Aakhiri Dagar, Purane Humsafar – Episode 14

This story is part of the Aakhiri Dagar, Purane Humsafar series

    अपनी आदत के अनुसार मैंने सोते वक़्त अपने कपडे तो खोल दिए पर पहनने के पहले ही राहुल ने मुझे नंगा देख लिया था और मैं आँखें बंद किये टॉपलेस लेती रही।

    पर तभी मेरे बदन को रजाई ने ढक दिया। मैंने चैन की सांस ली कि मै बच गयी। पर राहुल ने जो मुझे नंगा देख लिया उसका क्या! मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था।

    फिर थोड़ी देर में रजाई के ऊपर आती रोशनी बंद हो गयी। शायद राहुल लाइट बंद कर लेट गया था। मैंने एक कोने से रजाई को थोड़ा ऊपर कर बाहर झाँका. नाईट लैंप की हल्की रोशनी थी।

    मैने महसूस किया कि राहुल ने रजाई बदल दी थी। अब मै अपना टैंक टॉप पहन सकती थी। पर टैंक टॉप था कहा!. मैंने चारो तरफ हाथ घुमाया पर टैंक टॉप नहीं मिला. शायद रजाई निकालते वक्त टैंक टॉप भी उसके साथ चला गया, या कही गिर गया था।

    उसको ढूंढने के लिए मुझे उठना पड़ेगा, और उस हल्की रोशनी में मेरा नंगापन तो राहुल को फिर दिख ही जाऐगा.
    मैने सोचा बिस्तर के दुसरी तरफ पड़े अपने कपड़े ही पहन लेती हूँ, मेरा टॉप और कैपरी पैंट वहीं पड़े हैं। मै बिस्तर के दुसरी तरफ लुढ़की और नीचे देखा पर मेरे कपड़े वहां नहीं थे.

    मैने तो कपड़े खोल कर वहीं गिराए थे फिर कहा गए! कही राहुल ने मेरे साथ मस्ती करने के लिए कपड़े हटा तो नहीं दिए. मेरी नजर सामने गयी जहा एक हेंगर पर मेरा टॉप और कैपरी लटके हुए थे.

    राहुल ने ही नीचे गिरे कपड़े देख उन्हे संभाल कर रख दिया होगा। पर इस चक्कर में मै फंस चुकी थी। मुझे उठकर वो कपड़े लेने थे.

    मगर राहुल तो अभी अभी लेटा हैं, वो अभी जाग रहा होगा। अभी उठना ठीक नहीं होगा। मैंने थोड़ा इंतजार करना ठीक समझा.

    मेरी आंख कब लग गयी मुझे पता ही नहीं चला. सुबह मेरा हाथ मेरे पेट पर पड़ा और मुझे अहसास हुआ कि मै नंगी लेटी हूँ. मेरे बदन पर रजाई भी नहीं ढकी थी।

    रजाई को मै अपने पांवो के नीचे छूता हुआ महसूस कर पा रही थी। रात को सोते वक्त मैंने शायद अपनी रजाई लात मार कर हटा दी होगी या हो सकता हैं राहुल ने ही मुझे देखने के लिए यह किया होगा।

    हो सकता हैं राहुल जाग रहा हो. मैंने हल्की सी पलके खोली, वहां उजाला था। पर कोई दिखाई नहीं दिया। मैंने पूरी आंख खोल दी और इधर ऊधर देखा तो राहुल नहीं था।

    मै उठ बैठी और दायें बायें देखने लगी मेरा टैंक टॉप कहा हैं। मगर वो कही दिखा नहीं. तभी राहुल वहां आ गया, उसके हाथ में मेरा टैंक टॉप था।

    राहुल: “तुम शायद यह ढूंढ रही हो!”

    मैने मेरे पांवो में पड़ी रजाई को तुरंत खिंच कर अपने आप पर डाल कर बदन को ढक लिया और राहुल को गुस्से में देखने लगी।

    मैं: “तुम्हे शर्म नहीं आती किसी लड़की को ऐसे देखते हुए?”

    राहुल: “पहले तुम खुद अपने कपड़े निकालती हो, फिर खुद लात मार कर अपनी रजाई निकाल देती हो. फिर भी दोष मेरा! ”

    मैं: “तुम्हे पता था रजाई गलती से निकल गयी हैं तो फिर से ओढ़ा भी तो सकते थे!”

    राहुल: “पिछली बार कोशिश की थी, क्या मिला? एक थप्पड़!”

