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Adla Badli, Sanyog ya Saajish – Episode 2

अकेले कमरे में, मैं राज को उसकी बीवी के लिए दो कसरते बता चुकी थी और अनजाने में अपने अंगो का प्रदर्शन भी कर चुकी थी। वो अब मुझे तीसरा आसन चक्रासन कर के दिखाने को बोल रहा था।

मेरे पास कोई चारा नहीं था इससे बचने का। मैं उसको चक्रासन करके दिखाने लगी। इसमें भी शरीर को हाथ और पैर के पंजो के बल उठाना होता हैं पर शरीर की आकृति एक आधे चक्र की तरह वक्राकार होती हैं।

मैं नीचे लेट गयी और धीरे धीरे हाथ और पैर के पंजो के बल अपने शरीर को पेट से ऊपर उठा कर एक गुम्बद की आकृति बनाने लगी।

मैंने काले स्लीप शर्ट के साथ काले स्लीप शॉर्ट्स पहने थे। काले शॉर्ट्स में से मेरी चिकनी गोरी जाँघे चमक रही थी। चक्रासन में आते ही मेरी कमर से शर्ट थोड़ा खिसक कर हट गया, मेरी नाभी के साथ पतली गोरी कमर उसको दिख रही थी।

उसने मुझे बोला थोड़ी देर ऐसे ही रहना मैं चारो तरफ घूम कर देखता हूँ कि किस तरह से पोजीशन करना हैं।

वो मेरे पावों की तरफ गया। मेरे दोनों पावों के बीच एक फ़ीट की दुरी थी और आसन से कसाव के कारण मुझको पता था कि उसको मेरे शॉर्ट्स के बीच मेरी चुत की दरार और उसका उभार भी दिख रहा होगा।

उसने कहा कि “मैं हाथ लगा के देखता हूँ कि इस आसन से कहाँ कहाँ खिंचाव महसूस होता हैं”।

उसने अचानक मेरी जांघो पर हाथ रख दिया और मैं डर के मारे कांप उठी।

वो प्यार से मेरी जांघो पर हाथ फेरते हुए बोला “हां, यहाँ की मसल टाइट हुए हैं”।

अगले कुछ सेकण्ड्स वो मेरी जांघो पर हाथ फेरता रहा।

अब वो मेरे साइड में आया। मेरी पतली कमर उसको आकर्षित कर रही थी। उसने आते ही मेरी पेट पर हाथ रख दिया। उसके स्पर्श से मेरे शरीर के रोंगटे खड़े हो गए।

वो इत्मीनान से मेरे पेट पर हाथ फेरते हुए तारीफ़ करने लगा कि एब्स बने हैं। जब वो मेरे पेट और कमर पर हाथ फेर रहा था तो मेरे अंदर कुछ कुछ होने लगा।

अब वो मेरे चेहरे के पास आया और नीचे बैठ कर अपना चेहरा मेरे कंधे के करीब ले आया। मैं थोड़ा असहज महसूस करने लगी। मेरे छाती का हिस्सा ढलान में नीचे की तरफ था, जिससे मेरे मम्मे बिना ब्रा के बंधन के नीचे की तरफ आ शर्ट से बाहर निकलने को आतुर थे।

वो वही नीचे झुक कर बैठा रहा, मुझे पता था वो मेरे मम्मे झाँकने के लिए ही इतना नीचे हुआ हैं। मैंने फिर आसन ख़त्म किया और सीधा बैठ गयी। वो ओर आसन के बारे में पूछने लगा।

पर मैंने बहाना मार दिया कि गलत समय पर आसन करने से मेरे मसल थोड़े खिंच गए हैं और मैं उसको यकीन दिलाने के लिए मेरे कंधे और पाँव दबाने लगी।

उसको इसमें भी एक मौका नजर आया। आगे बढ़ते हुए उसने कहा “लाओ मैं मसाज कर देता हूँ, मैं अच्छी मसाज करता हूँ। पायल को मैं आये दिन मसाज देता हूँ और उसको बहुत रिलैक्स फील होता हैं”।

