Aakhiri Dagar, Purane Humsafar – Episode 22

This story is part of the Aakhiri Dagar, Purane Humsafar series

    राहुल और मैं रूबी के घर पर पुरे नंगे होकर चुदाई का मजा ले रहे थे और मैं खड़े खड़े थक चुकी थी । राहुल ने मुझे अपनी तरफ घुमाया और अपने सीने से चिपका लिया। मेरे मम्मे फिर उसके शरीर से दब गए. उसने मेरी गांड से पकड़ा और मुझे उठा लिया।

    मैने अपनी दोनो बाहें उसके गले में डाल उसको पकड़ा और दोनो टांगो से उसकी कमर को झकड़ लिया। राहुल का लंड एक बार फिर मेरी चूत के अंदर था और उसने ऐसे ही खड़े खड़े मुझे गोद में उठाए चोदना जारी रखा।

    अपने दोनो हाथों से मेरी गांड को पकड़ वो मुझे अपनी गोद में उछाल रहा था और मै चूद रही थी। एक बार तो मै वैसे ही जड़ ही चुकी थी पर इस तरह की गहरी चुदाई का मजा मुझे मिल रहा था।

    इस तरह औरत को उठा कर चोदने के लिए सच में ताकत चाहिये होती हैं और राहुल का कसरती बदन इसके काबिल था। मेरे दिमाग में यहीं चल रहा था कि आज अगर वो मुझे गोद में उठाए चोद रहा था तो 9 महीने बाद मै उसको गोद में खेलने के लिए एक बच्चा जरूर दूंगी।

    राहुल के लंड ने मेरी चूत में एक भयंकर तूफान ला दिया था और अंदर पानी पानी हो गया था, हम दोनो की सिसकियां बुरी तरह से निकल रही थी और राहुल के जड़ने के साथ मै भी एक बार फिर जड़ चुकी थी।

    राहुल मुझे ऐसे ही गोदी में बैठाये बिस्तर के पास ले आया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया। हम थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे और फिर साथ में हमने बाथ लिया।

    राहुल ने फिर हमसे विदा ली. आज शाम में मेरे मायके लौटने वाली थी तो उस से पहले मैंने अपने बड़े बच्चे को उसके पापा यानी मेरे पहले पति अशोक और दादी से मिलवाना था। सोचा इस बहाने पूजा से भी मिल लुंगी.

    अशोक के घर पर पूजा नहीं मिली, पता चला वो भी अशोक को छोड़ कर चली गयी थी। मुझे पता था कि अशोक के साथ टिकना किसी भी औरत के लिए मुश्किल ही होगा।

    फिलहाल मै रूबी के पास लौट आयी और उस से विदा लेने पर उसके पहले मैंने पूजा को फ़ोन लगाया और वो मुझसे मिलना चाहती थी। मैंने उसको रूबी के घर का पता दिया और वो मुझसे मिलने आयी।

    मैं: “तो तुमने भी अशोक को छोड़ ही दिया, क्या हुआ?”

    पूजा: “तुम्हे तो पता ही होगा कि अशोक कैसा इंसान हैं, मेरा नहीं जमा उसके साथ। वैसे मै तुम्हारे लिए कुछ लायी हूँ”

    उसने एक बॉक्स मुझे दिया, मैंने खोल कर देखा तो होश उड़ गए।

    पूजा: “तुम अपनी डायरीज अशोक के घर में ही भूल गयी थी, वही लायी हूँ।”

    मैं: “तुमने पढ़ ली?”

    पूजा: “सब पढ़ लिया, तुम कब कहा किसके साथ क्या करती थी, सब पता चल गया”

    मैं: “अशोक को भी बता दिया?”

    पूजा: “नहीं बताया। पर यह डायरी कुछ पुरानी हैं, मुझे तुम्हारी आगे की कहानी भी पढ़नी हैं”

    मैं: “कुछ समय से मै डायरी में ना लिख कर लैपटॉप पर ही रखती हूँ। मुझे वैसे भी अब किसी से कुछ नहीं छिपाना। तुम्हे अगर दिलचस्पी हैं तो मै तुम्हे भी भेज दूंगी। बाकी काफी कुछ रूबी भी बता सकती हैं”

    रूबी: “तुम्हारी पुरानी कहानी तो अब मै भी पढुंगी, पता तो चले कितने आशिक थे तुम्हारे। वैसे तुम्हारी जितनी कहानी मै जानती हुं, फिल्म बन सकती है।”