    मैं: “पर कम से कम देखना तो नहीं चाहिये ना. नजरे फेर लेते”

    राहुल: “ठीक हैं मै ऊधर देखता हूँ, तुम यह पहन लो”

    उसने वो टैंक टॉप मुझे दे दिया और मैंने जल्दी से उसे पहन लिया। मै अब टैंक टॉप और हॉट शार्ट में रजाई के बाहर आयी। मै वाशरूम की तरफ जाने लगी। अलमारी के आईने के सामने से निकली तो उस सफ़ेद टैंक टॉप और काले हॉट शार्ट में मेरा गौरा बदन बहुत सेक्सी लग रहा था।

    नीचे छाती पर नजर दौड़ाई तो मेरे मम्मे उस टैंक टॉप में फुले हुए थे और निप्पल का तीखापन टैंक टॉप को चीरते हुए जैसे बाहर आ रहा था।

    राहुल मेरी तरफ देख रहा था और शरम के मारे मै उसके आगे से भागते हुए सीधा वाशरूम के अंदर भागी. वो मेरा नाम ले मुझे रोक रहा था पर मै बिना सुने चली गयी।

    वाशरूम में जाकर मैंने अपने आप को ऊपर से नीचे ध्यान से देखा. राहुल ने यह सब देखकर पता नहीं कैसे काबू किया होगा। मैंने उसको फालतू ही डाँट दिया था।

    मैने सोचा मै नहा भी लेती हूँ. राहुल के बारे में सोचते सोचते पता ही नहीं चला और मै अपने कपड़ो सहित टब में उतर गयी और कपड़े गीले हो गए.

    अब वैसे भी कुछ हो नहीं सकता था तो मै कपड़े उतार पूरी नंगी हो गयी और आराम से नहाने लगी। वाशरूम के दरवाजे पर दस्तक हुआ और राहुल ने कहा कि वो बाहर जा रहा हैं और थोड़ी देर में वापिस आ जायेगा.

    नहा लेने के बाद मै टब में खड़ी हुयी तो देखा टॉवल तो हैंडल पर था ही नहीं. बाहर राहुल भी नहीं था जो मुझे टॉवल पास करा दे.

    मै अपने हाथों से ही अपने बदन पर गिरा पानी पोंछने लगी। मैंने सोचा मै वो गीले टैंक टॉप और हॉट शार्ट पहन कर बाहर जाती हूँ और जल्दी से बाहर से टॉवल और अपने कपड़े ले आती हूँ.

    अपने टैंक टॉप और शार्ट को अच्छे से निचोड़ कर पानी निकाला और फिर से पहनने लगी। गीले कपड़े पहनते बुरा लग रहा था पर कोई दुसरा विकल्प नहीं था।

    वो सफ़ेद टैंक टॉप तो मेरे बड़े मम्मो के ऊपर अब चिपक चुका था और मेरे गुलाबी निप्पल और मम्मे साफ़ दिख रहे थे। मम्मे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे पर नंगा बाहर जाने से बेहतर था कि टैंक टॉप पहन कर जाऊ.

    मैने वाशरूम का दरवाजा खोला और मुंह बाहर निकाल कर राहुल को आवाज दी ताकि कन्फर्म कर लु कि वो वहां नहीं हैं। कोई जवाब नहीं आया और मैंने बाहर आयी। एक तरफ रूम में घुसने का दरवाजा था और दुसरी तरफ बिस्तर की तरफ जाने का रास्ता.

    बिस्तर के दूसरे किनारे पर टॉवल पड़ा था और अलमारी के आगे मेरे कपड़े हेंगर में लटके थे। मै दौड़ते हुए कपड़ो की तरफ लपकी.

    तभी पीछे से रूम का दरवाजा खुला और राहुल अंदर आ गया। मै वहीं रुक गयी और पीछे मुड़ी. कपड़ो तक पहुंचने के मुकाबले वाशरूम मेरे ज्यादा करीब था।

    मै फिर वाशरूम की तरफ भागी जहा आगे राहुल भी खड़ा था। पांव थोड़े गीले थे और मै फिसल गयी और राहुल ने मुझे थाम लिया। उसका एक हाथ मेरी छाती पर लगा और मेरे गीले मम्मे दब गए. उसने मुझे उठाया और मै उसकी बाहों में थी। मेरी धड़कने बहुत तेज हो गयी थी।

    उसने अपने हाथ मुझ पर से हटाए और आगे बढ़ने लगा और मै उसकी आँखों में झांकते, डरते हुए उलटे कदम पीछे चलती रही. जल्द ही मेरे पांव बिस्तर से टकरा कर रुक गए और मै पिछे नहीं हो पायी।

    राहुल ने मेरे दोनो हाथों को पकड़ा और सीधे छत की तरफ खड़ा कर दिया। फिर उसने मेरे टैंक टॉप के निचले किनारे को दोनो हाथों से पकड़ा और टैंक टॉप को ऊपर उठाने लगा।

