Asli Parivarik Sukh Aur Anand

This story is part of the Asli Parivarik Sukh Aur Anand series

    मै सचिन हूं, जो आपका मन है वो मुझे आप समझ लीजिए। वैसे तो मै एक डॉक्टर हूं, लेकीन मुझे मेरे दोस्तो और घरवालों के जिंदगी को देखकर यह घरेलू सेक्स चर्चात्मक कहानी लिखने की प्रेरणा मिली।

    नोट : यह १८ के ऊपर के लोगो के लिए है, आपको अगर घरेलू सेक्स कहानियों मै रुचि नहीं है तो आप यह आगे पढ़ने की कोशिश भी ना करे। शायद आपके दिल को ठेस पहुंचने की संभावना है।

    इस आत्मकथा या जुबानी सोच की कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए शब्द और शब्द को पूरा पढ़े समझे और टटोलें, और फिर विचार कीजिए सेक्स सुख घर में कितना मज़ा देता है।

    सोच कर ही आपका मन खुश हो जाएगा,आपका परम कर्तव्य यही है कि मुझे इस कहानी का अभिप्राय मुझे मेरे इमेल एड्रेस पर जरूर दे। और अपनी असली ही सोच बताएं।

    मै सदैव आपके साथ रहूंगा और आपकी मदद करूंगा। कुछ डॉक्टरों के सहायता और सलाह से ज्यादातर फायदे घर के घर में सेक्स संबंध रखने से पाए गए है। मै मुख्य रूप से ज्यादातर माँ बेटे के, भाई बहन के और पिता पुत्री के सेक्स सम्बन्ध के बारे में चर्चा करूंगा।

    मै बहुत खुश हूं, क्योंकि भगवान की कृपा से मेरी पत्नी खुश है क्योंकि वह आनंद लेती है। मेरे बेटे की सहायता से और मेरी बेटी भी मेरे बेटे से और मुझसे ज्यादातर आनंद लेती है।

    उसे अपने भैया और पिता पे बहुत गर्व है। वह दोनों का आदर सम्मान करती है,और हमें भी उसके दृष्टिकोण से खुद पर अभिमान है। क्यूंकी हम उसके पॉजिटिव ब्रेन के लिए उसका माइंड फ्रेश होने के लिए उसकी मदद करते है।

    और उसे शरीर सुख से संतुष्ट रखते है। इससे उसके पढ़ाई के मामले में बहुत कमाल की तब्दीलिया देखने को मिली है,और उसके अंदर पॉजिटिविटी भी आई है। वह जब भी हमसे मदद माँगती है, तो हम उसे मुंह से ओरली खुश करते है।

    अगर उसे ज्यादा रिलैक्सेशन चाहिए होता है तो हम अच्छी तरीके से निरोध का उपयोग करके उसे खुश रखते है। मै ज्यादातर कोहिनूर निरोध पसंद करता हूं, उसके लिए और मेरा बेटा स्ट्रॉबेरी फ्लेवर कंडोम का उपयोग करता है।

    वैसे भी आज कल बेटियों की वर्जिनिटी होने ना होने से फर्क नहीं पड़ता है। अधिकतम उसे इससे ज्यादा भविष्य में होने वाले उसक पती को खुश करके उसे प्रेम देते आयेगा, और इससे ज्यादा प्यार पति को देने की समझ उसे आ जाती है।

    बेटे के दृष्टिकोण से –

    बड़ा भाई और एक बड़ा बेटा होने के नाते मेरे विचार से हमें बहुत सी सुरक्षित योनिया चूत मिल जाती है। लेकिन वह सिर्फ पारिवारिक योनियां जैसे कि मेरी प्यारी आदरणीय माँ कि पवित्र योनी और मेरी प्यारी बहन की कुंवारी योनी। इससे रिश्तों में प्रेम जागृत होता है, और रिश्ते बढ़ते और गहरे होते है।

    इस लिए आप बहुत सी ऐसी बातों का ज्यादातर घर में उपयोग करे, आपको आंनद निश्चित ही आएगा। मै मेरे माता पिता के आदेश से पूरे परिवार को खुश रखता हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे जनम दिया है।

    माँ का दृष्टिकोण और सलाह यह थी, कि ज्यादातर घर में पति की उमर चालीस के पार हो जाने के बाद उनसे शारीरिक प्रेम करने की ताकत कम हो जाती है। बल्कि इससे अलग औरत की बढ़ जाती हैं।