    पूजा: “मुझे लगता हैं कि तुम्हारी पहचान गुप्त रख कर ये कहानी लोगो को भी पता लगनी चाहिये। औरत को भी अपने हिसाब से जिंदगी जीने का हक है।”

    मैं: “तुम दोनो मेरी अच्छी सहेलियां हो, मेरी कहानी इस काबिल हैं तो तुम दोनो पबलीश कर देना, मेरी अनुमति हैं”

    इंडिया छोड़कर मै फिर जोसफ के पास आयी। वहां जाने के बाद मुझे पता चला कि मैं गर्भवती हो चुकी हूँ और राहुल के बच्चे को जन्म दे पाउंगी। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था, जिस चीज के लिए इतने पापड़ बेले थे, वो अब वो जाकर पूरी हुई। अगर ये बहुत पहले ही हो जाता तो मै जोसफ की बजाय राहूल से शादी कर सकती थी।

    अब मुझे ये बात जोसफ को बतानी थी पर सूझ नहीं रहा था कि कैसे कहूं ! रूबी से पुछा तो उसने मुझे सुझाव दिया कि कुछ ऐसा करू कि जोसफ को पहले खुश कर दू और फिर यह गहरा आघात उसको दु।

    मैंने काफी सोचा फिर यह फैसला किया कि मैं जोसफ को उसकी अधूरी इच्छा पूरी करने दूंगी और उसको पहली बार गांड मारने दूंगी। मुझे काफी दर्द होगा पर जो गलती मैंने की हैं उसके लिए ये सजा तो होनी ही चाहिए।

    वर्किंग डे की दोपहर में जब घर पर कोई नही होता है, तब मै जोसफ को लेकर घर आई। उसको भी लगा मेरा चुदने का मूड है तो वो खुशी खुशी आ गया।

    मैने जब उसको कहां कि वो आज मेरी गांड मार सकते है तो पहले वो बहूत खुश हुआ, फिर मेरी चिंता हुई और अंत मै मुझसे पुछा कि कोई बात है जो मै छुपा रही हुं।

    मैने जोसफ से कहां कि वो मुझे चोदना शुरु करेगा तो मै उसको पुरी बात बताती रहुंगी। हम दोनो अपने कपड़े निकालने लगे और मैने कहानी बतानी शुरु की।

    मै: “मै इंडिया गई तब राहुल से भी मिली थी, मुझे लगा उसने शादी कर ली होगी पर पता चला कि उसका वो सगाई का कार्ड झुठ था। वो तो अभी भी मेरा इंतजार कर रहा है।”

    जोसफ अपने कपड़े निकाल नंगा हो चुका था और मेरी बात सुनकर सकते में आ गया।

    जोसफ: “फिर…उसने कही तुम्हे बहलाने की कोशिश की तो नही की ना?”

    मैने अपना आखिरी कपड़ा निकाल नंगे होकर उससे कहा “ना तो उसने बहलाया और ना ही कोई जबरदस्ती की।”

    मैने अब एक जैल क्रीम जोसफ के लंड पर अच्छे से मल दी ताकि उसका लंड मेरी गांड को ज्यादा दर्द ना दे। उसका लंड मेरे हाथ लगाने से कड़क भी हो गया था। जैल मलते हुए मैने कहना जारी रखा।

    मै: “राहुल अब कभी शादी नहीं करना चाहता, पर अपने मां बाप की खुशी के लिए एक बच्चा चाहता है।”

    जोसफ: “तो तुम्हे क्यु बता रहा था? जाकर गोद ले ले किसी अनाथाश्रम से”

    मै अब बिस्तर पर घोड़ी बनकर बैठ गई और जोसफ को मेरे पीछे आने को कहां। जोसफ मेरे पीछे आया और अपना लंड मेरी चूत और गांड के छेद के ऊपर ऊपर ही रगड़ता रहा।

    मै: “राहूल सिर्फ मुझ से ही अपना बच्चा पैदा करना चाहता है।”

    जोसफ ने अपना लंड रगड़ना बंद कर दिया। और मुझसे पुछा: “तुमने उसको बताया नही कि हमारी शादी हो चुकी है।”

    मै: “उसको पहले से ही पता था। पर वो मेरे अलावा किसी और से रिश्ता नहीं बनाना चाहता है।”

    जोसफ: “तुम्हे अब और उससे मिलने की जरुरत नहीं है, वो फिर तुम्हे धोखा देगा”