    मम्मे तो उसको मेरे गीले टॉप से वैसे ही दिख रहे थे, पता नहीं फिर भी टॉप क्युँ उतार रहा था। नंगे मम्मे भी तो वो थोड़ी देर पहले मुझे सोते हुए देख चुका था।

    अगर उतारना ही था तो मेरा हॉट शार्ट उतार देता, मेरी चूत तो देख पाता. टैंक टॉप मेरे मम्मो से हट गया और मेरे हाथों से निकलता हुआ बाहर आ गया। मेरे मम्मो को थोड़ी राहत भी मिली उस गीले टैंक टॉप से ।

    मै राहुल की आँखों में झाँक रही थी और वो मेरे मम्मो पर नजरे गड़ाए लार टपकाते घूर रहा था। उसने अपना सिर झुकाया और अपने होंठो में मेरा एक निप्पल ले लिया और उसे चूसने लगा।

    मेरे मुंह से एक सिसकी निकल गयी। उसने फिर मुंह और ज्यादा खोलते हुए मेरे निप्पल के आस पास का मम्मो का उभार भी अपने मुंह में भर लिया और मुंह बड़ा कर दबा दिया।

    उसने मेरे मम्मे को छोड़ा और अपना मुंह अब दूसरे मम्मे की तरफ बढाया. मै पीछे हटने लगी पर बिस्तर पर गिरी और पीठ के बल लेट गयी।

    मै कोहनी के बल ऊपर खिसकने लगी और अपनी दोनो टांगे भी बिस्तर पर ले आयी। कोहनी के बल मै आधी लेटी और आधी बैठी हुयी थी।

    राहुल मेरी टांगो के दोनो तरफ अपने घुटनो के बल खड़ा हो गया। उसने अपने हाथ आगे बढाए और मेरे हॉट शार्ट को कमर से पकड़ा.

    वो अब मुझे नीचे से पूरा नंगा करना चाहता था। तभी याद आया मैंने 2 महीनो से अपनी चूत के बाल साफ़ नहीं किए थे। वो मेरी चूत पर उगी बालो की झाड़ियां देख क्या सोचेगा.

    मै तुरंत पलट गयी और उल्टा हो कर पेट के बल लेट गयी। राहुल ने एक बार फिर मेरा हॉट शार्ट पकड़ा और कमर से नीचे खिसकाने लगा।

    शार्ट नीचे होते ही मेरी गांड नंगी हो गयी थी। उसने वो गीला हॉट शार्ट जल्दी ही मेरी टांगो से पूरा बाहर निकाल दिया।

    गीले कपड़े शरीर से निकलते ही थोड़ी राहत महसूस हुयी पर अब मै पूरी नंगी बिस्तर पर उल्टा लेटी थी और पास में राहुल खड़ा था।

    मै अब राहुल से चुदवाने को तैयार थी। पर अपनी चूत के बालो के दिख जाने का डर भी था। राहुल ने आज तक मेरी सफाचट चूत देखी थी। मेरे नीचे के बालो को देख तो वो मुझसे नफरत करने लगेगा। तभी मेरी गांड पर सूखा कपडा आकर गिरा. मैंने पीछे मुड़कर देखा वो टॉवल था।

    राहुल: “ज्यादा देर गीले कपड़ो में मत रहो, तुम्हारी गौरी कोमल स्किन पर रेशेस हो जायेंगे ”

    मै टॉवल को अपने नंगे बदन पर लपेट खड़ी हुयी. मैंने मम्मो से लेकर जांघो तक वो टॉवल लपेटा था। अलमारी के हैंडल से लटके हेंगर से मैंने अपना टॉप और कैपरी ले लिया। राहुल की नजर मेरी चूत की तरफ थी जो टॉवल के पिछे छुपी थी।

    राहुल: “तुम्हारे बाल बहुत सुन्दर हैं”

    मै अपने कपड़े लेकर वाशरूम में आ गयी. उसने मेरे बालो की तारीफ तो आज तक नहीं की थी, फिर आज ऐसा क्या स्पेशल था। कही उसने मेरी चूत के बालो को तो नहीं देख लिया, उन्हे तो वो पहली बार देख रहा था। शायद इसी कारण बालो कि तारीफ करते वो मेरी चूत की तरफ देख रहा था।

    बिस्तर पर भले ही मै उल्टा लेती थी पर दोनो टांगो के बीच से तो उसको मेरी चूत के लंबे बाल दिख ही गए होंगे. मुझे अपने दोनो पांव आपस में टाइट बंद कर लेने चाहिये थे.

