Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 35
अपने आपको सम्हालते हुए ज्योति ने इधर उधर देखा। वह दोनों वाटर फॉल के दूसरी और जा चुके थे। वहाँ एक छोटा सा ताल था और चारों और पहाड़ ही पहाड़ थे।
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अपने आपको सम्हालते हुए ज्योति ने इधर उधर देखा। वह दोनों वाटर फॉल के दूसरी और जा चुके थे। वहाँ एक छोटा सा ताल था और चारों और पहाड़ ही पहाड़ थे।
ज्योतिजी और सुनीलजी झरने में कूद पड़े और तैरते हुए वाटर फॉल के निचे पहुँच कर उंचाइसे गिरते हुए पानी की बौछारों से भीगने लगे!
सुनील और जस्सूजी मर्दों को कपडे बदलने के रूम में चले गए। पर झरने के पास पहुँचते ही सुनीता जनाना कपडे बदलने के कमरे के बाहर रूक गयी और कुछ असमंजस में पड़ गयी।
जम्मू स्टेशन से कैंप की और टैक्सी चला कर ले जाते हुए पुरे रास्ते में सुनील को ऐसा लगा जैसे टैक्सी ड्राइवर “शोले” फिल्म की “धन्नो” की तरह बोले ही जा रहा था।
सुनीलजी उम्मीद कर रहे थे की उनकी पत्नी सुनीता उनके आने का इंतजार कर रही होगी। उन्होंने कम्बल मे आते ही सुनीता को अपनी बाहों में लिया और उसे चुम्बन करने लगे।
नीतू ने जब इशारा किया की कर्नल साहब सुनीलजी की बीबी सुनीताजी की चुदाई कर चुके थे और उसके कुछ देर बाद उसी वक्त सुनीताजी अपने पति से चुद रही थी!
नीतू की चूत यह सोच कर इतनी गीली हो रही थी की उसके लिए अब और इंतजार करना नामुमकिन सा लग रहा था। तभी उसे अचानक कुछ हलचल महसूस हुई।
सुनीता के पति सुनील ने उससे से वचन जो लिया था की दिन में ना सही पर रात को जरूर वह सुनीता को खाने मतलब सुनीता की लेने (मतलब सुनीता को चोदने) जरूर आएंगे।
दोनों जवाँ बदन एक दूसरे की कामवासना में झुलस रहे थे। नीतू कुमार के मुंह की लार चूस चूस कर अपने मुंह में लेती रही। और दोनों की जुबाने आपस में टकराने लगी!
नीतू के सोने के कुछ देर बाद नीतू के पति ब्रिगेडियर खन्ना नीतू को मिलने के लिए नीतू की बर्थ के पास पहुँचने वाले थे, तब सुनीता ने उन्हें देखा।
इस कहानी में मैं रूपाली अपने मजेदार सेक्स व किस्म के बारे में बताने। मेरी कजिन भाई के साथ और मूसा जी के साथ मजेदार सेक्स कहानी का मजा लीजिये।
जैसे ही कुमार ने नीतू का हाथ थामा तो नीतू के पुरे बदन में एक बिजली सी करंट मार गयी। नीतू के रोंगटे खड़े हो गए। आगे कहानी पढ़िए और मजे लीजिये!
जानिए पापा के दोस्त और उनके बेटे के साथ एक नया रिश्ता बना, वो दोनों में घर आये थे और उसी रात उन दोनों के लोडे मेरी गांड में घुस गए!
जस्सूजी अपने लम्बे कद के कारण थोड़ा सा पॉंव लंबा करने में कष्ट महसूस कर रहे थे। सुनीता ने जब यह देखा तो जस्सूजी के दोनों पाँव उठाकर अपनी गोद में ले लिए।
सुबह होते ही सब नहा धो कर फ्रेश होकर ट्रैन में ले जाने के लिए नाश्ता बगैरह बची खुची तैयारी होते ही सब कपडे पहन कर ट्रिप पर जाने के लिए तैयार होने लगे।
अनायास ही सुनीता अपने पति के लण्ड के साथ जस्सूजी के लण्ड की तुलना करने लगी। सुनीलजी का लण्ड काफी लंबा और मोटा था पर जस्सूजी के सामने शायद कुछ भी नही।
ये मेरी और मेरी भाभी की चुदाई का दूसरा भाग है, जिसमे जाने शिमला में भाभी और मेरे बीच क्या क्या हुआ था, उमीद है यह भाग भी आपको पसंद आएगा!
सुनीता ने जब जस्सूजी से यह वाक्य सुने तो वह गदगद हो गयी। सुनीता के हाथ में जस्सूजी का आधा तना हुआ लंड था जिसे वह प्यार से सेहला रही थी।
Dosti girlfriend ke birthday ke moke par mujhe kaise uski friend Neha ki chudai karne ka moka mil gya, ye aap is kahani me janege.
सुनीता जानती थी की उसमें उतनी हिम्मत नहीं थी की वह जस्सूजी को रोक सके। इसका कारण यह था की वह खुद भी जस्सूजी से चुदवाना चाहती थी।