    मै: “तुम कहते हो तो नहीं मिलुंगी”

    जोसफ ने फिर अपना लंड मेरे छेदो के ऊपर रगड़ा और पुछा: “तुमने उसको बोला नही कि वो अब इस तरह की बातें तुम से ना करे! अब तुम दोनो का रिश्ता पहले वाला नहीं रहा।”

    जोसफ ने अपने लंड की टोपी थोड़ी सी मेरी गांड में घुसाई।

    मै: “जोसफ वो राहुल बहुत दुखी था। मुझसे देखा नहीं गया और मै मान गई । मेरे पेट में … राहुल का बच्चा है”

    जोसफ ने एक जोर का झटका मारा और अपने लंड का थोड़ा हिस्सा मेरी गांड में घुसा दिया। मुझे इतना भयंकर दर्द हुआ कि मै चिल्लाते हुए आगे की तरफ उछली पर जोसफ ने मेरी कमर पकड़ रखी थी तो ज्यादा दूर नहीं जा पाई।

    जोसफ कुछ नहीं बोला पर एक के बाद एक झटके मारता हुआ मेरी गांड मारता रहा और मै दर्द के मारे लगातार चिल्ला रही थी। वो मेरी जिंदगी की सबसे दर्दनाक चुदाई थी। मै लगातार रोते सुबकते हुए उससे माफी मांग रही थी।

    मै: ” ऊऊऊहहह … आई ऐम सॉरी जोसफ, बहुत दुख रहा है, प्लीज धीरे करो … आईईईईईई ”

    मै अपना सर झुकाए अपनी दोनो टांगो के बीच से जोसफ के लंड के नीचे लटकी बड़ी थैलीयों में उसकी गोटीयों को आगे पीछे तेजी से हिलता देख पा रही थी।

    मेरी गांड मे कोई एक डंडा अंदर बाहर कर रहा हो एसा लग रहा था और दर्द के मारे मुझे अपने सारे पाप याद आ गए। वैसे तो जोसफ ने चोदते वक्त मेरे दर्द का हमेशा ध्यान रखा है पर आज वो एक जंगली जानवर बन चुका था।

    मुझे उससे ये उम्मीद नहीं थी, पर शायद उसको भी मुझसे ये उम्मीद नहीं थी। उसकी ये हरकत देख मुझे बहुत दुख हुआ पर कोई शिकायत नही थी।

    अगर किसी चोदते हुए पति को उसकी बीवी ये बोल दे कि उसके पेट में उसके आशिक का बच्चा है तो शायद सबका यहीं रिएक्शन होता।

    मैने वो गांड चुदाई की यातना अगले 10-15 मिनट तक झेली थी पर वो एक एक मिनट एक घंटे के बराबर भारी था।

    मेरी गांड बुरी तरीके से छिल चुकी थी। मेरी चीखों का उस पर कोई असर नहीं हुआ, उसने बड़ी बेरहमी से मेरी गांड मारी और अपने लंड का पानी मेरी गांड में छोड़ने के बाद ही लंड बाहर निकाला।

    मैने सर झुका कर देखा, मेरी दोनो टांगो के बीच से मेरी गांड में जमा जोसफ का पानी बह रहा था। चादर ढेर सारे पानी से गीली हो चुकी थी।

    दर्द के मारे मै बिस्तर पर ही गिर गई। जोसफ गुस्से में वहां आस पास पड़ी चीजो को लात मार रहा था और फिर कपड़े पहन चला गया।

    मै आधे घंटे तक बिस्तर पर ऐसे ही नंगी पड़े कराहती रही। फिर जोसफ एक बार फिर आया और मुझे पेनकिलर टेबलेट दी, ताकि मेरा दर्द कम हो।

    खैर वो दर्द तो मुझे 4-5 दिन तक रहा और जोसफ ने मुझसे अपने बर्ताव के लिए माफी भी मांगी पर मैने उसको सांतवना दी कि उसने जो भी किया अच्छा किया, मै इस सजा की हकदार थी।

    जोसफ ने शर्त रख दी मुझे किसी एक को चुनना होगा, या तो राहुल का होने वाला बच्चा या फिर जोसफ और हमारा बच्चा।

    एक बच्चे के लिए दुसरा बच्चा छोड़ देना, मेरे लिए ये बहुत मुश्किल था। मगर मै एक होने वाले बच्चे को मार नहीं सकती थी, खास तौर से वो बच्चा जिसके लिए मैने और राहुल ने पहले भी कितनी मेहनत की थी।