मैंने उसको मना किया कि अरे इसकी कोई जरुरत नहीं हैं, पर तब तक वो उठ कर मेरी पीठ के पीछे तक आ गया और मेरे कंधे को दबा कर मसाज देने लगा। सच में मेरी मसल्स को बहुत रिलैक्स फील हुआ। मेरी इच्छा हुई कि मैं सो जाऊ।

थोड़ी देर कंधे की मसाज के बाद वो बोला कि वो अब पाँव की मसाज करेगा।

मैंने उसको मना किया कि कोई मेरे पाँव दबाये मुझे अच्छा नहीं लगता, पर वो मानने वाला नहीं था। उसने मेरे पाँव का पंजा अपने हाथ में लिया और अपने हाथों के बीच रख दबाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लगा। आज तक मुझे किसी ने मसाज नहीं दी थी।

मै अभी भी नीचे बैठी थी।

उसने कहा कि तुम आराम से बिस्तर पर लेट जाओ फिर मैं तुम्हारे पाँव की मसाज करता हूँ ज्यादा अच्छा लगेगा।

उसकी मसाज से मुझे भी नींद जैसा फील होने लगा था तो मैं उठ कर बिस्तर पर लेट गयी।

वो मेरे पांवो के पास आकर बैठ गया और मेरे पाँव उसकी गोदी में रखे और फिर मेरे पंजो की मसाज करने लगा।

मैं आँखें बंद कर उसका आनंद लेने लगी। मैं तो चाहती थी वो ऐसी मसाज करता ही रहे, पर मैंने उसको रोका कि अब मेरा पाँव सही हैं तो छोड़ दूँ।

उसने मेरे पंजे से हाथ हटा ऊपर करते हुए मेरे पाँव की मसल्स को दबा मसाज करने लगा। मैंने अपना पाँव खींच कर रोकने की कोशिश की, कि मुझे जरुरत नहीं पर वो फिर टांग अपनी तरफ खींच बोला “अरे तुम्हे अच्छा लगेगा करने दो”।

वो मेरे पैरो की मसल्स को दबा रहा था और सच पूछो तो मुझ बड़ा सुकून मिल रहा था।

शायद मेरे शरीर को छूने से उसको भी आनंद मिल रहा था तो हम दोनों के लिए ही फायदा था।

मैंने उससे पूछा, पायल के तो मजे हैं, उसको फ्री में मसाज मिलती हैं।

वो बोला “ऐसा नहीं हैं, इसके बदले वो भी मुझे कभी कभार मसाज देती हैं, तो बराबर हो जाता हैं”।

हालांकि मुझे उसकी मसाज से मजा आ रहा था, परंतु थोड़ी देर मसाज करने के बाद मैंने उसको रोका।

उसने मेरे पाँव छोड़े और बोला “तुमने चक्रासन किया तो तुम्हारे कमर में खिंचाव आ गया होगा, लाओ मैं कमर की भी मालिश कर देता हूँ”। ऐसा कहते हुए उसने मेरे कमर की तरफ हाथ बढ़ाया।

मैं तुरंत उठ बैठी और उसको रोका कि मैं तो ये आसन आये दिन करती रहती हूँ, मेरी कमर में कोई खिंचाव नहीं हैं।

उस पर उसने तर्क दिया कि “खिंचाव ना भी हो तो भी मालिश करवा सकते हैं, इससे आराम मिलता हैं। तुम घबराओ मत, मैं पायल की कमर की मालिश करता रहता हूँ, घर के कामों के बाद मेरी मालिश से उसको बहुत अच्छा लगता हैं। तुम भी करवा देखो मेरी गारंटी हैं बहुत अच्छा लगेगा”।

