सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह ओह सिसस्ससस्स ओह आहहह।

मैं ज़ोर ज़ोर से आंटी की चूत में ऊँगली कर रहा था। मुझे आंटी की चूत में उंगली करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आंटी बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। वो बार बार इधर उधर हिल रही थी।मै आंटी की चूत में जमकर ऊँगली कर रहा था।

“ओह आहहह आह्ह आहः सिसस्सस् ओह मरर्रर्र गईईईई ओह आहहह।”

मैं– ओह ऋतू आहहह ओह बहुत मज़ा आ रहा है। आहः आहाहाह।

आंटी होंठो को होंठो में दबाकर सिस्कारिया ले रही थी। तभी आंटी ज्यादा देर तक मेरी उंगलियों के प्रहार को झेल नहीं पाई और आंटी का फिर से पानी निकल गया। अब मैंने तुरंत आंटी की चूत पर मुँह रख दिया और फिर ताबड़तोड़ तरीके से मैं आंटी की चूत चाटने लगा।

अब आंटी मेरे सिर को पकड़कर उनकी चूत पर दबा रही थी।मैं आंटी के गरमा गरम पानी को पी रहा था।मुझे आंटी का पानी पीने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह रोहित,,,, उन्ह ओह आह्ह आह्ह ओह और चाट मेरी चूत को। आहाः बहुत अच्छा लग रहा है। उन्ह।”

मैं आंटी की चूत को झमाझम चाट रहा था। आज तो मुझे जन्नत मिल चुकी थी। मैं आंटी की चूत को कसकर चाट रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आंटी की चूत चाटी। अब मैंने फिर से आंटी की चूत में लण्ड ठोक दिया और फिर से आंटी को बजाने लगा।

“आहाहाह आहाः अहाहः ओह सिससस्स आहाहाह आईएईई आईएईई ओह सिसस्ससस्स।”

मैं– ओह ऋतू आहाः! ओह आहाहा।

मैं ताबड़तोड़ आंटी की चूत में लण्ड ठोक रहा था। मेरे लण्ड के हर एक झटके के साथ आंटी के बोबे हिल रहे थे। मैं आंटी की चूत में ज़ोर ज़ोर से लण्ड के झटके मार रहा था।

“ओह आहाहाह आह्ह ओह आह्ह सिसस्ससस्स आहाहाह ओह उन्ह ओह सिसस्ससस्स।”

फिर मैंने बहुत देर तक आंटी को बजाया। अब मै बेड पर लेट गया। अब आंटी तुरंत मेरे ऊपर चढ़ गई। अब आंटी मेरे होंठो को चूसने लगी। वो घायल शेरनी की तरह मेरे होंठो को खा रही थी। मैं आंटी के बालो को सम्हाल रहा था। पुच्च ऑउच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़े फिर से कमरे में गूँजने लगी थी।

फिर आंटी मेरी चेस्ट पर ताबड़तोड़ किस करने लगी। उन्होंने कुछ ही देर में मेरी चेस्ट को किस करके गिला कर दिया। अब आंटी मेरे लण्ड पर आ गई और लण्ड को पकड़कर चूसने लगी। आंटी लॉलीपॉप की तरह मेरे लण्ड को चुस रही थी।

मैं– ओह आंटी आहाः! आप तो पक्की खिलाडी निकली। आहाः मज़ा आ रहा है।

आंटी लबालब मेरे लण्ड को चुस रही थी। मुझे आंटी को लण्ड चुस्वाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब मैने आंटी के कंधो पर मेरी टांगे रख दी। आंटी बड़े चाव से मेरे लण्ड को छुस रही थी।वो मेरे लण्ड को चुस चूसकर लाल कर चुकी थी। फिर आंटी ने बहुत देर तक मेरे लण्ड को चुसा।

अब मैंने आंटी को उठाया और उन्हें बेड से नीचे ले आया। अब आंटी नीचे बैठकर मेरे लण्ड को चूसने लगी। मैं फिर से आंटी के बालो को संवार रहा था। फिर मैंने आंटी को मेरी जांघ पर बैठा लिया और मैं आंटी के बोबो को चूसने लगा।

जांघ पर बैठाकर आंटी के बोबो को चूसने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। आंटी को जांघ पर बैठाना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात थी। मै लबालब आंटी के बोबो को चुस रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक आंटी के बोबो को चुसा।

अब मैने आंटी से घोड़ी बनने के लिए कहा। अब आंटी को बेड को पकड़कर तुरंत घोड़ी बन गई।अब मैं आंटी की गांड में लंड सेट करने लगा। तभी आंटी गांड मरवाने से डरने लगी।

“यार रोहित इसमें बहुत दर्द होगा।”

मैं– कुछ नहीं आँटी बस थोड़ा सा दर्द होगा।

अब आंटी गांड मरवाने से मना नहीं कर पाई। अब मैंने आंटी की गांड में लण्ड सेट कर दिया और फिर ज़ोर का झटका मार दिया।तभी मेरा लण्ड आंटी की गांड में आधा घुस गया। तभी आंटी दर्द से चिल्ला पड़ी।

“आईईईईई मम्मी।मर्रर्रर्र गईईईई।आईईईईई ओह रोहित प्लीज बाहर निकाल यार।बहुत दर्द हो रहा है।”

आंटी की गांड में मेरा लण्ड फंस चूका था। आंटी की गांड के छोटे से हॉल में मेरा मोटा तगड़ा लण्ड बहुत भारी पड़ रहा था। तभी मैने आंटी की गांड में से लण्ड बाहर निकाल लिया।

