चुदाई के रंग में रंगी मेरी चुदक्कड़ मां-3
मुझे अपना पड़ोसी बहुत अच्छा लगा, लेकिन मेरी मम्मी को उसकी मम्मी जमी नहीं। फिर कैसे मैंने मम्मी को ज़िंदगी जीने की सलाह दी, वो पढ़िए।
मुझे अपना पड़ोसी बहुत अच्छा लगा, लेकिन मेरी मम्मी को उसकी मम्मी जमी नहीं। फिर कैसे मैंने मम्मी को ज़िंदगी जीने की सलाह दी, वो पढ़िए।
मैं और गौरव साथ बैठे थे, और बातें कर रहे थे। कैसे हम दोनों ने एक-दूसरे को अपने पोर्न इंटरेस्ट के बारे में बताया और फिर मुठ मारी, वो पढ़िए।
शादी से लेके अब तक मेरी मां ने सिर्फ मेरे बाप की गालियां खाई थी। उसकी प्यास भी अधूरी थी। कैसे नए पड़ोसियों की एंट्री हुई हमारी लाइफ में, पढ़े।