    अगर वो सच में मेरी चूत के बालो की तारीफ कर रहा था तो इसका मतलब हैं कि उसको मेरे नीचे के बालो से कोई परेशानी नहीं हैं, मै ही दिखाने में शर्मा रही थी।

    पैंटी तो मेरी गीली हो ही चुकी थी तो मै अपना ब्रा, टॉप और कैपरी पहने बाहर आयी। बिना पैंटी के सीधे कैपरी पहने होने से थोड़ा खाली खाली सा लग रहा था।

    राहुल ने कैसे हिम्मत करके मुझे पूरा नंगा किया था। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि मुझे कैसा लगेगा. मै बाहर आयी पर उस से बात नहीं की और अपने बाल और मेकअप सवारने लगी। वो तो पहले ही तैयार बैठा था और मुझे तैयार होते देख रहा था।

    राहुल: “प्रतिमा, तुम्हे नहीं लगता कि मुझे एक चांस मिलना चाहिए, अब तो तुम भी सिंगल हो”

    मै यह बात खुद उसको बोलना नहीं चाह रही थी कि मै भी अब उसमे इंटरेस्टेड हूँ और अब वो खुद मुझे बोल रहा था।

    मैं: “तुम्हे सिर्फ मेरा शरीर चाहिये ना?”

    राहुल: “मै तुमसे शादी करने को भी तैयार हूँ”

    मैं: “मै ही क्युँ? मै एक बच्चे की माँ हूँ और इतने साल मेरे पति के साथ रही हूँ. मै उपयोग की गयी हूँ, तुम्हे कोई भी कुंवारी लड़की मिल जाएगी”

    राहुल: “तुम्हे अच्छे से पता हैं, मै तुमसे प्यार करता हूँ”

    मैं: “अगर मै इतनी खुबसूरत नहीं होती तो क्या फिर भी तुम यहीं कहते”

    राहुल: “मैने तुम्हारा शरीर नहीं, दिल देखकर पसंद किया था”

    मैं: “अगर हम दोनो शादी ना करे और सिर्फ फिजिकल रिलेशन में रहे तो चलेगा तुम्हे?”

    राहुल: “तुम मुझे अभी भी गलत समझ रही हो. मै सिर्फ सेक्स के लिए तुमसे शादी नहीं कर रहा”

    मैं: “तो फिर तुमने अभी मेरे कपड़े क्युँ खोले?”

    राहुल: “मै नहीं चाहता मेरी होने वाली बीवी को गीले कपड़ो से शरीर पर एक भी रेशेस हो. क्या तुम मेरे फार्म हाऊस की मालकिन बनोगी? मै चाहता हूँ कि तुम मेरे बच्चे की माँ भी बनो”

    मैं: “तुम्हारे घर वाले नहीं मानेंगे”

    राहुल: “शादी के लिए मुझे सिर्फ तुम्हारी हां चाहिए”

    मैं: “अगर तुम्हारे घर वाले मान गए तो मेरी भी हां हैं”

    राहुल ने उसी वक्त अपनी माँ को फ़ोन लगाया और मै डर गयी। वो लोग कैसे प्रतिक्रिया करेंगे. राहुल ने उनको मेरे बारे में सब बता दिया। उसके घर वालो ने यहीं कहा कि वो राहुल की पसंद को स्वीकार करते हैं, और उनको सिर्फ दादा दादी बनने का इंतजार हैं।

    यह सुनकर मै शर्मा गयी। राहुल ने फ़ोन रखा और मुझे अपने सीने से लगा लिया।

    राहुल: “अब तो तुम्हे मेरा होने में कोई दिक्कत नहीं हैं। मै तुम्हारे घर वालो से बात कर लूंगा. तुम्हारा तलाक कब फाइनल हो रहा हैं?”

    मैं: “अभी 9 महीनो का पिरीयड और बाकी हैं”

    राहुल: “अगर तुम्हे आपत्ति ना हो तो हम बच्चे की तैयारी अभी से शुरु कर दे! हमारी शादी और बच्चा दोनो लगभग एक साथ होंगे”

    मैं: “मुझे कोई आपत्ति नहीं हैं”

    मै भी इतने सालो तक तड़पी हूँ कि मै अपने पति के बच्चे की माँ बनु पर अशोक के कम स्पर्म काउंट की वजह से मै उसके बच्चे की माँ कभी बन नहीं पायी थी। अब आखिरकार जाकर मेरा सपना शायद पूरा होने वाला था। मै राहुल के बच्चे की माँ बनूँगी.

    अगले एपिसोड में पढ़िए कि क्या राहुल और मेरा प्यार परवान चढ़ पायेगा या नहीं।

    [email protected]

    Leave a Comment