अब मैं आंटी की गांड पर सरसों के तेल की मालिश करने लगा। अब मेने मेरे लण्ड पर भी खूब सारा तेल लगा लिया। अब मेने फिर से आंटी की गांड में लण्ड ठोक दिया।अबकी बार मेरा लण्ड आंटी की गांड फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया।

आंटी फिर से बुरी तरह बिलख पड़ी।

आंटी– आईईईईई मम्मि। आहाहाह मरर्रर्र गईईईई। आहाहा आईईईईई।

अब मैं आंटी की गांड में लण्ड ठोक ठोककर बुरी तरह से आंटी की गांड मारने लगा। आंटी की टाइट गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। मै आंटी की कमर पकड़ कर ताबड़तोड़ आंटी की गांड में लंड ठोक रहा था। आंटी दर्द के मारे बहुत बुरी तरह से करहा रही थी।

“आईईईईई आईईई ओह सिससस्स आहाहाह आईईईई ओह सिसस्ससस्स आहाहाह।”

मैं– ओह ऋतू, बहुत मस्त गांड है तेरी। आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है।

आंटी बेचारी अब करती भी क्या! वो मेरे लंड को गांड में।झेल रही थी। मैं आंटी की जमकर गांड मार रहा था। आज तो आंटी की लंका लूट चुकी थी। मै फूल मज़े लेकर आंटी की गांड मार रहा था। तभि आंटी ज्यादा देर तक मेरे लण्ड के कहर को झेल नहीं पाई और आंटी का पानी निकल गया।

“ओह आह्ह आह्ह सिससस्स आहः ओह उँह ओह सिसस्ससस्स आहाहाह मर्रर्रर्र गईईईई।”

मैं– ओह ऋतू, आज तो तेरी गांड की खैर नहीं।

आंटी का पानी निकलते ही आंटी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। उनका जिस्म ढिला पड़ चुका था। अब तो बससस्स आंटी घोड़ी बनी हुई थी और गांड में लण्ड ठुकवा रही थी। इसके अलावा अब आंटी मेरे लण्ड का सामना करने की ताकत नहीं बची थी।

आंटी–ओह आहहहह आह्ह आहाहा ओह उन्ह बसस्ससस्स रोहित आहाहाह आह्ह।

मैं– तेरी आग बुझ गई क्या ऋतू?

“हां बुझ गई है। बसस्ससस्स कर यार अब।”

आंटी अब गांड मरवाने के लिए मना कर रही थी और मैं आंटी की गांड मारे जा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक आंटी की गांड मारी। अब।मैने आंटी को उठाया और उन्हें फिर से बेड पर पटक दिया।

अब मैने आंटी की टांगे खोल दी और तुरंत उनकी चूत में लंड फिट कर दिया। अब मै एकबार फिर से आंटी की टांगे उठा उठाकर आँटी को बजाने।लगा। आँटी फिर से बजने लगी।

आँटी–ओह आहाहाह आह्ह सिसस्ससस्स आहाहाह आह्ह ओह उन्ह।

आँटी पहले ही बहुत बुरी तरह से बज चुकी थी लेकिन मेरा लंड फिर भी आँटी की जमकर खबर ले रहा था। मैं उनकी चूत में लण्ड।पेलें जा रहा था। अब थोड़ी देर के घमासान के बाद मेरा लंड पानी पानी होने वाला था। अब मैंने ताबड़तोड़ ठुकाई चालू कर दी और फिर आंटी की चूत को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।

अब मैं नसते नाबूत होकर आँटी से लिपट गया। आँटी ने मुझे बाहो में भर लिया। फिर हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही रहे।

आज मै आँटी को चोद कर बहुत खुश था। आँटी भी अपनी चूत की आग बुझवाकर बहुत खुश थी।

मैं– सर्विस तो बढ़िया की ना ऋतू?

“हां रोहित। बहुत मजबूत हथियार है तेरा। मैं तो दीवानी हो गई तेरी। पूरा जंग साफ कर दिया मेरा।”

मैं– चलो जब तो अच्छा है।

“बहूत गज़ब तरीके से पेला तूने तो।”

मैं– मैं ऐसे ही पेलता हूँ ऋतू।

अब।आँटी उठी और फिर उन्होंने एक एक करके कपडे पहन लिये। अब आँटी कमरे से बाहर चली गई। फिर थोड़ी देर बाद आँटी चाय बनाकर लाई। अब हम दोनों ने चाय पी।

आँटी– तेरा नाश्ता तो ठंडा हो गया है यार।

मैं– कोई बात नहीं आँटी। नाश्ता क्या आज तो मैंने पुरे पकवान खा लिए है।

आँटी– हां ये भी सही बात है।

“आप कहो तो एक राउंड फिर से हो जाये?”

“नहीं यार अब तो कृतिका के स्कूल से आने का टाइम हो गया है।” अरे यार अभी तो टाइम बाकी है।

तभी मैने आँटी को फिर से बेड पर पटक दिया और उनकी चड्डी खोल फेंकी। अब मैं आँटी की चूत में फिर से लण्ड पेलने लगा। आँटी फिर से हवा में उड़ने लगी।

“आईईईईई आईईईई सिसस्ससस्स उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।” ओह ऋतू बहुत ही गज़ब का मज़ा आ रहा है।

“आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आईईईईई आह्ह।”

तभी कुछ देर में आँटी का फिर से पानी निकल गया।फिर मेने आँटी को खूब देर तक बजाया। उसके बाद आँटी चड्डी पहनकर उनके रूम में चली गई।

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये– rohitwrong24@gmail.com

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