Drishyam, ek chudai ki kahani-30

मैं तो भोली गँवार गवालन थी। तुमने मैं की लत क्यों डाली? नाजुक सी भोली बीवी मांगे पति से लोडा पर पति है के कमबख्त मानता ही नहीं।

Drishyam, ek chudai ki kahani-14

एक इंसान के दिमाग का चुदाई देखने का फितूर जिंदगी की कहानी को कैसे और कितने मोड़ दे देता है। पढ़िए इस हिन्दी सेक्स कहानी में!

Drishyam, ek chudai ki kahani-13

तेरा भाई साला खुद ही तुझे चुदवाने के लिए बेचैन था। वही मुझे बुलाकर यहाँ ले आया है। वही वहाँ सीढ़ी के ऊपर खड़ा खड़ा रोशनदान में से आज तुझे चुदते हुए देख रहा है।

Drishyam, ek chudai ki kahani-12

कालिया ने अपना पाजामे का नाडा खोल दिया। अपनी निक्कर निकाल फेंक कालिया ने कालिया नाग के जैसे अपने लण्ड को सिम्मी के सामने प्रस्तुत किया।