    ऐसा पापा ने उन्हें कहा था। फिर मुझे और माँ को पिताजी ने समझाते हुए कहा कि यह आजकल ये सब नॉर्मल है। और ये शरीर के लिए भी उपयोगी है, पहले तो माँ नाराज हुई।

    उन्होंने कई बार विरोध किया, फिर काफी मशक्कत के बाद वह मेरे साथ प्यार करने के लिए राजी हुई। शुरू में वह बहुत शर्माती थी, लेकीन फिर बाद में शरीर की प्यास को लेकर उन्होंने बहुत अच्छा ज्ञान दिया।

    कि दुनिया की हर एक माँ को अपने बेटे के कड़क, लंबे मोटे लिंग की आवश्यकता होती है अपनी प्यास बुझाने के लिए। उसके बेटे के और उज्वल भविष्य के लिए और अखंड आशीर्वाद के लिए माँ की कामवासना पूरी करना उसका परम कर्तव्य है।

    वह जब टेंशन और दिमाग के थकान से चूर होती और परेशान रहती, तो मै बहुत रोता था। फिर मुझे परिवार की बहुत चिंता होती थी लेकिन आज भगवान कि कृपा से मै उसे बिस्तर पर खुश रखता हूं।

    और हाँ अपनी माँ को खुश करने के लिए ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 घंटे आपको उसे बिस्तर पर अपना प्यार देना जरूरी है। अगर यह समय आप रात के 1 से 3 के बीच मे चुने तो बेहतर होता है। इस समय बात करते करते आप माँ को खुश कर सकते है।

    पिताजी का दृष्टिकोण –

    यह सब शुरू ही मुझसे हुआ है। मुझे पारिवारिक शारीरिक प्रेम कि लालसा पहले से ही थी, मै उसे अब परिवार मै अमल करना चाहता था। फिर यह भगवान की कृपा से सफल हो गया।

    किसी भी पति को अपनी पत्नी सुखी चाहिए शरीर एवं मन से। लेकिन पूर्ण रूप से सुखी वह सिर्फ और सिर्फ शारीरिक सुख से होती है, यह साइंस ने इजात किया है। आप कितनी भी भगवान की भक्ति कीजिए, लेकीन आपको सुख दिल से नहीं मिलेगा।

    वह सुख सिर्फ परिवार के सुख मै है, और परिवार का सुख सिर्फ शरीर सुख मै मौजूद है।

    मै कहता हूं कि एक पत्नी एक माँ एक बेटी सिर्फ शारीरिक सुख सौभाग्य से जीती है। यह कोई भी औरत जानती है, लेकिन कहती नहीं है। यह हम आदमियों को जानना चाहिए, क्योंकि अगर एक बेटी एक माँ एक पत्नी अगर शारीरिक रूप से सुखी होती हैं।

    तो परिवार और उसकी जीवन कि प्रगति बहुत होती है। मै आभारी रहूंगा भगवान का इन्होंने मुझे बुद्धि दी थी, कि आज मै अपने परिवार को खुश रख पा रहा हूं। और वह सॉल्यूशन है आपका परिवार शारीरिक रूप से सुखी हो ना।

    आज मै दुःख और सुख दोनों से रोता हूं, क्योंकि मुझे लगता हैं कि यह मुझे पहले क्यों नहीं समझ में आया। मै और मेरा बेटा आज मेरे परिवार को सुखी रखते है।

    मेरी कमी मेरा बेटा पूरा करता है, मुझे उस पर बहुत गर्व है। माँ के आशीर्वाद उसे अब ज्यादा है, क्यूंकी माँ उसकी ज्यादा खुश है। क्यूंकि मेरा बेटा सप्ताह में 5 दिन दो – दो घंटे उसे सुख देता है।

    यह सब भगवान की कृपा से सफल हुआ, उनके आशीर्वाद के कारण हि ये सब हुआ। और आज मेरे घर में इतना प्रेम आंनद है, कि मेरे बेटे को और मुझे महीने में निरोध कंडोम के 40 से 50 पैकेट्स लगते है।

    सिर्फ बेटी के लिए, क्युकी मेरी पत्नी का हमने ऑपरेशन करवा लिया है। क्योंकि पूर्ण रूप से आनंद के लिए उसकी माँ को अपने बेटे का गरम वीर्य अपनी योनि में मज़ा देता है और सुख देता है और कामतृप्त करता है।

    कहानी अभी जारी है…

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