उसने इतने प्यार से बोला कि मैं उसको कैसे रोकती।

मैंने उसको बोला ठीक हैं और मैं उल्टा लेट गयी।

मैंने अपने दोनों हाथ अपने सर के नीचे रख कर बिस्तर के दूसरी तरफ देखने लगी जहां ड्रेसिंग टेबल था। मैं ड्रेसिंग टेबल के आईने में देख रही थी। मेरे शॉर्ट्स के अंदर के गोल नितम्बो का उभार बहुत सेक्सी लग रहा था।

आईने में साफ़ दिख रहा था कि राज मेरे नितम्बो को ही घूर रहा था। इसको इतना भी ध्यान नहीं था कि आईने के माध्यम से मैं देख रही हूँ।

मैंने उसका ध्यान तोड़ते हुए पूछा कि वह किसका इंतज़ार कर रहा हैं। उसका ध्यान टुटा कि उसको कमर की मालिश करनी हैं।

उसने मुझसे कहा कि वो शॉर्ट्स को कमर से थोड़ा ऊपर उठाएगा। उसकी जो मनोस्तिथि थी, उसमे मैं नहीं चाहती थी कि वो मेरी स्किन जरा सी भी देखे।

वैसे भी थोड़ी देर पहले मेरे पेट पर उसका हाथ लगते ही जैसे मुझे करंट सा लगा था और रोंगटे खड़े हो गए थे.

मैंने उसको कहा कि शर्ट के ऊपर से ही मसाज कर लो।

वो बोला “नहीं, मालिश करनी हैं तो कपड़ो के ऊपर नहीं कर सकते है”।

मैंने कहा कि मेरे पति आ जायेंगे तो उन्हें ये देख अच्छा नहीं लगेगा, रहने देते हैं।

उसने बताया कि मेरे पति रूम की चाबी साथ लेकर नहीं गए हैं तो जब तक हम अंदर से नहीं खोलेंगे वो नहीं आएंगे।

मुझे उसको इजाजत देनी ही पड़ी। उसने मेरा स्लीप शर्ट ऊपर करने की कोशिश की पर शर्ट मेरे शरीर के नीचे दबा होने से वो उठा नहीं पाया।

मैंने कहा “रुको, मैं थोड़ा ऊपर हट कर शर्ट ऊपर कर देती हूँ” । मैंने अब एक करवट ली और शर्ट थोड़ा ऊपर खिसकाने लगी तो उसने रोका।

वो बोला “एक काम करो, शर्ट के नीचे के एक आध बटन खोल दो, इससे शर्ट ऊपर करने में आसानी होगी”।

मुझे लगा शर्ट तो वैसे भी ऊपर हो ही जाता पर एक दो बटन खोलने में भी कोई हर्ज नहीं था, वैसे भी बटन वाला हिस्सा मेरे शरीर के नीचे दबने वाला था।

मेरे स्लीप शर्ट में सिर्फ चार बटन थे, एक वक्षो के ठीक ऊपर बीच मे, दूसरा वक्षो के ठीक नीचे, एक नाभी के ठीक ऊपर और एक नाभी के एक दो इंच ऊपर। मैंने नाभी के वाला बटन खोल दिया और उसका पूछा “अब ठीक हैं?”

उसने कहा, एक ओर बटन खोल दो ताकि शर्ट फिसल फिसल कर वापिस नीचे ना आये।

मैंने कहना मानते हुए नाभी से ऊपर वाला बटन भी खोल दिया और उस हिस्से के शर्ट के दो पल्लो को दोनों तरफ फैलाते हुए फिर उलटा लेट गयी।

उसने अब निकले हुए शर्ट के दोनों पल्लो को पकड़ा और कमर से पीठ की तरफ ऊपर की ओर फोल्ड करने लगा।

मैंने आईने में देखा मेरी पतली, नाजुक गौरी कमर दिखने लगी थी।

वो कुछ क्षणों के लिए रुक गया और मेरी नंगी कमर को निहारने लगा।

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