    सच्चा प्यार कभी कुरबानी नहीं मांगता पर कुरबानी देता है, जैसे राहुल ने किया था। फिर मैने सोच लिया कि मै जोसफ को छोड़ दुंगी। मेरे दुसरे तलाक की प्रक्रीया शुरु हुई।

    मैने राहुल को बता दिया था कि मै उसके बच्चे की मां बनने वाली हुं, पर ये नहीं बताया था कि मै जोसफ से तलाक ले रही हुं।

    मुझे अब 6 माह का गर्भ था और तलाक की सारी कानुनी प्रक्रीया खत्म कर भारी दिल से एक साल के हो चुके अपने दुसरे बच्चे को जोसफ के पास छोड़ इंडीया आने की तैयारी करने लगी।

    मै अपने बड़े बच्चे को लेकर टेक्सी से एयरपोर्ट आ रही थी कि रास्ते में एक्सीडेंट हो गया और मैने अपने बच्चे को खो दिया और खुद मरने की हालत में होस्पीटल में थी।

    जोसफ मिलने आया और उसको मैने अपनी एक आवाज रिकोर्ड कर रुबी को भिजवाने को बोला, जिसमें मेरी आखिरी ख्वाहिश थी।

    प्रतिमा: “जोसफ हो सके तो तुम रुबी से शादी कर लेना। वो भी तुमसे बहुत प्रभावित है। वो हमारे बच्चे का अच्छे से ख्याल रखेगी और तुम्हारा भी।”

    सच का सामना:

    अब तक जो आप प्रतिमा की कहानीयां पढ़ रहे हैं वो प्रतिमा ने पबलीश नहीं की है। मै कौन हु, ये आप अनुमान लगा सकते हैं। अब मै आपको आगे की सच्चाई भी बता देती हूँ.

    राहुल और प्रतिमा की प्रेम कहानी पूरी नहीं हो पायी। प्रतिमा अपने कोख़ में राहुल के बच्चे को लिए इस दुनियां से चली गई।

    उसके कुछ दिन पहले ही प्रतिमा ने मुझे अपनी डिजिटल डायरी भी दी थी जिसकी वजह से मै उसकी आगे की कहानी आपको बता पायी।

    प्रतिमा की आखिरी आवाज की रिकोर्डिंग कुछ इस तरह थी।

    “रुबी तुम राहुल से कह देना कि वो अब मेरा इंतजार ना करे और शादी जरुर करे। शादी ना भी करनी हो तो कम से कम एक बच्चा जरुर पैदा कर ले। उसको पुजा बहुत पसंद आयी थी, मुझे कोई आपत्ती नहीं कि अब वो उसके साथ कैसे भी संबंध बनाएं। रुबी अब घोड़े जैसा जोसफ तुम्हारे लिए खाली है, उसका और उसके बच्चे का ध्यान रखना।”

    राहूल ने प्रतिमा की आखिरी ख्वाहिश पुरी करने के लिए पुजा से अपना बच्चा पैदा करने की गुजारीश की है। पुजा अपनी सेफ्टी के लिए राहुल से पहले शादी करना चाहती है। आशा है सब कुछ ठीक होगा।

    रुबी अभी जोसफ के रेगुलर टच में है और सब कुछ ठीक रहा तो प्रतिमा की एकमात्र बची निशानी यानी उसके बच्चे को एक भरोसेमंद मां मिल ही जाएगी।

    पहचान छुपाने के लिए मैंने अपनी सभी कहानियो में जगहों के नाम गुप्त रखे हैं और मुख्य किरदारों के नाम भी बदल दिए, हालांकि सहायक किरदारों के नाम कही कही असली इस्तेमाल किये गए हैं।

    प्रतिमा का असली नाम प्रतिमा नहीं हैं। एक कहानीकार के रुप में मेरा उपनाम प्रतिमा हैं और इसी नाम का इस्तेमाल मैंने अपनी कहानी की मुख्य नायिका के लिए किया।

    प्रतिमा की कहानिया आप इतने दिन से पढ़ रहे हैं। मेरे कुछ पाठको ने भी प्रेरणा लेकर अपनी आपबीती सांझा की है। उनमे से वो चुनिंदा सच्ची और अच्छी कहानियां मै आगे आपके सामने लाउंगी।

    आशा हैं कि प्रतिमा की कहानियो की तरह आप मेरी दूसरी कहानियां भी पसंद करेंगे।

    [email protected]

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